कोहरे व ठंड से रेलयात्रियों की बढ़ी परेशानी
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बरौनी, निज संवाददाता। रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। भीषण ठंड और कोहरे ने ट्रेन पकड़ने आने-जाने वाले यात्रियों की मुसीबत बढ़ा दी है। गत तीन दिनों से मौसम का मिजाज बिगड़ गया है। रोजाना घना कोहरे से रेल यातायात प्रभावित हो रहा है। शनिवार को ट्रेनों के घंटों लेट चलने से रेलयात्री स्टेशन पर ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनकर दुबके नजर आए। पटना, सहरसा, भागलपुर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, हाजीपुर आदि जगहों पर आने-जाने वाली लोकल ट्रेनों में अन्य दिनों की तुलना में इन दिनों यात्रियों की संख्या काफी कम हो गई है। ट्रेनों की ज्यादातर सीट खाली रहती है।
ट्रेन संख्या 12424 राजधानी एक्सप्रेस से जाने वाले यात्री मनोज कुमार, रानी, सरोज कुमार ने बताया कि वे लोग बिजनेस के काम से डिब्रूगढ़ जा रहे हैं लेकिन उनकी ट्रेन लगभग 5 घंटे लेट से बरौनी स्टेशन पर पहुंची है। इस वजह से उनकी प्लानिंग काफी प्रभावित हो रही है। स्टेशन प्रबंधक रजनीश कुमार ने बताया कि कोहरे के कारण ट्रेनों की रफ्तार धीमी पड़ गई है।
लेट पहुंचीं ये ट्रेनें
शनिवार को बरौनी-नई दिल्ली एक्सप्रेस 8 घंटे, 15910 अवध असम 3 घंटे, 12488 सीमांचल एक्सप्रेस 6 घंटे, 12424 राजधानी एक्सप्रेस 5 घंटे, 12554 वैशाली एक्सप्रेस 5 घंटे, 15708 आम्रपाली एक्सप्रेस 3 घंटे, 17005 हैदराबाद-रक्सौल 2 घंटे, 15903 डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस 3 घंटे लेट से चली। इसके अलावा भी कई ट्रेनें घंटों लेट चल रही हैं। नतीजतन यात्रियों को कंपकपाती ठंड में ट्रेनों का इंतजार करने को विवश होना पड़ रहा है।
रेलव ने बहाल कराई सुविधा
ठंड बढ़ने के साथ ही ट्रेनों का विलंब से चलना यात्रियों की बीमारी का कारण बन गई है। प्लेटफार्म पर बैठ कर ट्रेनों का घंटों इंतजार के कारण यात्रियों की मांसपेशियों में खिंचाव और दूसरी बीमारियां घर कर रही हैं। इलाज के लिए उन्हें डॉक्टर से सलाह लेनी पड़ रही है। चालू माह में ठंड के कारण यात्री सफर शुरू करने से पहले ही बीमार पड़ जा रहे हैं। ज्यादातर यात्री सर्दी-जुकाम की शिकायत कर रहे हैं। वहीं, घंटों ट्रेन का इंतजार करने के कारण गले, कमर और पैर में खिंचाव महसूस कर रहे हैं। हालांकि, रेलवे ने ठंड से बीमार पड़ने वाले रेलयात्रियों की सुविधा के लिए स्टेशन पर तैनात रेल कर्मियों की सूचना पर अविलंब चिकित्सक व एम्बुलेन्स की व्यवस्था कर रखा है। साथ ही, यात्रा के दौरान गंभीर रूप से बीमार पड़ने वाले रेलयात्रियों के लिए गढ़हरा रेलवे अस्पताल में भी समुचित व्यवस्था की गई है।
कोहरे ने लगाई ट्रेनों की रफ्तार पर ब्रेक
हर साल ठंड और कोहरे के समय ट्रेनें घंटों देरी से आती हैं। इस वर्ष ऐसा न हो, इसके लिए रेलवे ने व्यापक स्तर पर तैयारी की है। इंजनों में फाग सेफ डिवाइस लगाया गया है। सिग्नलों की पुरानी लाइट बदल दी गई है ताकि इनकी दृश्यता बढ़ जाए। सिग्नलों के आसपास से झाड़ियों को काट दिया गया है। इसके अलावा घने कोहरे में ट्रेनों को चलाने के लिए सैटेलाइट की भी मदद ली जाएगी। बरौनी स्टेशन से 100 से अधिक ट्रेनें चौबीस घंटे में गुजरती हैं। उत्तर भारत की तरफ से आने वाली कुल ट्रेनों में से 50 फीसदी ट्रेनें ठंड के दिनों में देर से आती हैं। ये ट्रेनें देरी से न आएं, इसके लिए रेलवे विशेष प्रयास कर रहा है। इसके चलते आगामी 27 फरवरी तक अंबाला-बरौनी सहित कई ट्रेनों को बंद किया गया है जबकि कई नियमित ट्रेनों के फेरे में कमी की गई है। इसके बावजूद ट्रेनों के विलंबन में कोई कमी नहीं दिख रही है।
बाहर का खाना खाने को विवश हो रहे रेलयात्री
ठंड शुरू होते ही आईआरसीटीसी पर भी ट्रेनों के रनिंग का स्टेट्स पीछे चलना शुरू हो जाता है। ज्यादातर टाइमिंग में बढ़ोतरी ही दिखाई जाती है। ऐसे में यात्री भी ट्रेन छूटने के डर से निर्धारित समय पर ही स्टेशन पहुंच जा रहे हैं लेकिन ट्रेनें 5 घंटे से 8 घंटे तक विलंब से चल रही हैं। इससे यात्रियों को देर तक ट्रेन के इंतजार में बैठना पड़ रहा है। रेलयात्री सफर के लिए जो खाने-पीने का सामान लेकर घर से निकल रहे हैं, वह प्लेटफार्म पर ट्रेन का इंतजार करने के दौरान ही खत्म हो जा रहे हैं। इसके कारण उन्हें भूख मिटाने के लिए बाहर की चीजें खानी पड़ रही हैं जो कि यात्रियों के लिए और मुसीबत पैदा कर रही है।
अलाव का नहीं किया गया बंदोबस्त
रात में ठंड अब लोगों को भारी पड़ रही है। इसके बावजूद स्टेशन पर मुसाफिरों को ठंड से बचाव के लिए कोई बंदोबस्त नहीं किया गया है। इससे रात में रेलवे स्टेशन पर यात्री ठंड से ठिठुर रहे हैं। कहीं भी अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है। शाम छह बजे के बाद ठंड तेज हो जा रही है। बगैर ऊनी कपड़ों के लोग बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। ट्रेन से सफर कर लौटने वाले यात्री ठंड से कांपते दिखाई पड़ते हैं। इसके बावजूद जिला प्रशासन या फिर रेल प्रशासन द्वारा मुसाफिरों को ठंड से बचाने के लिए किसी भी प्रकार का बंदोबस्त नहीं किया गया है। इससे ठंड भरी रात में लोग परेशान हो रहे हैं। दैनिक यात्रियों ने प्रशासन से रेलवे स्टेशनों पर अविलंब अलाव का बंदोबस्त करने की मांग की है।
कहते हैं अधिकारी
स्टेशन पर तैनात रेल अधिकारियों व कर्मियों की सूचना पर ठंड व अन्य कारणों से यात्रा के दौरान व रेलवे स्टेशन या प्लेटफॉर्मो पर बीमार होने वाले रेलयात्रियों के इलाज के लिए गढ़हरा रेलवे अस्पताल से चिकित्सक व एम्बुलेंस की तुंरत सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। साथ ही, गंभीर बीमार रेल यात्रियों के इलाज के लिए गढ़हरा अस्पताल में भी बेहतर सुविधा उपलब्ध है।
डॉ. शालिनी जैन, अपर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, गढ़हरा रेलवे अस्पताल
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बरौनी, निज संवाददाता। रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। भीषण ठंड और कोहरे ने ट्रेन पकड़ने आने-जाने वाले यात्रियों की मुसीबत बढ़ा दी है। गत तीन दिनों से मौसम का मिजाज बिगड़ गया है। रोजाना घना कोहरे से रेल यातायात प्रभावित हो रहा है। शनिवार को ट्रेनों के घंटों लेट चलने से रेलयात्री स्टेशन पर ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनकर दुबके नजर आए। पटना, सहरसा, भागलपुर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, हाजीपुर आदि जगहों पर आने-जाने वाली लोकल ट्रेनों में अन्य दिनों की तुलना में इन दिनों यात्रियों की संख्या काफी कम हो गई है। ट्रेनों की ज्यादातर सीट खाली रहती है।
ट्रेन संख्या 12424 राजधानी एक्सप्रेस से जाने वाले यात्री मनोज कुमार, रानी, सरोज कुमार ने बताया कि वे लोग बिजनेस के काम से डिब्रूगढ़ जा रहे हैं लेकिन उनकी ट्रेन लगभग 5 घंटे लेट से बरौनी स्टेशन पर पहुंची है। इस वजह से उनकी प्लानिंग काफी प्रभावित हो रही है। स्टेशन प्रबंधक रजनीश कुमार ने बताया कि कोहरे के कारण ट्रेनों की रफ्तार धीमी पड़ गई है।
लेट पहुंचीं ये ट्रेनें
शनिवार को बरौनी-नई दिल्ली एक्सप्रेस 8 घंटे, 15910 अवध असम 3 घंटे, 12488 सीमांचल एक्सप्रेस 6 घंटे, 12424 राजधानी एक्सप्रेस 5 घंटे, 12554 वैशाली एक्सप्रेस 5 घंटे, 15708 आम्रपाली एक्सप्रेस 3 घंटे, 17005 हैदराबाद-रक्सौल 2 घंटे, 15903 डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस 3 घंटे लेट से चली। इसके अलावा भी कई ट्रेनें घंटों लेट चल रही हैं। नतीजतन यात्रियों को कंपकपाती ठंड में ट्रेनों का इंतजार करने को विवश होना पड़ रहा है।
रेलव ने बहाल कराई सुविधा
ठंड बढ़ने के साथ ही ट्रेनों का विलंब से चलना यात्रियों की बीमारी का कारण बन गई है। प्लेटफार्म पर बैठ कर ट्रेनों का घंटों इंतजार के कारण यात्रियों की मांसपेशियों में खिंचाव और दूसरी बीमारियां घर कर रही हैं। इलाज के लिए उन्हें डॉक्टर से सलाह लेनी पड़ रही है। चालू माह में ठंड के कारण यात्री सफर शुरू करने से पहले ही बीमार पड़ जा रहे हैं। ज्यादातर यात्री सर्दी-जुकाम की शिकायत कर रहे हैं। वहीं, घंटों ट्रेन का इंतजार करने के कारण गले, कमर और पैर में खिंचाव महसूस कर रहे हैं। हालांकि, रेलवे ने ठंड से बीमार पड़ने वाले रेलयात्रियों की सुविधा के लिए स्टेशन पर तैनात रेल कर्मियों की सूचना पर अविलंब चिकित्सक व एम्बुलेन्स की व्यवस्था कर रखा है। साथ ही, यात्रा के दौरान गंभीर रूप से बीमार पड़ने वाले रेलयात्रियों के लिए गढ़हरा रेलवे अस्पताल में भी समुचित व्यवस्था की गई है।
कोहरे ने लगाई ट्रेनों की रफ्तार पर ब्रेक
हर साल ठंड और कोहरे के समय ट्रेनें घंटों देरी से आती हैं। इस वर्ष ऐसा न हो, इसके लिए रेलवे ने व्यापक स्तर पर तैयारी की है। इंजनों में फाग सेफ डिवाइस लगाया गया है। सिग्नलों की पुरानी लाइट बदल दी गई है ताकि इनकी दृश्यता बढ़ जाए। सिग्नलों के आसपास से झाड़ियों को काट दिया गया है। इसके अलावा घने कोहरे में ट्रेनों को चलाने के लिए सैटेलाइट की भी मदद ली जाएगी। बरौनी स्टेशन से 100 से अधिक ट्रेनें चौबीस घंटे में गुजरती हैं। उत्तर भारत की तरफ से आने वाली कुल ट्रेनों में से 50 फीसदी ट्रेनें ठंड के दिनों में देर से आती हैं। ये ट्रेनें देरी से न आएं, इसके लिए रेलवे विशेष प्रयास कर रहा है। इसके चलते आगामी 27 फरवरी तक अंबाला-बरौनी सहित कई ट्रेनों को बंद किया गया है जबकि कई नियमित ट्रेनों के फेरे में कमी की गई है। इसके बावजूद ट्रेनों के विलंबन में कोई कमी नहीं दिख रही है।
बाहर का खाना खाने को विवश हो रहे रेलयात्री
ठंड शुरू होते ही आईआरसीटीसी पर भी ट्रेनों के रनिंग का स्टेट्स पीछे चलना शुरू हो जाता है। ज्यादातर टाइमिंग में बढ़ोतरी ही दिखाई जाती है। ऐसे में यात्री भी ट्रेन छूटने के डर से निर्धारित समय पर ही स्टेशन पहुंच जा रहे हैं लेकिन ट्रेनें 5 घंटे से 8 घंटे तक विलंब से चल रही हैं। इससे यात्रियों को देर तक ट्रेन के इंतजार में बैठना पड़ रहा है। रेलयात्री सफर के लिए जो खाने-पीने का सामान लेकर घर से निकल रहे हैं, वह प्लेटफार्म पर ट्रेन का इंतजार करने के दौरान ही खत्म हो जा रहे हैं। इसके कारण उन्हें भूख मिटाने के लिए बाहर की चीजें खानी पड़ रही हैं जो कि यात्रियों के लिए और मुसीबत पैदा कर रही है।
अलाव का नहीं किया गया बंदोबस्त
रात में ठंड अब लोगों को भारी पड़ रही है। इसके बावजूद स्टेशन पर मुसाफिरों को ठंड से बचाव के लिए कोई बंदोबस्त नहीं किया गया है। इससे रात में रेलवे स्टेशन पर यात्री ठंड से ठिठुर रहे हैं। कहीं भी अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है। शाम छह बजे के बाद ठंड तेज हो जा रही है। बगैर ऊनी कपड़ों के लोग बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। ट्रेन से सफर कर लौटने वाले यात्री ठंड से कांपते दिखाई पड़ते हैं। इसके बावजूद जिला प्रशासन या फिर रेल प्रशासन द्वारा मुसाफिरों को ठंड से बचाने के लिए किसी भी प्रकार का बंदोबस्त नहीं किया गया है। इससे ठंड भरी रात में लोग परेशान हो रहे हैं। दैनिक यात्रियों ने प्रशासन से रेलवे स्टेशनों पर अविलंब अलाव का बंदोबस्त करने की मांग की है।
कहते हैं अधिकारी
स्टेशन पर तैनात रेल अधिकारियों व कर्मियों की सूचना पर ठंड व अन्य कारणों से यात्रा के दौरान व रेलवे स्टेशन या प्लेटफॉर्मो पर बीमार होने वाले रेलयात्रियों के इलाज के लिए गढ़हरा रेलवे अस्पताल से चिकित्सक व एम्बुलेंस की तुंरत सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। साथ ही, गंभीर बीमार रेल यात्रियों के इलाज के लिए गढ़हरा अस्पताल में भी बेहतर सुविधा उपलब्ध है।
डॉ. शालिनी जैन, अपर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, गढ़हरा रेलवे अस्पताल
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