कोर्ट की अवमानना पर फंसे शिवराज, वीडी शर्मा और भूपेंद्रसिंह, निकला वारंट | Warrant issued for Shivraj VD Sharma and Bhupendra Singh | News 4 Social

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कोर्ट की अवमानना पर फंसे शिवराज, वीडी शर्मा और भूपेंद्रसिंह, निकला वारंट | Warrant issued for Shivraj VD Sharma and Bhupendra Singh | News 4 Social
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कोर्ट की अवमानना पर फंसे शिवराज, वीडी शर्मा और भूपेंद्रसिंह, निकला वारंट | Warrant issued for Shivraj VD Sharma and Bhupendra Singh | News 4 Social

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह Shivraj singh चौहान, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा और राज्य के पूर्व मंत्री भूपेंद्रसिंह के खिलाफ राज्य की एमपी एमएलए कोर्ट ने ये वारंट जारी किया है। तीनों नेताओं के खिलाफ एमपी एमएलए कोर्ट ने 500 रुपए का जमानती वारंट जारी किया है। मानहानि केस में जबलपुर की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने मंगलवार यानि 2 अप्रैल को ये वारंट जारी किए।

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बताया जा रहा है कि केस के संबंध में सुनवाई में तीनों नेता बार बार बुलाने के बाद भी उपस्थित नहीं हुए। बार—बार की गैर हाजिरी के बाद कोर्ट ने जमानती वारंट जारी कर दिया। कोर्ट की अवमानना पर यह वारंट जारी किया गया है। मानहानि केस में शिवराजसिंह चौहान, वीडी शर्मा और भूपेंद्रसिंह लगातार दो बार सुनवाई में अनुपस्थित रहे। कोर्ट ने अवमानना पर
पिछली डेट को रिवाइज कर एक महीने पहले हाजिर होने का आदेश दिया।

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह (Shivraj Singh Chouhan), बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा (VD Sharma) और विधायक भूपेंद्र सिंह Bhupendra Singh) द्वारा 7 जून को पेश होने के लिए दिए गए आवेदन को भी कोर्ट ने निरस्त कर दिया। अब तीनों नेताओं को 7 मई 2024 को व्यक्तिगत उपस्थिति के आदेश दिए गए हैं।

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विशेष न्यायाधीश विश्वेश्वरी मिश्रा ने ये आदेश जारी किया। इसके साथ ही कोर्ट ने सख्त टिप्पणी भी की। कोर्ट ने कहा कि व्यक्तिगत व्यस्तता के कारण कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने से आमजन पर भी प्रभाव पड़ेगा। कोर्ट ने कहा है कि ‘बीजेपी के सभी वरिष्ठ नेता कोर्ट के आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित कर आमजन में अनुकरणीय आचरण पेश करें।’

क्या है मामला
कांग्रेस के सांसद विवेक तन्खा ने पूर्व सीएम शिवराजसिंह चौहान, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और भूपेंद्र सिंह पर 10 करोड़ की मानहानि का केस दायर किया है। तीनों नेताओं ने कांग्रेसी सांसद विवेक तन्खा पर एमपी में जानबूझकर ओबीसी आरक्षण रुकवाने का आरोप लगाया था।

प्रदेश में पंचायत चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर तीनों नेताओं द्वारा लगातार बयानबाजी की जा रही थी। ये तीनों आरोप लगा रहे थे कि सुप्रीम कोर्ट में विवेक तन्खा द्वारा दायर की याचिका के कारण ही पंचायत चुनाव की प्रक्रिया रद्द की गई है। इसके बाद सांसद तन्खा ने तीनों पर मानहानि का मामला दायर कर दिया था। इस मामले की सुनवाई एमपी एमएलए कोर्ट में चल रही है।

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