केंद्र सरकार रक्षा बजट बढ़ा सकती है: ऑपरेशन सिंदूर के बाद रक्षा मंत्रालय ने ₹50,000 करोड़ बढ़ाने का प्रस्ताव दिया; अभी ₹6.81 लाख करोड़ h3>
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नई दिल्ली6 मिनट पहले
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रक्षा मंत्रालय का कहना है कि इस पैसे से नई हथियारों की खरीद, गोला-बारूद, और नई तकनीक पर खर्च किया जाएगा।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद सरकार रक्षा बजट में और बढ़ोतरी कर सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक,सरकार के पास रक्षा मंत्रालय की ओर से 50,000 करोड़ रुपए अतिरिक्त देने का प्रस्ताव दिया है, जिसे संसद के शीतकालीन सत्र में मंजूरी मिल सकती है।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि इस पैसे से नई हथियारों की खरीद, गोला-बारूद, और नई तकनीक पर खर्च किया जाएगा। साथ ही सेना की जरूरी जरूरतें, रिसर्च और विकास पर भी ध्यान दिया जाएगा।
इस साल केंद्र सरकार ने रक्षा बजट बढ़ाकर 6.81 लाख करोड़ रुपए किया था, जो पिछले साल से करीब 10% ज्यादा है। बीते 10 साल में रक्षा बजट करीब 3 गुना बढ़ा है।
भारत के सैन्य बजट का 75% सैलरी-पेंशन पर खर्च होता है
फिलहाल भारत का डिफेंस बजट GDP का 1.9% है। भारत अपनी 14 लाख की सेना की सैलरी और पेंशन पर अपने डिफेंस बजट का 75% हिस्सा खर्च करता है, जिससे उसके पास सैन्य आधुनिकीकरण के लिए सिर्फ 25% ही बचता है।
भारतीय वायुसेना को विमानों की 42 स्क्वॉड्रन की जरूरत है। इसके बजाय वायुसेना के पास सिर्फ 31 स्क्वॉड्रन हैं। इसमें भी सक्रिय स्क्वॉड्रन की संख्या 29 ही हैं। मिग 29 बाइसन की 2 स्क्वॉड्रन इसी साल रिटायर हो जांएगी। एक स्क्वॉड्रन में 18 विमान होते हैं। इस हिसाब से वायुसेना के पास 234 विमानों की बड़ी कमी है।
भारतीय वायुसेना को विमानों की 42 स्क्वॉड्रन की जरूरत है। इसके बजाय वायुसेना के पास सिर्फ 31 स्क्वॉड्रन हैं। एक स्क्वॉड्रन में 18 विमान होते हैं।
SIPRI का दावा- भारत का सैन्य बजट ₹7.19 लाख करोड़ हुआ
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) का कहना है कि 2024 में दुनिया के पांचवे सबसे बड़े देश भारत का सैन्य खर्च 1.6% बढ़कर 86.1 बिलियन डॉलर (₹7.19 लाख करोड़) हो गया है। वहीं, पाकिस्तान का सैन्य खर्च 10.2 बिलियन डॉलर यानी करीब ₹85,170 करोड़ रहा।
27 अप्रैल को जारी ‘ट्रेंड्स इन वर्ल्ड मिलिट्री एक्सपेंडिचर 2024’ रिपोर्ट के मुताबिक भारत अपनी सेना पर पाकिस्तान से 9 गुना ज्यादा पैसा खर्च कर रहा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सैन्य खर्च करने वाले दुनिया के टॉप 5 देश अमेरिका, चीन, रूस, जर्मनी और भारत हैं। इन पांचों का कुल सैन्य खर्च 1635 बिलियन डॉलर यानी ₹136.52 लाख करोड़ है।
रिपोर्ट में इन देशों के सैन्य खर्चों का जिक्र
- चीन का सैन्य व्यय 7.0% बढ़कर अनुमानित 314 बिलियन डॉलर हो गया, जो लगातार तीन दशकों की बढ़ोतरी दिखाता है।
- रूस का सैन्य व्यय 2024 में अनुमानित 149 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। यह रूस की GDP का 7.1% और रूसी सरकार के सभी व्यय का 19% है।
- यूक्रेन का कुल सैन्य व्यय 2.9% बढ़कर 64.7 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जो रूस के खर्च का 43% है। GDP के 34% हिस्से के साथ, यूक्रेन पर 2024 में किसी भी देश का सबसे बड़ा सैन्य बोझ था।
28 अप्रैलः भारत ने फाइनल की 63 हजार करोड़ की राफेल मरीन डील
भारत और फ्रांस के बीच 28 अप्रैल को ही दिल्ली में 26 राफेल मरीन विमानों की डील साइन हो गई। भारत की तरफ से रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने डील पर साइन किए। डील के तहत भारत, फ्रांस से 22 सिंगल सीटर विमान और 4 डबल सीटर विमान खरीदेगा। विमानों की डिलीवरी 2028-29 में शुरू होगी और 2031-32 तक सभी विमान भारत पहुंच जाएंगे। पढ़ें पूरी खबर…
भारत में 2024 में लगातार तीसरे साल हथियार खरीद की रकम में कटौती
2024 के बजट में भारतीय सेना को खर्च के लिए 6,21,940 करोड़ रुपए मिले, जो अंतरिम बजट से महज 400 करोड़ रुपए यानी, 0.064% ज्यादा है। इसमें हथियारों की खरीद और सैलरी-पेंशन को मिलने वाला बजट जस का तस है। लगातार तीसरे साल कैपिटल बजट यानी, हथियारों की खरीद और सेना के मॉडर्नाइजेशन पर होने वाले खर्च में कटौती की गई है।
इस बार डिफेंस को कुल बजट का 12.9% हिस्सा मिला है। पिछले साल यह हिस्सा करीब 13% था। डिफेंस बजट का 67.7% हिस्सा रेवेन्यू और पेंशन बजट को मिला है, जिसका ज्यादातर हिस्सा सैलरी-पेंशन बांटने में खर्च होता है। पढ़ें पूरी खबर…
2024 में बढ़ा यूरोप के कई देशों को सैन्य खर्च
SIPRI की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मध्य और पश्चिमी यूरोप के कई देशों ने 2024 में अपने सैन्य खर्च में काफी बढ़ोतरी की है। इसके पीछे की वजह नए खर्च और बड़े पैमाने पर हथियार खरीद योजनाओं को लागू करना रहा।
रिपोर्ट के मुताबिक जर्मनी का सैन्य खर्च 28% बढ़कर 88.5 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। जिससे यह मध्य और पश्चिमी यूरोप में सबसे बड़ा खर्च करने वाला और दुनिया में चौथा सबसे बड़ा खर्च करने वाला देश बन गया।
वहीं, पोलैंड का सैन्य खर्च 2024 में 31% बढ़कर 38.0 बिलियन डॉलर हो गया, जो पोलैंड की GDP का 4.2% है।
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चीन का डिफेंस बजट भारत से 3 गुना ज्यादा: अमेरिका से 4 गुना कम; पिछले साल से 7.2% बढ़कर 249 अरब डॉलर हुआ
चीन ने फरवरी 2025 में अपने सालाना रक्षा बजट में 7.2% की बढ़त की है। इस साल यह 249 अरब डॉलर (1.78 ट्रिलियन युआन) हो गया। यह भारत के 79 अरब डॉलर के सैन्य बजट के मुकाबले करीब 3 गुना ज्यादा है। एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि चीन का वास्तविक डिफेंस खर्च उसकी तरफ से बताए गए खर्च से 40-50% ज्यादा है।
चीन अमेरिका के बाद सेना पर सबसे ज्यादा खर्च करता है। अमेरिका का रक्षा बजट 950 अरब डॉलर के करीब है। जो चीन के बजट से 4 गुना से भी ज्यादा है। पढ़ें पूरी खबर…