कोई और होता तो स्ट्रेचर पर लौटता… दर्द में भी मुस्कुराते दिखे धोनी की जिद और जुनून को सलाम
बड़ी मुश्किल से खड़े हो पा रहे थे धोनी
19वें ओवर की दूसरी गेंद को पकड़ने के लिए धोनी अपने पैर की चिंता किए बगैर दाईं ओर छलांग लगाते हैं, लेकिन दीपक चाहर की तेज तर्रार गेंद 4 रनों के लिए निकल जाती है। इसके बाद हर कोई परेशान हो जाता है। दरअसल, डाइव लगाने के दौरान घुटने पर एक बार फिर चोट लग जाती है और धोनी भयंकर दर्द में दिखते हैं। वह बड़ी मुश्किल से खड़े हो पा रहे थे।
वनडे वर्ल्ड कप में अंगूठे से निकल रहा था खून
एमएस धोनी को वनडे वर्ल्ड कप 2019 में कुछ ऐसी ही चोट लगी थी। इंग्लैंड के खिलाफ मैच में धोनी मुंह से चूस कर खून को बाहर थूक रहे थे। लेकिन कोई बहाना नहीं था। धोनी मैदान पर डंटे हुए थे। उसी तत्परता से। उसी तन्मयता से। जोश में कोई कमी नहीं थी। उन्हें काले पड़ गए अंगूठे की चिंता नहीं थी। धोनी इस मैच का महत्व जानते थे। हालांकि, इसी विश्व कप का सेमीफाइनल उनके इंटरनेशनल करियर का आखिरी मैच था।
IPL 2023 क्या वाकई में धोनी के लिए मायने रखता है
अगर सिर्फ धोनी की निगाह से देखेंगे तो IPL 2023 कोई मायने नहीं रखता है। धोनी ने 4 सीजन जीते हैं और उन्हें कुछ भी साबित करने की जरूरत नहीं है। लेकिन धोनी के चाहने वालों की निगाह से देखेंगे तो पूरा माहौल बदल जाएगा। हर कोई उन्हें चैंपियन होते देखना चाहता है। लाखों में ऐसे फैंस मिल जाएंगे जो कहेंगे कि धोनी को अगले 100 वर्ष तक आईपीएल में खेलते रहना चाहिए। आज भी जब टीम इंडिया में खराब विकेटकीपिंग होती है तो धोनी सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगते हैं। चाहे भले ही उस समय वह अपने खेतों में ट्रैक्टर से जुताई कर रहे हों।
धोनी एक अहसास है, विश्वास है, जिद है, जुनून का नाम है
महेंद्र सिंह धोनी को लेकर हमेशा एक बात कही जाती है कि क्यों वह इतना अलग हैं। हार का गम नहीं, जीत की खुशी नहीं, बस एक चीज दिखती है वह है मिशन। अनवरत लड़ने की जिद और जीतने का जुनून। एक मिशन पूरा नहीं होता है दूसरे पर जुट जाते हैं। आईपीएल से ठीक पहले वह जोधपुर में थे। यहां उन्होंने आर्मी के इवेंट में हिस्सा लिया तो वापस लौटकर CSK से जुड़े। एक ओर नेशनल ड्यूटी निभा रहे थे तो दूसरी ओर अपने प्रोफेशन को भी ध्यान में रख रहे थे। धोनी की इसी सोच, जिद और जुनून को हर क्रिकेट फैंस शायद इसी लिए बार-बार सलाम करता है।