गड़बड़ी: मध्याह्न भोजन का दो साल से टेंडर नहीं, नतीजा- पुरानी फर्में बच्चों को जली रोटी, पतली दाल-सब्जी दे रहीं – Sagar News h3>
स्कूलों में मध्याह्न भोजन वितरण का दो साल से टेंडर नहीं हुआ है। इसलिए पुरानी फर्में बच्चों को जली रोट, पतली दाल-सब्जी दे रही। पेरेंट्स इसकी शिकायत प्रधानमंत्री पोषण शक्ति मिशन के संयुक्त आयुक्त से भी कर चुके लेकिन इसके बाद भी अधिकारी न जांच करा रहे औ
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केंद्रीकृत किचिन शेड व्यवस्था के तहत बिना टेंडर व चयन प्रक्रिया के ही समितियों को काम दिया जा रहा। किचिन शेड व्यवस्था के तहत नगरीय निकायों में स्थित सरकारी माध्यमिक स्कूलों के विद्यार्थियों को मध्याह्न भोजन वितरित किया जाता है। इस योजना में नोडल एजेंसी जिला पंचायत है।
मकरोनिया व शाहपुर क्षेत्र के 21 सरकारी स्कूलों में तीन हजार बच्चों को मध्याह्न भोजन वितरित कर रही दिल्ली की घनश्याम सेवा समिति का 30 अप्रैल 2022 को अनुबंध खत्म हो गया। इसके बाद अधिकारियों ने इसे एक साल के लिए बढ़ा दिया लेकिन समिति की ओर से कार्य करने में असमर्थता जताई गई तो जिला पंचायत के अधिकारियों ने नगर निगम क्षेत्र के स्कूलों में भोजन सप्लाई कर रही आकांक्षा समग्र समिति इंदौर को काम दे दिया। इसके लिए कोई टेंडर व चयन प्रक्रिया नहीं हुई।
नए निकायों में अब तक नहीं हुई चयन प्रक्रिया
शिवराज सरकार में बने नए नगरीय निकाय बरोदिया कलां, बांदरी, सुरखी, जैसीनगर, कर्रापुर और बिलहरा में भी केंद्रीकृत किचिन शेड व्यवस्था के तहत नई टेंडर प्रक्रिया अब तक नहीं हुई है। यहां महिला स्व-सहायता समूह ही काम कर रहे हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि इन निकायों में टेंडर प्रक्रिया इसलिए नहीं की जा रही कि इनमें करेंगे तो इनके साथ मकरोनिया, शाहपुर, बंडा और शाहगढ़ में भी करनी पड़ेगी। गढ़ाकोटा, रहली, देवरी, बीना, खुरई और राहतगढ़ में जो फर्म काम कर रही थी वह 2017 में कोर्ट से स्टे ले आई। स्टे को लेकर अब तक कोई अपील या निर्णय नहीं हो सका।
संयुक्त आयुक्त भी मांग चुके जांच रिपोर्ट
मध्याह्न भोजन में जली रोट, पतली दाल-सब्जी मिलने की शिकायत बंडा व शाहगढ़ के लोग कर चुके हैं। प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण के संयुक्त आयुक्त आईएस ठाकुर कलेक्टर व जिला पंचायत सीईओ को जांच कराने के लिए कह चुके हैं। जिला शिक्षा केंद्र के परियोजना समन्वयक भी शिकायत मिलने के बाद सीईओ को कार्रवाई के लिए लिख चुके हैं लेकिन इसके बाद भी 2 साल से टेंडर प्रक्रिया नहीं की गई और पुरानी फर्मों से ही काम कराया जा रहा।
बंडा व शाहगढ़ में भी खत्म हो गया था अनुबंध
छतरपुर का मंजुला महिला मंडल बंडा और शाहगढ़ क्षेत्र के अनुदान प्राप्त व सरकारी स्कूलों में केंद्रीयकृत किचिन शेड व्यवस्था के तहत मध्याह्न भोजन प्रदान कर रहा है। यह अनुबंध जिला पंचायत ने 15 अप्रैल 2019 को किया था। इसके तहत मंडल को 15 अप्रैल 2019 से शैक्षणिक सत्र 30 अप्रैल 2022 तक बंडा व शाहगढ़ क्षेत्र के 10 स्कूलों के 2 हजार 647 बच्चों को भोजन वितरित करना था। समय-सीमा खत्म होने के बाद अधिकारियों ने इसे भी बढ़ा दिया और बिना टेंडर बुलाए मंजुला महिला मंडल से ही कार्य कराया जा रहा।
नए सिरे से टेंडर के संबंध में सीईओ लेंगे निर्णय
मध्याह्न भोजन वितरण के नए सिरे से टेंडर के लिए मैं फाइल जिला पंचायत सीईओ के पास भेज चुकी हूं आगे निर्णय उन्हें ही लेना है। 2022 में कलेक्टर ने ही अनुबंध आगे बढ़ाया था। गुणवत्ताहीन भोजन वितरण की शिकायत मेरे पास नहीं आई। यदि कही की होगी तो जांच वरिष्ठ अधिकारी ही कराएंगे।– मेघा सिंह, मध्याह्न भोजन प्रभारी