गर्मी से पहले तैयार जयपुर का बिजली सिस्टम: लगातार ट्रिपिंग, ट्रांसफार्मर फेल होने और लंबे शटडाउन से उपभोक्ताओं को मिलेगा लाभ – Jaipur News h3>
पिछली गर्मियों में जयपुर में 26% तक बढ़ी बिजली की मांग ने सिस्टम को बुरी तरह हिला दिया था। कई इलाकों में लगातार ट्रिपिंग, ट्रांसफार्मर फेल होने और लंबे शटडाउन से उपभोक्ताओं को परेशानी हुई थी। इस बार डिस्कॉम ने चारदीवारी से लेकर शहर के बाहरी इलाकों तक
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जयपुर डिस्कॉम की मैनेजिंग डायरेक्टर आरती डोगरा ने बताया- इस बार डिमांड के अनुमान को देखते हुए लोड की माइक्रो प्लानिंग की गई है। शहर में 626 नए ट्रांसफॉर्मर इंस्टॉल किए गए हैं। 185 नए 11 केवी फीडर बनाए गए हैं। पुराने, ज्यादा लोड वाले फीडरों को छोटे हिस्सों में बांट दिया गया है, ताकि ट्रिपिंग कम से कम हो।
सांगानेर से आमेर तक 54 हजार नए कनेक्शन इस साल 1 अप्रैल तक जयपुर शहर में 54 हजार नए बिजली कनेक्शन दिए जा चुके हैं। सांगानेर, मानसरोवर एक्सटेंशन, भांकरोटा, आमेर, बिंदायका, झोटवाड़ा जैसे एरिया में डिमांड काफी तेजी से बढ़ी है। इन्हीं इलाकों में सबसे ज्यादा ट्रांसफॉर्मर अपग्रेड और नए फीडर बनाए गए हैं। शहर में 33 केवी के कुल 146 सबस्टेशन हैं। इनमें 29 पावर ट्रांसफॉर्मर जोड़े गए हैं। इससे इनकी कुल क्षमता अब 2430 एमवीए हो चुकी है। हर सबस्टेशन पर जरूरत के मुताबिक पावर ट्रांसफॉर्मर इंस्टॉल किए गए हैं, ताकि डिमांड बढ़ने पर ट्रिपिंग या फॉल्ट न हो।
अब ट्रांसफार्मर बदलते समय बंद नहीं होगा पूरा फीडर
आरती डोगरा ने बताया- इस बार 11 केवी ट्रांसफॉर्मर सब स्टेशनों पर आइसोलेटर लगाए गए हैं। ताकि अगर किसी ट्रांसफॉर्मर में फॉल्ट हो तो पूरा फीडर बंद न करना पड़े। इससे ज्यादा से ज्यादा इलाकों की सप्लाई चालू रखी जा सकेगी। जयपुर में तीन केबल फॉल्ट लोकेटिंग मशीनें 24 घंटे तैनात रखी गई हैं, ताकि किसी भी लोकेशन पर तुरंत फॉल्ट की पिन पॉइंट पहचान हो सके। ट्रॉली माउंटेड ट्रांसफॉर्मर भी स्टैंडबाय रखे गए हैं। ताकि किसी इलाके में ट्रांसफॉर्मर फेल होते ही सप्लाई जल्दी से बहाल की जा सके।
132 केवी GSS पर भी अपग्रेड का काम अंतिम चरण में
प्रसारण निगम की ओर से शहर के 132 केवी जीएसएस पर भी नए ट्रांसफॉर्मर इंस्टॉल किए जा रहे हैं। 15 अप्रैल तक इनकी भार क्षमता में बढ़ोतरी का काम पूरा हो जाएगा। बिजली शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए डिस्कॉम की कॉल सेंटर टीम 24×7 एक्टिव रहेगी। हर जोन में नोडल अफसर तैनात किए गए हैं। जो बिजली फॉल्ट या शिकायत का फील्ड लेवल पर तत्काल समाधान सुनिश्चित करेंगे।