केके पाठक को नीतीश मुख्य सचिव बना दें तो…, ACS की वापसी पर बोले मांझी; लालू पर गंभीर आरोप लगाया h3>
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अपने ताबड़तोड़ एक्शन को लेकर प्रसिद्ध आईएएस ऑफिसर केके पाठक ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव की कमान फिर से थाम लिया है। इस पर बिहार में राजनीति भी तेज हो गई है कहाा जाता है कि नीतीश कुमार के कहने पर पाठक ने अपना फैसला वापस लिया केके पाठक के आते ही शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर को भी विभाग से चला कर दिया गया पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने इसे लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने नीतीश कुमार के सामने बड़ी मांग रखी है तो लालू यादव पर गंभीर आरोप लगा दिया है। कहा जा रहा था कि नाराज चल रहे केके पाठक जनवरी माह तक छुट्टी पर चले गए थे। उन्होंने पहले 14 जनवरी तक छुट्टी ली जिसे 16 जनवरी तक एक्सटेंड कर लिया। बाद में खबर आई की पाठक नए साल के पहले माह के अंत तक काम पर नहीं लौटेंगे।
शुक्रवार को अपर मुख्य सचिव पाठक ने अपना विभाग संभालते ही राजनैतिक बयानबाजी शुरू हो गई। और रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक पर जीतन राम मांझी ने अपनी बात रख दी। जीतनराम मांझी ने कहा कि के के पाठक की वापसी बिहार के गरीबों,वंचितों खास कर दलितों के शिक्षा के लिए बहुत शुभ संकेत है। वैसे लालू यादव जी का कुनबा नहीं चाहता था कि यह तबक़ा पढ़े और आगे बढ़े। लेकिन नीतीश कुमार ने के के पाठक को शिक्षा विभाग का जिम्मा देकर बड़ा बदलाव कर दिया। इस बदलाव के लिए धन्यवाद नीतीश जी को बहुत बहुत धन्याद दिया।
शीतलहर में स्कूल क्यों बंद किया? पढ़ाई रोकने पर भड़के केके पाठक, छुट्टी वापस लेने का आदेश
उनका कहना है कि के के पाठक ने अच्छा काम किया। वे कुछ लोगों के कारण चले गए थे लेकिन नीतीश कुमार ने उन्हें वापस बुला लिया यह अच्छा काम हुआ। अच्छे काम की तारीफ होनी चाहिए। जीतनराम मांझी ने नीतीश कुमार के एक बड़ी मांग भी कर दिया है। कहा है कि केके पाठक जी जैसे पदाधिकारी यदि मुख्य सचिव बन जाएं तो राज्य का भला हो जाएगा। इससे पहले भी जीतन राम मांझी ने केके पाठक के कामकाज की काफी प्रशंसा की थी।
काम पर लौटते ही केके पाठक शनिवार को एक्शन मोड में आ गए। उन्होंने सर्दी को लेकर स्कूलों में छुट्टी देने वाले सभी डीएम और कमिश्नर की क्लास लगा दी और तत्काल स्कूल बंदी का आदेश वापस लेने के लिए पत्र लिख दिया। कहा कि सीआरपीसी की धारा 144 का गलत प्रयोग नहीं करें। कहा कि यह कैसी सर्दी है जो स्कूलों में पड़ती है पर बाजार या अन्य स्थानों नहीं जाती। स्कूल बंद करने के बहाने मत निकालें।
दरअसल बिहार की राजधानी पटना समेत कई जिलों में ठंड के कारण वर्ग 8 तक के स्कूलों को बंद किया गया है. लेकिन, प्रभार ग्रहण करते ही एसीएस केके पाठक ने विभिन्न जिलों के डीएम के आदेश पर सवाल
उठाया है और सभी प्रमंडलीय आयुक्त से कहा है कि तत्काल प्रभाव से सभी जिलों में आदेश हो वापस लिया जाए. बता दें, प्रभार ग्रहण करते ही केके पाठक एक्शन में आ गए हैं. प्रमंडलीय आयुक्त और जिलाधिकारी के आदेश पर सवाल उठाते हुए शीतलहर को लेकर स्कूल बंद करने के आदेश को गलत बताया. केके पाठक ने कहा कि बात-बात पर स्कूल बंद करने की परंपरा पर रोक लगना चाहिए. डीएम बिना शिक्षा विभाग के अनुमति के कोई भी आदेश नहीं जारी करें.
केके पाठक के अचानक से छुट्टी पर चले जाने के बाद अटकलें लगाई जा रही थी किर वह कभी भी इस्तीफा दे सकते हैं। लगातार छुट्टी एक्सटेंड करने से कयासों को बल भी मिल रहा था। लेकिन मंत्री अशोक चौधरी ने इन अटकलों को खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था कि केके पाठक नीतीश कुमार के विजन के लिए काम कर रहे हैं। वे छुट्टी से लौटेंगे और फिर से अपना पदभार संभालेंगे। वैसे केके पाठक का विवादों से पुराना नाता रहा है। उनका इतिहास रहा है कि वह अपनी बात के लिए मुख्यमंत्री मंत्री तक से भिड़ जाते हैं। केके पाठक की पटरी अपने मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर से कभी नहीं बनी। दोनों के बीच विवाद इतना बढ़ा कि नीतीश कुमार और लालू यादव को हस्तक्षेप करना पड़ा।
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अपने ताबड़तोड़ एक्शन को लेकर प्रसिद्ध आईएएस ऑफिसर केके पाठक ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव की कमान फिर से थाम लिया है। इस पर बिहार में राजनीति भी तेज हो गई है कहाा जाता है कि नीतीश कुमार के कहने पर पाठक ने अपना फैसला वापस लिया केके पाठक के आते ही शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर को भी विभाग से चला कर दिया गया पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने इसे लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने नीतीश कुमार के सामने बड़ी मांग रखी है तो लालू यादव पर गंभीर आरोप लगा दिया है। कहा जा रहा था कि नाराज चल रहे केके पाठक जनवरी माह तक छुट्टी पर चले गए थे। उन्होंने पहले 14 जनवरी तक छुट्टी ली जिसे 16 जनवरी तक एक्सटेंड कर लिया। बाद में खबर आई की पाठक नए साल के पहले माह के अंत तक काम पर नहीं लौटेंगे।
शुक्रवार को अपर मुख्य सचिव पाठक ने अपना विभाग संभालते ही राजनैतिक बयानबाजी शुरू हो गई। और रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक पर जीतन राम मांझी ने अपनी बात रख दी। जीतनराम मांझी ने कहा कि के के पाठक की वापसी बिहार के गरीबों,वंचितों खास कर दलितों के शिक्षा के लिए बहुत शुभ संकेत है। वैसे लालू यादव जी का कुनबा नहीं चाहता था कि यह तबक़ा पढ़े और आगे बढ़े। लेकिन नीतीश कुमार ने के के पाठक को शिक्षा विभाग का जिम्मा देकर बड़ा बदलाव कर दिया। इस बदलाव के लिए धन्यवाद नीतीश जी को बहुत बहुत धन्याद दिया।
शीतलहर में स्कूल क्यों बंद किया? पढ़ाई रोकने पर भड़के केके पाठक, छुट्टी वापस लेने का आदेश
उनका कहना है कि के के पाठक ने अच्छा काम किया। वे कुछ लोगों के कारण चले गए थे लेकिन नीतीश कुमार ने उन्हें वापस बुला लिया यह अच्छा काम हुआ। अच्छे काम की तारीफ होनी चाहिए। जीतनराम मांझी ने नीतीश कुमार के एक बड़ी मांग भी कर दिया है। कहा है कि केके पाठक जी जैसे पदाधिकारी यदि मुख्य सचिव बन जाएं तो राज्य का भला हो जाएगा। इससे पहले भी जीतन राम मांझी ने केके पाठक के कामकाज की काफी प्रशंसा की थी।
काम पर लौटते ही केके पाठक शनिवार को एक्शन मोड में आ गए। उन्होंने सर्दी को लेकर स्कूलों में छुट्टी देने वाले सभी डीएम और कमिश्नर की क्लास लगा दी और तत्काल स्कूल बंदी का आदेश वापस लेने के लिए पत्र लिख दिया। कहा कि सीआरपीसी की धारा 144 का गलत प्रयोग नहीं करें। कहा कि यह कैसी सर्दी है जो स्कूलों में पड़ती है पर बाजार या अन्य स्थानों नहीं जाती। स्कूल बंद करने के बहाने मत निकालें।
दरअसल बिहार की राजधानी पटना समेत कई जिलों में ठंड के कारण वर्ग 8 तक के स्कूलों को बंद किया गया है. लेकिन, प्रभार ग्रहण करते ही एसीएस केके पाठक ने विभिन्न जिलों के डीएम के आदेश पर सवाल
उठाया है और सभी प्रमंडलीय आयुक्त से कहा है कि तत्काल प्रभाव से सभी जिलों में आदेश हो वापस लिया जाए. बता दें, प्रभार ग्रहण करते ही केके पाठक एक्शन में आ गए हैं. प्रमंडलीय आयुक्त और जिलाधिकारी के आदेश पर सवाल उठाते हुए शीतलहर को लेकर स्कूल बंद करने के आदेश को गलत बताया. केके पाठक ने कहा कि बात-बात पर स्कूल बंद करने की परंपरा पर रोक लगना चाहिए. डीएम बिना शिक्षा विभाग के अनुमति के कोई भी आदेश नहीं जारी करें.
केके पाठक के अचानक से छुट्टी पर चले जाने के बाद अटकलें लगाई जा रही थी किर वह कभी भी इस्तीफा दे सकते हैं। लगातार छुट्टी एक्सटेंड करने से कयासों को बल भी मिल रहा था। लेकिन मंत्री अशोक चौधरी ने इन अटकलों को खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था कि केके पाठक नीतीश कुमार के विजन के लिए काम कर रहे हैं। वे छुट्टी से लौटेंगे और फिर से अपना पदभार संभालेंगे। वैसे केके पाठक का विवादों से पुराना नाता रहा है। उनका इतिहास रहा है कि वह अपनी बात के लिए मुख्यमंत्री मंत्री तक से भिड़ जाते हैं। केके पाठक की पटरी अपने मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर से कभी नहीं बनी। दोनों के बीच विवाद इतना बढ़ा कि नीतीश कुमार और लालू यादव को हस्तक्षेप करना पड़ा।