क्या वह झगड़ा बना वजह, गौतम गंभीर ने छोड़ी राजनीति, इन जिम्मेदारियों के कारण लिया ये फैसला | gautam gambhir quit politics due to IPL commitment to KKR and commentary had a fight with OP sharma BJP MLA | Patrika News h3>
गंभीर ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘ मैंने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुझे अपने राजनीतिक कर्तव्यों से मुक्त करने का अनुरोध किया है, जिससे मैं क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित कर सकूं। मुझे लोगों की सेवा करने का अवसर देने के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को ईमानदारी से धन्यवाद देता हूं। जय हिन्द!’
गंभीर इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2024 में कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) का हिस्सा हैं। वे बतौर मैंटर इस टीम से जुड़ेंगे। आईपीएल के साथ -साथ लोकसभा चुनाव भी होने जा रहे हैं। ऐसे में अगर गंभीर चुनाव पर फोकस करते, तो शायद वह क्रिकेट को समय नहीं दे पाते। शायद यही वजह है कि दिग्गज खिलाड़ी ने राजनीति छोड़ने का फैसला किया है। आईपीएल के अलावा भी गौतम गंभीर क्रिकेट मैच के लिए कमेंट्री किया करते हैं। इंटरनेशनल मुकाबले में गंभीर को अक्सर कमेंट्री करते देखा गया है। इन्हीं कुछ कारणों से खिलाड़ी ने कहा कि मुझे मेरे राजनीतिक कर्तव्यों से मुक्त करें।
I have requested Hon’ble Party President @JPNadda ji to relieve me of my political duties so that I can focus on my upcoming cricket commitments. I sincerely thank Hon’ble PM @narendramodi ji and Hon’ble HM @AmitShah ji for giving me the opportunity to serve the people. Jai Hind!
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) March 2, 2024
क्या क्रिकेट के अलावा भी कोई वजह है? जिसके चलते गंभीर ने यह फैसला लिया है। क्रिकेट का मैदान हो या राजनीति गंभीर का मिजाज हमेशा गरम रहता है। पिछले साल एक कार्यक्रम के दौरान गंभीर का स्थानीय विधायक ओपी शर्मा के साथ विवाद हुआ था। इस कार्यक्रम में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद थी।
इस घटना के बाद भाजपा दिल्ली से जुड़े एक वर्ग ने गंभीर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। शीर्ष नेतृत्व से मामले में शिकायत भी की गई थी। घटना के बाद स्थानीय विधायक ने कहा था कि सर्व समाज के सम्मेलन में सांसद ने उनके साथ तीखे शब्दों का इस्तेमाल किया। इससे पहले भी कई बार उनके ऊपर आरोप रहे हैं कि वो स्थानीय स्तर पर पार्टी के नेताओं की अनदेखी करते हैं और पार्टी के आयोजनों में बेहद कम हिस्सा लेते हैं।
इसके अलावा गंभीर सांसद बनाने के बाद राजनीति में बेहद सक्रिय नहीं रहे। कुछ चुनिंदा अवसर पर ही वो पार्टी की तरफ से चलाए गए अभियानों व धरना प्रदर्शनों में शामिल हुए। जिससे शीर्ष नेतृत्व भी उनसे नाराज था। ऐसा माना जा रहा था कि पार्टी इस लोकसभा चुनाव में गंभीर का टिकट काट कर नए प्रत्याशी को मैदान में उतारने वाली थी।
गंभीर ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘ मैंने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुझे अपने राजनीतिक कर्तव्यों से मुक्त करने का अनुरोध किया है, जिससे मैं क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित कर सकूं। मुझे लोगों की सेवा करने का अवसर देने के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को ईमानदारी से धन्यवाद देता हूं। जय हिन्द!’
गंभीर इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2024 में कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) का हिस्सा हैं। वे बतौर मैंटर इस टीम से जुड़ेंगे। आईपीएल के साथ -साथ लोकसभा चुनाव भी होने जा रहे हैं। ऐसे में अगर गंभीर चुनाव पर फोकस करते, तो शायद वह क्रिकेट को समय नहीं दे पाते। शायद यही वजह है कि दिग्गज खिलाड़ी ने राजनीति छोड़ने का फैसला किया है। आईपीएल के अलावा भी गौतम गंभीर क्रिकेट मैच के लिए कमेंट्री किया करते हैं। इंटरनेशनल मुकाबले में गंभीर को अक्सर कमेंट्री करते देखा गया है। इन्हीं कुछ कारणों से खिलाड़ी ने कहा कि मुझे मेरे राजनीतिक कर्तव्यों से मुक्त करें।
I have requested Hon’ble Party President @JPNadda ji to relieve me of my political duties so that I can focus on my upcoming cricket commitments. I sincerely thank Hon’ble PM @narendramodi ji and Hon’ble HM @AmitShah ji for giving me the opportunity to serve the people. Jai Hind!
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) March 2, 2024
क्या क्रिकेट के अलावा भी कोई वजह है? जिसके चलते गंभीर ने यह फैसला लिया है। क्रिकेट का मैदान हो या राजनीति गंभीर का मिजाज हमेशा गरम रहता है। पिछले साल एक कार्यक्रम के दौरान गंभीर का स्थानीय विधायक ओपी शर्मा के साथ विवाद हुआ था। इस कार्यक्रम में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद थी।
इस घटना के बाद भाजपा दिल्ली से जुड़े एक वर्ग ने गंभीर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। शीर्ष नेतृत्व से मामले में शिकायत भी की गई थी। घटना के बाद स्थानीय विधायक ने कहा था कि सर्व समाज के सम्मेलन में सांसद ने उनके साथ तीखे शब्दों का इस्तेमाल किया। इससे पहले भी कई बार उनके ऊपर आरोप रहे हैं कि वो स्थानीय स्तर पर पार्टी के नेताओं की अनदेखी करते हैं और पार्टी के आयोजनों में बेहद कम हिस्सा लेते हैं।
इसके अलावा गंभीर सांसद बनाने के बाद राजनीति में बेहद सक्रिय नहीं रहे। कुछ चुनिंदा अवसर पर ही वो पार्टी की तरफ से चलाए गए अभियानों व धरना प्रदर्शनों में शामिल हुए। जिससे शीर्ष नेतृत्व भी उनसे नाराज था। ऐसा माना जा रहा था कि पार्टी इस लोकसभा चुनाव में गंभीर का टिकट काट कर नए प्रत्याशी को मैदान में उतारने वाली थी।