कोहली के साथ खेलने का सपना अधूरा रह गया- वॉर्नर: जावेद अख्तर बोले- विराट के जल्दी संन्यास ने निराश किया, उनमें बहुत क्रिकेट बचा

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कोहली के साथ खेलने का सपना अधूरा रह गया- वॉर्नर:  जावेद अख्तर बोले- विराट के जल्दी संन्यास ने निराश किया, उनमें बहुत क्रिकेट बचा
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कोहली के साथ खेलने का सपना अधूरा रह गया- वॉर्नर: जावेद अख्तर बोले- विराट के जल्दी संन्यास ने निराश किया, उनमें बहुत क्रिकेट बचा

स्पोर्ट्स डेस्क6 घंटे पहले

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डेविड वॉर्नर (दाएं) ने कहा कि विराट कोहली (बाएं) टेस्ट में बेहतरीन लीडर रहे।

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर डेविड वॉर्नर ने कहा, विराट कोहली के साथ एक टीम में खेलने का सपना अधूरा रह गया। मैं IPL में भी विराट के साथ नहीं खेल सका। वहीं गीतकार जावेद अख्तर ने कहा, विराट के जल्दी संन्यास लेने से निराश हूं, उनमें बहुत क्रिकेट बचा था।

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टीम इंडिया के विराट कोहली ने 12 मई को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया। 36 साल की उम्र में रेड बॉल क्रिकेट से रिटायरमेंट के बाद कई दिग्गजों ने कहा कि उन्होंने जल्दबाजी में यह फैसला लिया। विराट टेस्ट में 10 हजार रन भी पूरे नहीं कर सके, उन्होंने 30 सेंचुरी लगाकर 9230 रन बनाए।

वॉर्नर बोले- विराट की टीम में खेलना चाहता था

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डेविड वॉर्नर ने रेव्जस्पोर्ट्ज को दिए इंटरव्यू में कहा, विराट के खिलाफ मैंने 1 दशक तक क्रिकेट खेला, शुरुआती मैचों में ही मुझे पता चल गया कि वे कितने चैलेंजिंग है। तेंदुलकर, द्रविड़, लक्ष्मण जैसे प्लेयर्स के संन्यास के बाद बाद विराट ने टीम की जिम्मेदारी संभाली।

मैंने हमेशा उनके खिलाफ खेलना एंजॉय किया। IPL में जब भी उनके सामने खेला तो उनकी एनर्जी ने मुझे प्रभावित किया। मेरा सपना था कि किसी मौके पर विराट के साथ एक ही टीम में खेलूं। मुझे यह बात हमेशा सताएगी कि सपना अधूरा रह गया।

डेविड वॉर्नर और विराट कोहली 2024 के टी-20 वर्ल्ड कप में आखिरी बार एक-दूसरे के खिलाफ भिड़े थे।

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विराट बेहतरीन लीडर- वॉर्नर

वॉर्नर ने आगे कहा, ‘टेस्ट और वनडे में विराट के रिकॉर्ड बेहतरीन रहे। रन चेज करते हुए तो उनके आसपास भी कोई नहीं। इंडिया के लिए खेलते हुए कभी भी उनकी एनर्जी कम नहीं हुई। विराट की कप्तानी ने उन्हें बाकियों से अलग बनाया, उन्होंने ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में बताया कि वे क्यों खास हैं।

कई प्लेयर्स ने कहा कि विराट को थोड़ा और खेलना चाहिए था, लेकिन मुझे लगता है कि विराट को पता है कि कब उन्हें खेलना बंद करना है। वे अपने गेम को बखूबी जानते हैं, इसलिए मैं उनके फैसले का सपोर्ट करता हूं। वे हमेशा बेहतरीन लीडर के रूप में पहचाने जाएंगे।’

SRH से डेविड वॉर्नर और RCB से विराट कोहली 2016 के IPL फाइनल में अपनी-अपनी टीमों की कप्तानी कर चुके हैं। तब SRH ने RCB को हराकर खिताब जीता था।

वरुण ग्रोवर ने लिखा, कोहली टेस्ट के सबसे बड़े किरदार

स्टैंड-अप कॉमेडियन और मसान जैसी फिल्में लिखने वाले वरुण ग्रोवर ने सोशल मीडिया पर कहा, ‘टेस्ट क्रिकेट बाकी खेलों से अलग है, क्योंकि ये नैरेटिव का खेल है। इतने सारे वैरिएबल- 4 पारियां, 5 दिन, 22 स्पेशलिस्ट, रोज बदलता मौसम, कई बार एक दिन में 3 बार बदलता मौसम, हवा की नमी, पिच की तबीयत, सिक्के से लिखी किस्मत, और हर पल बदलती मानसिक संभावनाएं।

वैसे तो हर खेल अपने आप में जीवन के किसी पहलू का पर्याय होता है लेकिन टेस्ट क्रिकेट किसी लिटरेसी उपन्यास सा है- कई सारी विधा एक ही स्याही में समेटे हुए। इसलिए टेस्ट क्रिकेट में वही सफल हुए, जिनके पास कहने को कोई कहानी थी। लंबी कहानी जो गीली, सूखी, देशी, विदेशी हर पिच पर लिख के भी खत्म न हो।

विराट कोहली इस उपन्यास के पिछले दशक के सबसे बड़े किरदार हैं। उन्होंने न सिर्फ इस उपन्यास के सारे रसों को जिया, बल्कि इसे और समृद्ध भी बनाया।

टीम और भारत को उन्होंने क्या दिया इसपर बहुत लिखा गया है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट की विधा को उन्होंने वो दिया जो कम लोग दे पाते हैं- एक संवेदनशील नायक जो हार और जीत दोनों में सुंदर लगता है।

वरुण ग्रोवर ने लिखा, टेस्ट क्रिकेट में विराट हार और जीत दोनों में सुंदर लगते हैं।

जावेद अख्तर बोले- फैसले पर दोबारा विचार करें विराट

हिंदी फिल्मों के गीतकार और कहानी लेखक जावेद अख्तर भी विराट के संन्यास से निराश नजर आए। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘विराट निश्चित रूप से ज्यादा जानते हैं, लेकिन एक फैन के रूप में मुझे उनके टेस्ट से जल्दी संन्यास ने निराश किया। मुझे लगता है कि उनमें अब भी बहुत क्रिकेट बचा है। मैं उनसे विनती करता हूं कि वे अपने फैसले पर दोबारा विचार करें।’

जावेद अख्तर ने कहा, विराट में बहुत क्रिकेट बचा है।

30 शतक लगाकर रिटायर हुए विराट

टीम इंडिया के सबसे सफल टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने 12 मई को संन्यास लिया। उन्होंने भारत के लिए 123 मुकाबलों में 30 शतक और 31 फिफ्टी लगाकर 9230 रन बनाए। उनकी कप्तानी में भारत ने 68 में से 40 जीत हासिल की। जिनमें ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीत भी शामिल रही। विराट पिछले 5 साल में 3 ही शतक लगा सके, उनके खराब फॉर्म को ही उनके संन्यास की वजह माना जा रहा है।

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