गुना अस्पताल में शव को गैलरी में रखकर लगाया ताला: सिविल सर्जन ने कहा-बाहर नहीं रखना था, गलती हुई ; खंभे से टकराने से हो गई थी मौत – Guna News

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गुना अस्पताल में शव को गैलरी में रखकर लगाया ताला:  सिविल सर्जन ने कहा-बाहर नहीं रखना था, गलती हुई ; खंभे से टकराने से हो गई थी मौत – Guna News

गुना अस्पताल में शव को गैलरी में रखकर लगाया ताला: सिविल सर्जन ने कहा-बाहर नहीं रखना था, गलती हुई ; खंभे से टकराने से हो गई थी मौत – Guna News

पीएम रूम का स्टाफ शव को गैलरी में रखकर ताला लगाकर चला गया।

गुना जिला अस्पताल में फिर एक बार मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। एक्सीडेंट में मृत युवक के शव का पीएम करने के बाद पीएम रूम के बाहर गैलरी में रख दिया गया। स्टाफ पोस्टमार्टम रूम का ताला बंद कर के चले गए। ढाई घंटे तक शव गैलरी में ही रखा

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मिली जानकारी के अनुसार दौराना के पास बावड़ी खेड़ा में रहने वाले बंटी लोधा(25) पुत्र तूफान सिंह अपने साथियों के साथ शनिवार को गुना में आयोजित एक शादी समारोह में शामिल होने आए थे। रात 3 बजे के आसपास वह शादी में शामिल होने के बाद अपने गांव जाने के लिए बाइक से निकले। उनके साथ और भी बाइक पर उनके साथ जा रहे थे। तभी बाकी साथी पेट्रोल पंप पर पानी पीने के लिए रुक गए। बंटी ने कहा कि वह आगे चल रहे हैं।

इसी दौरान गोकुल सिंह के चक्क के पास उनकी बाइक सड़क के बीच में लगे बिजली की खंभे से टकरा गई। उनका सिर सीधे खंभे में लगा। इससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। पीछे आ रहे दोस्त उन्हें लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। यहां रविवार सुबह जिला अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम किया गया।

गैलरी में रख दिया शव

जिला अस्पताल में पीएम के बाद डॉक्टर चले गए। मामले में मानवता को शर्मसार करने वाला काम तब्बूक, जब पीएम के बाद स्टाफ ने शव को पीएम रूम के बाहर गैलरी में रख दिया। स्टाफ पीएम रूम के गेट का ताला बंद कर चला गया, जबकि एम्बुलेंस आने तक शव अंदर ही रहता है। परिवार वाले गैलरी में ही बैठकर एम्बुलेंस का इंतजार करते रहे।

परिजन शव को स्ट्रेचर पर लेकर बाहर आए।

ढाई घंटे बाद आई एम्बुलेंस

मृतक के साथ ने बताया कि लगभग ढाई घंटे बाद एम्बुलेंस आई। परिवार वाले शव को स्ट्रेचर पर रखकर बाहर तक ले गए। परिजन अधिकारियों और एंबुलेंस चालक को लगातार फोन करते रहे, लेकिन मदद के बजाय उन्हें बेरुखी और बदसलूकी का सामना करना पड़ा। देर से पहुंचे ड्राइवर ने भी परिजनों से अभद्रता की और मदद करने के बजाय ठेकेदार से बात करने को कह दिया।

ढाई घंटे के बाद एम्बुलेंस आई।

इस मामले में सिविल सर्जन डॉ वीएस रघुवंशी ने बताया कि, “पोस्टमार्टम के बाद शव को गैलरी में रखा गया था। मेरी जानकारी में आने पर पीएम करने वाले ने बताया कि अटेंडर द्वारा लगातार दबाव बनाया जा रहा था कि शव को बाहर रखा जाए, जिसके चलते शव को गैलरी में रखा गया। वहीं, एंबुलेंस देर से पहुंचने का कारण यह था कि पुराने चालक के स्थान पर एक नए चालक को भेजा गया था, जिसे पहुंचने में देरी हो गई। नए ड्राइवर ने परिजनों से सही व्यवहार नहीं किया, जो गलत है। हालांकि मैं मानता हूं कि जब तक गाड़ी नहीं आती, शव को बाहर नहीं रखना चाहिए था। यह गलती पहली बार हुई है और आगे से ऐसी स्थिति नहीं दोहराई जाएगी।”

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