गढ़पुरा प्रखंड ओडीएफ के बावजूद सैकड़ों परिवार खुले में शौच को विवश

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गढ़पुरा प्रखंड ओडीएफ के बावजूद सैकड़ों परिवार खुले में शौच को विवश

गढ़पुरा प्रखंड ओडीएफ के बावजूद सैकड़ों परिवार खुले में शौच को विवश


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गढ़पुरा,निज संवाददाता। सरकार द्वारा स्वच्छ गांव, समृद्ध गांव बनाने के सपने को साकार करने के लिए चलाया गया अभियान फिलहाल कारगर साबित होता नहीं दिख रहा है। अभी भी लोग खुले में शौच जाने को विवश हैं। दो अक्टूबर 2018 को गढ़पुरा प्रखंड की सभी पंचायतों को ओडीएफ घोषित कर दिया गया था लेकिन यह सिर्फ कागजी खानापूरी तक ही सीमित रह गया। उसमें 3894 परिवारों को लक्षित किया गया जिन्हें 12-12 हजार रुपए की राशि अनुदान के रूप में प्रदान की गई। लेकिन, अब उन शौचालयों की स्थिति यह है कि उसका अस्तित्व ही समाप्त हो चुका है। इस मामले में सरकार द्वारा लोगों को प्रेरित तो किया गया लेकिन अभी भी बहुतेरे गरीब परिवार के लोग शौचालय नहीं रहने की स्थिति में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं।

सामाजिक कार्यकर्ता सुशील सिंघानिया बताते हैं कि गढ़पुरा पंचायत को सबसे पहले ओडीएफ को लेकर राष्ट्रपति पुरस्कार भी मिल चुका है लेकिन दुर्भाग्य कहें की जिस समय यह पुरस्कार मिला उस समय के हालात कुछ और थे। अब परिस्थितियां बदल चुकी हैं और उस हिसाब से आबादी भी बढ़ गई है। ऐसे में सरकार द्वारा वंचित परिवारों को शौचालय उपलब्ध कराना आवश्यक है। इधर, सात निश्चय पार्ट-दो के तहत वित्तीय वर्ष 22-23 के अंतर्गत गढ़पुरा प्रखंड के 1851 परिवारों को ओडीएफ प्लस से जोड़ा गया। इस योजना में भी लाभुकों को 12 हजार रुपये दिए जाते हैं। इसके साथ ही 23-24 के लिए पंचायत से भी सूची मांगी गई है ताकि जो बचे हुए लाभुक हैं उनको इस योजना का लाभ मिल सके। इधर, सरकार द्वारा सामुदायिक शौचालय भी प्रत्येक पंचायत में निर्माण कराया गया, लेकिन वह भी कारगर साबित नहीं हो पाया है। वहीं, स्वच्छ भारत अभियान के तहत तीन-तीन लाख रुपए की लागत से प्रखंड के पंचायत में 18 सामुदायिक शौचालय बनाए गए। उसकी दशा भी ठीक नहीं है। शौचालय में गंदगी का अंबार है। यहां तक कि मोटर टंकी तक खोल लिए गए हैं। कोरियामा वार्ड सात स्थित महादलित मोहल्ले में बनाया गया सामुदायिक शौचालय निर्माण कार्य से ही उपयोग में नहीं आ रहा है। मुखिया अशोक कुमार ने बताया कि मोटर टंकी सब खोल लिया गया है। खिड़कियां भी गायब हैं। लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के प्रखंड कोऑर्डिनेटर विमलेंद्र कुमार ने बताया कि पंचायतों में ओडीएफ प्लस के अंतर्गत वंचित लाभुकों के बीच शौचालय निर्माण के लिए अनुदान की राशि दी जा रही है। वहीं, सामुदायिक शौचालय की वर्तमान स्थिति को लेकर प्रत्येक पंचायत से रिपोर्ट ली जा रही है।

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