केके पाठक की छुट्टी मंजूर, 28 दिनों के लीव पर रहेंगे ACS; इस IAS अफसर को अतिरिक्त प्रभार
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बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक से जुड़ी एक अहम खबर है। सरकार ने केके पाठक की छुट्टी की अर्जी को मंजूरी दे दी है। केके पाठक 28 दिनों की छुट्टी पर चले गए हैं। वे 3 जून से 30 जून तक लीव पर रहेंगे। सीएम के प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ को शिक्षा विभाग के एसीएस का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से इसकी अधिसूचना जारी कर दी गयी है। केके पाठक के काम करने के तरीके से विपक्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की खिंचाई कर रहे थे तो बीजेपी और जेडीयू के नेता भी उनसे नाराजगी जता रहे थे।
केके पाठक के छुट्टी पर जाने का मामला बेहद दिलचस्प है। दरअसल अत्यधिक गर्मी के बावजूद केके पाठक बिहार के स्कूलों को बंद नहीं क रहे थे। जब सैंकड़ों की संख्या में छात्र छात्राएं और शिक्षक बीमार होने लगे तो पाठक ने स्कूल की टाइमिंग में थोड़ा बदलाव कर दिया। दूसरी ओर राजनैतिक गलियारे से स्कूलों को बंद करने की मांग की गयी। इस पर नीतीश कुमार ने स्कूलों को 8 जून तक लिए बंद कर दिया। उसके बाद केके पाठक ने रुख बदल लिया। अचानक उन्होंने लंबी छुट्टी का आवेदन दिया था। जिसे सरकार ने मंजूर कर उन्हें छुट्टी पर जाने की सहमति दे दी है।
शिक्षकों का समर वैकेशन खराब कर लंबी छुट्टी पर चले केके पाठक, शिक्षा विभाग के विवादों में नया मोड़
अब सवाल उठ रहा है कि केके पाठक अब शिक्षा विभाग में लौटेंगे या नहीं। जानकार बताते हैं कि केके पाठक अपना फैसला वापस नहीं लेते। सरकार ने उन्हें साइडलाइन करते हुए स्कूलों को बंद किया। राजभवन की ओर से भी मुख्य सचिव को पत्र लिखकर गर्मी में स्कूलों को बंद करने की बात कही थी।लेकिन केके पाठक ने अपने आदेश में थोड़ा सा बदलाव करते हुए नया आदेश निकाल दिया था। सीएम के आदेश पर स्कूलों को बंद किया गया और शिक्षा विभाग को दरकिनार करते हुए सभी डीएम को स्कूल बंद करने का पत्र भेज दिया गया। इसलिए यह सवाल बड़ा हो गया है कि छुट्टी के बाद लौटकर केके पाठक शिक्षा विभाग में अपनी कमान थामेंगे या नहीं।
केके पाठक की कार्यशैली पर न सिर्फ विपक्ष बल्की सत्ताधारी दल के नेताओं ने भी कई बार आपत्ति जताई। चेतावनी दी जा रही थी कि लोकसभा चुनाव के बाद केके पाठक को निपटा दिया जाएगा। बीजेपी के एमएलसी नवल किशोर यादव, जदयू प्रवक्ता नीरज और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने केके पाठक पर गहरी नाराजगी जताई थी। माना जा रहा था कि केके पाठक के रवैये से शिक्षक समुदाय सरकार के नाराज हो रहे हैं जिसका असर 2025 के विधानसभा चुनाव पर पड़ सकता है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने यहां तक कह दिया कि अफसर मुख्यमंत्री की बात नहीं मानते हैं। शायद यही वजह है कि चार जून से पहले ही केके पाठक लंबी छुट्टी पर चले गए हैं और सरकार ने उनकी अर्जी को मंजूर कर लिया है।
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बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक से जुड़ी एक अहम खबर है। सरकार ने केके पाठक की छुट्टी की अर्जी को मंजूरी दे दी है। केके पाठक 28 दिनों की छुट्टी पर चले गए हैं। वे 3 जून से 30 जून तक लीव पर रहेंगे। सीएम के प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ को शिक्षा विभाग के एसीएस का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से इसकी अधिसूचना जारी कर दी गयी है। केके पाठक के काम करने के तरीके से विपक्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की खिंचाई कर रहे थे तो बीजेपी और जेडीयू के नेता भी उनसे नाराजगी जता रहे थे।
केके पाठक के छुट्टी पर जाने का मामला बेहद दिलचस्प है। दरअसल अत्यधिक गर्मी के बावजूद केके पाठक बिहार के स्कूलों को बंद नहीं क रहे थे। जब सैंकड़ों की संख्या में छात्र छात्राएं और शिक्षक बीमार होने लगे तो पाठक ने स्कूल की टाइमिंग में थोड़ा बदलाव कर दिया। दूसरी ओर राजनैतिक गलियारे से स्कूलों को बंद करने की मांग की गयी। इस पर नीतीश कुमार ने स्कूलों को 8 जून तक लिए बंद कर दिया। उसके बाद केके पाठक ने रुख बदल लिया। अचानक उन्होंने लंबी छुट्टी का आवेदन दिया था। जिसे सरकार ने मंजूर कर उन्हें छुट्टी पर जाने की सहमति दे दी है।
शिक्षकों का समर वैकेशन खराब कर लंबी छुट्टी पर चले केके पाठक, शिक्षा विभाग के विवादों में नया मोड़
अब सवाल उठ रहा है कि केके पाठक अब शिक्षा विभाग में लौटेंगे या नहीं। जानकार बताते हैं कि केके पाठक अपना फैसला वापस नहीं लेते। सरकार ने उन्हें साइडलाइन करते हुए स्कूलों को बंद किया। राजभवन की ओर से भी मुख्य सचिव को पत्र लिखकर गर्मी में स्कूलों को बंद करने की बात कही थी।लेकिन केके पाठक ने अपने आदेश में थोड़ा सा बदलाव करते हुए नया आदेश निकाल दिया था। सीएम के आदेश पर स्कूलों को बंद किया गया और शिक्षा विभाग को दरकिनार करते हुए सभी डीएम को स्कूल बंद करने का पत्र भेज दिया गया। इसलिए यह सवाल बड़ा हो गया है कि छुट्टी के बाद लौटकर केके पाठक शिक्षा विभाग में अपनी कमान थामेंगे या नहीं।
केके पाठक की कार्यशैली पर न सिर्फ विपक्ष बल्की सत्ताधारी दल के नेताओं ने भी कई बार आपत्ति जताई। चेतावनी दी जा रही थी कि लोकसभा चुनाव के बाद केके पाठक को निपटा दिया जाएगा। बीजेपी के एमएलसी नवल किशोर यादव, जदयू प्रवक्ता नीरज और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने केके पाठक पर गहरी नाराजगी जताई थी। माना जा रहा था कि केके पाठक के रवैये से शिक्षक समुदाय सरकार के नाराज हो रहे हैं जिसका असर 2025 के विधानसभा चुनाव पर पड़ सकता है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने यहां तक कह दिया कि अफसर मुख्यमंत्री की बात नहीं मानते हैं। शायद यही वजह है कि चार जून से पहले ही केके पाठक लंबी छुट्टी पर चले गए हैं और सरकार ने उनकी अर्जी को मंजूर कर लिया है।