गांव में सड़क नहीं…फायर ब्रिगेड, पुलिस, एंबुलेंस तक नहीं पहुंचती: पटना के मोगलानीचक में चारपाई पर जाते हैं मरीज, ग्रामीण बोले- सरकार बस जमीन दे, सड़क हम बना लेंगे – Patna News

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गांव में सड़क नहीं…फायर ब्रिगेड, पुलिस, एंबुलेंस तक नहीं पहुंचती:  पटना के मोगलानीचक में चारपाई पर जाते हैं मरीज, ग्रामीण बोले- सरकार बस जमीन दे, सड़क हम बना लेंगे – Patna News
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गांव में सड़क नहीं…फायर ब्रिगेड, पुलिस, एंबुलेंस तक नहीं पहुंचती: पटना के मोगलानीचक में चारपाई पर जाते हैं मरीज, ग्रामीण बोले- सरकार बस जमीन दे, सड़क हम बना लेंगे – Patna News

पटना के मोकामा विधानसभा क्षेत्र स्थित मोगलानीचक गांव में आज तक पक्की सड़क नहीं बन पाई है। गांव, चारों तरफ से टाल क्षेत्र से घिरा हुआ है।

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बरसात के मौसम में कच्ची सड़क भी नहीं बचती है। ग्रामीणों का यहां तक कहना है कि सरकार बस जमीन मुहैया करा दे, हम दशरथ मांझी की तरह खुद ही रास्ता बना लेंगे।

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हालत यह है कि मरीजों को चारपाई पर डेढ़ से दो किलोमीटर तक ले जाना पड़ता है। इसके बाद ही एंबुलेंस मिल पाता है। इसके कारण पिछले 45 वर्षों में 20 से अधिक मरीजों की रास्ते में ही मौत हो चुकी है।

गांव में आग लगने पर फायर ब्रिगेड की गाड़ी तक नहीं पहुंच पाती है। बरसात के मौसम में शिकायत के बाद पुलिस भी नहीं आती है। गांव में सड़क नहीं होने के कारण यहां के युवाओं को पलायन करना पड़ता है।

कहीं आने-जाने के लिए भी गांव के लोगों को दो किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ता है। उसके बाद ही गाड़ी मिल पाती है। गांव की स्थिति से परेशान होकर एक दर्जन परिवार पलायन भी कर चुके हैं।

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ग्रामीणों का छलका दर्द…

  • स्थानीय निवासी राजबल्लभ मांझी का कहना है कि मरीजों को चारपाई पर दो किलोमीटर तक ले जाना पड़ता है। वहां से वाहन की सुविधा मिलती है। पिछले 45 वर्षों में 20 से अधिक मरीजों की रास्ते में ही मौत हो चुकी है। सड़क न होने के कारण गांव में शादी-विवाह में भी दिक्कतें आती हैं। रिश्ता देखने आने वाले लोग गांव की स्थिति देखकर लौट जाते हैं। इस समस्या के कारण 10 से अधिक परिवार पहले ही गांव छोड़कर जा चुके हैं।
  • स्थानीय निवासी सारो देवी ने बताया कि गर्मी में भी उन्हें पैदल ही लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। खेतों से होकर गुजरने पर मालिकों की डांट सुननी पड़ती है। कुछ खेत मालिक तो रास्ते में कांटे भी बिछा देते हैं।
  • उमाशंकर मांझी ने कहा कि हमलोगों को कई बार टेंडर हो जाने और जल्द सड़क बनने का सांत्वना मिला है, लेकिन वह फाइल कहीं अटक जाती है। पुलिस, गर्मियों के दिन में तो कभी-कभार आती है, लेकिन बरसात में शिकायत के बाद भी यहां नहीं पहुंचती है।

ग्रामीणों को इन्हीं रास्तों से होकर आना-जाना पड़ता है।

जमीन की नापी हुई, लेकिन अब तक कोई काम नहीं

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ग्रामीण, सड़क की मांग को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से लेकर विधायक अनंत सिंह तक से गुहार लगा चुके हैं। इसके बाद भी सुनवाई नहीं हुई। ग्रामीणों का कहना है कि 2024 मानसून के दौरान बरसात के दौरान सड़क के लिए जमीन की नापी भी हुई, लेकिन अब तक कोई काम शुरू नहीं हुआ।

विधायक नीलम देवी ने कहा कि…

गांव से निकलने वाले रास्ते की सारी जमीन निजी है। पूरे विधानसभा क्षेत्र का यह इकलौता गांव है, जहां अब तक सड़क नही पहुंच पाई है। हमलोग RWD से जल्द सड़क बनाने का प्रयास कर रहे हैं, गांव के चारों ओर निजी जमीन होने के कारण मुआवजे को लेकर सड़क बनने में देरी हो रही है। सड़क बनवाने को लेकर सर्वे कर विभाग को भेजा जा चुका है। वहां सामुदायिक शेड बनाने का भी प्रयास किया गया, लेकिन जमीन नहीं रहने के कारण नहीं बन सका।

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वहीं इस मामले को लेकर बाढ़ SDM शुभम कुमार से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन संपर्क नही हो सका।

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