‘खोखा माफिया’ ने निगम के नाम पर बेच दिए फुटपाथ: मुरादाबाद में नेता-अफसर गठजोड़ से करोड़ों का घोटाला; मेयर बोले-हमसे अप्रूवल नहीं,नगर आयुक्त खामोश – Moradabad News h3>
मुरादाबाद में ‘खोखा माफिया’ ने करोड़ों रुपए वसूलकर शहर के फुटपाथों को बेच दिया। पूरा खेल स्ट्रीट वेंडर्स को व्यवस्थित करने के नाम पर खेला गया है। फुटपाथों को बेचकर शहर को जाम में झोंकने के इस खेल में मुरादाबाद नगर निगम के कुछ अधिकारियों से लेकर जिम्म
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दरअसल मुरादाबाद शहर में कंपनी बाग और रामगंगा विहार में मुरादाबाद स्मार्ट सिटी परियोजना वेंडिंग जोन के अंतर्गत क्योस्क (खोखे) लगवाए गए हैं। ये लकड़ी का स्ट्रक्चर है। इन्हें लॉटरी के जरिए स्ट्रीट वेंडर्स को आवंटित किया गया है। यहां तक तो बात समझ में आती है। लेकिन इसी योजना की आड़ में नगर निगम के कुछ अधिकारियों और नेताओं ने मिलकर दिल्ली रोड पर मानसरोवर कालोनी, कांशीराम नगर और शहर के दूसरे हिस्सों में भी फुटपाथों पर खोखे रखवा दिए। शहर के बाकी हिस्सों में भी ये सिलसिला अभी तक जारी है। जबकि वास्तव में इन खोखों का स्मार्ट सिटी परियोजना वेंडिंग जोन से कोई लेनादेना है ही नहीं।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट बताकर पब्लिक की आंखों में धूल झोंकी मुरादाबाद में सड़क किनारे फुटपाथों पर रखे जा रहे खोखे एक प्राइवेट व्यक्ति तुषार गुप्ता की ओर से रखवाए जा रहे हैं। इन्हें स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का हिस्सा बताकर पब्लिक की आंखों में धूल झोंकी जा रही है। जबकि कंपनी बाग और रामगंगा विहार समेत 2-3 जगहों पर रखे गए लकड़ी के खोखों के अलावा बाकी शहर में रखे जा रहे खोखों का स्मार्ट सिटी वेंडिंग जोन परिजयोना से कोई संबंध नहीं है। लोहे का एक भी खोखा स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत नहीं लगाया गया है। इन खोखों के जो आवंटन लेटर जारी किए गए रहे हैं उनमें स्पष्ट भिन्नता है। अवैध रूप से रखे जा रहे ज्यादातर खोखे लोहे हैं। जिन्हें तुषार गुप्ता नाम का ठेकेदार बनाकर सड़क किनारे फुटपाथों पर रख रहा है।
10 से 15 लाख तक बिक रहे खोखे
शहर में सरकारी जमीन को कब्जा करके फुटपाथों पर रखे जा रहे इन खोखों से ठेकेदार ने करोड़ों रुपए की कमाई की है। एक खोखे को 7.5 लाख रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक में बेचा जा रहा है। इसके अलावा 5400 रुपए प्रति माह किराया भी वसूल किया जा रहा है।
- अब जरा इन खोखों पर नगर निगम के जिम्मेदारों के बयान पढ़िए
मेयर बोले- निगम से कोई अप्रूवल नहीं, कार्यकारिणी में उठाऊंगा शहर में रखे जा रहे लोहे के इन खोखों को लेकर हमसे (नगर निगम से) कोई अप्रूवल नहीं लिया गया है। मैं इस विषय को कार्यकारिणी की बैठक में उठाऊंगा। मैं सख्ती से कहूंगा कि नगर निगम के अप्रूवल के बगैर कोई काम शहर में न हो। फिलहाल इन खोखों को लेकर मेरी जानकारी में इतना है कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत वेंडर्स को व्यवस्थित करने के लिए ये खोखे एक आईएएस के दिशा निर्देशन में लगाए जा रहे हैं। इस बारे में अपर नगर आयुक्त अजीत सिंह बता सकते हैं। खोखे उन्हीं की देखरेख में लगाए जा रहे हैं। जहां कहीं भी ये लोहे के खोखे लगाए गए हैं वहां का निरीक्षण करके जरूरी कदम उठाऊंगा।
फुटपाथों पर लग रहे लोहे के खोखों पर नगर आयुक्त ने चुप्पी साधी
शहर में कांशीराम नगर कालोनी में गौतम बुद्धा पार्क पर रातोंरात रखे गए लोहे के दर्जनों खोखों के बारे में दैनिक भास्कर ने नगर आयुक्त दिव्यांशु पटेल से जानना चाहा कि क्या, ठेकेदार तुषार गुप्ता की ओर से रखे जा रहे लोहे के इन खोखों का नगर निगम से कोई संबंध है ? क्या तुषार गुप्ता को नगर निगम की ओर से ये खोखे लगाने के लिए अधिकृत किया गया है ? इस पर नगर आयुक्त ने कोई जवाब नहीं दिया। लगातार दो दिन तक बार-बार पूछे जाने पर रविवार दोपहर नगर आयुक्त दिव्यांशु पटेल ने रिप्लाई किया कि, वो मुख्यमंत्री की वीसी के बाद फाइल चेक करेंगे।
नगर निगम जवाब दे, खोखे कैसे रखे गए- रितेश इस मामले में शहर विधायक रितेश गुप्ता से दैनिक NEWS4SOCIALसे सवाल किया तो उनका कहना था कि इन खोखों के बारे में नगर निगम के अधिकारी और मेयर को जवाब देना चाहिए। उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि ये खोखे किस योजना और नियम के तहत रखवाए गए हैं।
अपर नगर आयुक्त बोले- मेयर और नगर आयुक्त के अप्रूवल से रखवा रहे खोखे
अपर नगर आयुक्त अजीत कुमार ने दैनिक NEWS4SOCIALसे कहा, तुषार गुप्ता से हम ये खोखे लगवा रहे हैं। इसके लिए मेयर विनोद अग्रवाल और नगर आयुक्त दिव्यांशु पटेल से अप्रूवल लिया गया है। इन दोनों के अप्रूवल से ही खोखे रखवाने का काम चल रहा है।
हालांकि, अपर नगर आयुक्त इस बाबत कोई अनुबंध नहीं दिखा सके हैं। उन्होंने अनुबंध दिखाने का वादा जरूर किया है। अजीत कुमार मुख्यमंत्री का नाम लेने में भी नहीं झिझकते। कहते हैं- मुख्यमंत्री जी की योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर्स को व्यवस्थित करने के लिए फुटपाथों पर खोखे लगवाए जा रहे हैं। सीएम की किस योजना में काम हो रहा है, इसका उनके पास जवाब नहीं है। यदि सीएम की ओर से ऐसी कोई योजना होती तो फुटपाथों पर सरकारी भूमि पर कब्जा करके खोखे रखवाने की हिमाकत अफसर हरगिज नहीं कर पाते। दूसरा इन खोखों के नाम पर 7.5 लाख प्रति खोखा से लेकर 10 लाख रुपए प्रति खोखा तक की वसूली नहीं हो रही होती। ये ठेकेदारों की कमाई का जरिया बनने के बजाए वास्तविक स्ट्रीट वेंडर्स को फ्री में अलॉट हो रहे होते।
ठेकेदार ने कहा- मुझे निगम ने कांट्रेट दिया, कॉपी नहीं दिखा सका
शहर की फुटपाथों पर लोहे के खोखे लगा रहे ठेकेदार तुषार गुप्ता ने दैनिक भास्कर से कहा- मुझे ये खोखे लगाने के लिए नगर निगम से कांट्रेक्ट मिला है। मैं उसी के तहत ये खोखे लगा रहा हूं। हालांकि बार-बार मांगे जाने पर भी तुषार ने कांट्रेक्ट की कॉपी नहीं दिखा सके।
मानसरोवर में ठेकेदार 12 लाख में बेच रहा खोखा मानसरोवर कालोनी के गेट पर एक साइड लगे खोखों में से 7 नंबर खोखे को संचालित करने वाले प्रदीप सिंह का कहना है कि ठेकेदार तुषार गुप्ता पर यहां 5 खोखे हैं। वो एक खोखे को 11 से 12 लाख में बेच रहा है। वही खोखे लगा रहा है। ठेकेदार को 12 लाख रुपए दो खोखा ले लो, नगर निगम या कहीं भी जाने की जरूरत नहीं है।
पब्लिक विरोध करती, इसलिए निगम के नाम पर खेल खेला
शहर में अवैध खोखों की भरमार है। लेकिन ऐसा पहली बार है जब ये अवैध खोखे किसी खोखा माफिया की ओर से नगर निगम के नाम पर रखे जा रहे हैं। पब्लिक विरोध न करे इसलिए इन अवैध खोखों को स्मार्ट सिटी परियोजना के वेंडिग जोन से जोड़कर दर्शाया जा रहा है। जबकि स्मार्ट सिटी परियोजना का वेंडिंग जोन क्योस्क सिर्फ कंपनी बाग, पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस और रामगंगा विहार तक ही सीमित है। ये सारे स्ट्रक्चर लड़की के हैं, लोहे का एक भी स्ट्रक्चर इस परियोजना के तहत नहीं बनाया गया है।
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