गोदाम निर्माण पर केंद्र का फोकस: उपभोग वाले क्षेत्रों में बनेंगे बड़े गोदाम, पैक्स को मिलेगी खाद वितरण में प्राथमिकता – Jaipur News

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गोदाम निर्माण पर केंद्र का फोकस:  उपभोग वाले क्षेत्रों में बनेंगे बड़े गोदाम, पैक्स को मिलेगी खाद वितरण में प्राथमिकता – Jaipur News
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गोदाम निर्माण पर केंद्र का फोकस: उपभोग वाले क्षेत्रों में बनेंगे बड़े गोदाम, पैक्स को मिलेगी खाद वितरण में प्राथमिकता – Jaipur News

सहकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी ने राजस्थान में गोदाम निर्माण की संभावनाओं पर चर्चा की।

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सहकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी ने राजस्थान में गोदाम निर्माण की संभावनाओं पर चर्चा की। उन्होंने शुक्रवार को शासन सचिवालय में अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष-2025 की समीक्षा बैठक में यह बात कही।

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डॉ. भूटानी ने कहा कि राज्य में अन्न भंडारण क्षमता बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने सुझाव दिया कि खरीद केंद्रों के बजाय अधिक उपभोग वाले क्षेत्रों में गोदाम बनाए जाएं। इससे परिवहन खर्च कम होगा। उन्होंने छोटे गोदामों की बजाय पैक्स को बड़े गोदाम बनाने के लिए प्रेरित करने की बात कही।

सहकारिता मंत्रालय के संयुक्त सचिव सिद्धार्थ जैन ने खाद वितरण को लेकर महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पैक्स को खाद वितरण में प्राथमिकता दी जाए। इफको और कृभको जैसी संस्थाएं भी पैक्स को ही आवंटन करें। केंद्र सरकार इसकी नियमित निगरानी करेगी।

जैन ने कहा कि पिछले साल की तुलना में इस वर्ष 25 से 30 प्रतिशत अधिक खाद का वितरण पैक्स के माध्यम से हो। उन्होंने निर्देश दिया कि खाद की डिलीवरी पैक्स स्तर तक की जाए। जिन पैक्स के पास फर्टिलाइजर लाइसेंस नहीं है, उन्हें दिलवाया जाए।

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उन्होंने कहा कि जन-धन केन्द्र लोगों की अधिक आवाजाही वाले स्थानों पर खोले जाएं। जिन पैक्स का कम्प्यूटराइजेशन किया जा रहा है, उन सभी में कॉमन सर्विस सेंटर बनाने के प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि पैक्स कम्प्यूटराइजेशन की समयबद्ध क्रियान्विति तथा दुग्ध उत्पादकों को अधिक रुपे कार्ड जारी करने के लिए नाबार्ड के स्तर से मॉनिटरिंग व्यवस्था सुदृढ़ किए जाने की आवश्यकता है।

बैठक में सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव एवं रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां मंजू राजपाल ने प्रस्तुतीकरण देते हुए अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के अंतर्गत आयोजित की जा रही गतिविधियों एवं सहकार से समृद्धि कार्यक्रम की विभिन्न पहलुओं की प्रगति से अवगत करवाया।

उन्होंने बताया कि राज्य में 41 हजार से अधिक सहकारी समितियां हैं, जिनके एक करोड़ से अधिक सदस्य हैं। प्रदेश के लगभग 80 लाख कृषक सहकारिता से जुड़े हुए हैं। राजपाल ने बताया कि तक 4837 पैक्स को गो-लाइव किया जा चुका है और हम मई माह के अंत तक 5000 पैक्स गो-लाइव करने के लक्ष्य के बहुत निकट हैं।

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उन्होंने बताया कि भारतीय बीज सहकारी समिति की सदस्यता के लिए राज्य की लगभग 2000 समितियों द्वारा आवेदन किया गया है। राष्ट्रीय स्तर की तीन नई सहकारी समितियों की नोडल एजेंसी के रूप में राजफेड को नामित किया गया है तथा उनके साथ एमओयू की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। साथ ही, नई एम-पैक्स एवं डेयरी सोसाइटी के गठन की दिशा में भी राज्य में अच्छा कार्य हुआ है।

राजपाल ने बताया कि राज्य में 500 मीट्रिक टन क्षमता के 100 गोदाम स्वीकृत किए गए हैं। नवनिर्मित अन्न भण्डारण गोदामों का उद्घाटन माननीय मुख्यमंत्री के कर-कमलों से जून माह में करवाया जाना प्रस्तावित है।

उन्होंने बताया कि 5 प्रतिशत अनुदान पर कृषि एवं अकृषि ऋण की योजना को स्वयं सहायता समूहों के लिए विस्तारित किया जा रहा है। राजीविका के उत्पादों को कॉनफैड और जिला सहकारी भंडारों के विक्रय केन्द्रों पर बिना किसी शुल्क के उपलब्ध करवाया जाएगा और अन्न आउटलेट खोले जाएंगे। ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के अंतर्गत मनरेगा के माध्यम से पैक्स द्वारा नर्सरी शुरू करने पर फोकस किया जा रहा है। ‘म्हारो खातो, म्हारो बैंक’ अभियान के तहत डेयरी सोसायटियों के सहकारी बैंकों में खाते खोले जा रहे हैं।

बैठक में राजस्थान राज्य भण्डार व्यवस्था निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक संदीप वर्मा, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के प्रमुख शासन सचिव सुबीर कुमार, पशुपालन, मत्स्य एवं गोपालन विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा, उद्यानिकी आयुक्त सुरेश कुमार ओला, राजफेड के प्रबंध निदेशक मोहम्मद जुनैद और नाबार्ड के चीफ जनरल मैनेजर डॉ. राजीव सिवाच सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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