कैश वैन से डोडा-पोस्त की तस्करी के 3 आरोपी गिरफ्तार: पुलिस ने जोधपुर पुलिस के सहयोग से किया गिरफ्तार, अवैध हथियार किए थे जब्त – Barmer News h3>
पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है।
बाड़मेर जिले की आरजीटी पुलिस ने भारत सरकार लिखी कैश वैन (कैश मैनेजमेंट सर्विस) से डोडा-पोस्ट की तस्करी करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने गुड़ामालानी इलाके से वैन से 730 किलोग्राम डोडा-पोस्त की खेप पकड़ी थी। फिलहाल पुलिस हथियार और डोडा
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एसपी नरेंद्र कुमार मीना ने बताया- गुड़ामालानी थाने में 23 मार्च को मामला दर्ज कर जांच आरजीटी थानाधिकारी को दी गई। थानाधिकारी आदेश कुमार के नेतृत्व में टीम बनाई गई। टीम ने फरार आरोपियों के ठिकानों पर दबिश दी गई। जिला जोधपुर डीएसटी से समन्वय बनाकर वांटेड आरोपी बुधाराम उर्फ सुरेंद्र पुत्र आसुराम निवासी जुगताणियों की ढाणी आलपुरा गुड़ामालानी, सुनील कुमार पुत्र तेजाराम, रमेश कुमार पुत्र रूगनाथराम दोनों निवासी बोरली बारासण गुड़ामालानी को गांव कुड़ी भगतासनी जिला जोधपुर ग्रामीण में एक मकान में छुप को डिटेन किया। पूछताछ के बाद तीनों को गिरफ्तार किया है।
मामले में फरार खेत मालिक नरेश उर्फ नागजी की तलाश की जा रही है। गिरफ्तार आरोपियों से डोडा-पोस्त की खरीद-फरोख्त को लेकर पूछताछ की जा रही है। आरोपी बुधाराम उर्फ सुरेंद्र कुमार के खिलाफ सेड़वा थाने में एक मारपीट सहित विभिन्न धाराओं में एक मामला दर्ज है। वहीं रमेश कुमार के खिलाफ गुड़ामालानी थाने में आबकारी और आर्म्स एक्ट में तीन मामले दर्ज है।
यह है मामला
गुड़ामालानी थानाधिकारी देवीचंद ढाका ने बताया- नशे की तस्करी के लिए बदमाश नए-नए प्रयोग कर रहे हैं। 22 मार्च की रात को जानकारी यह भी मिली थी कि सुनील, सुरेंद्र और नरेश नाम के लड़के बड़ी खेप ले जाने वाले हैं। इसके लिए आरोपी कैश वैन का उपयोग कर रहे हैं। यह वही वैन थी, जिसमें कैश रखकर एटीएम तक ले जाया जाता है। बिना समय गंवाए गुड़ामालानी पुलिस आधी रात में लूणवा जागीर ग्राम पंचायत के भोलानगर गांव पहुंची। गांव के खेत में एक कमरा बना हुआ था। यह कमरा नरेश पुत्र जबराराम का था। इसी में वैन को छुपाकर रखा गया था। वहां वैन देखकर पुलिस हैरान रह गई। पुलिस की कार्रवाई से पहले सभी आरोपी वहां से निकल चुके थे। जानकारी मिली कि 22 मार्च की रात ही इस वैन से नशे की खेप भेजी जानी थी। गाड़ी को मोडिफाई करके कैश ट्रांजिट व्हीकल का रूप दिया गया था। बदमाशों को यह बात पता थी कि कैश वैन की जांच नहीं की जाती है। इसलिए उन्होंने यह हथकंडा अपनाया था।