कुतुब मीनार केसः दक्षिण दिल्ली का ‘मालिक’ बन रहे शख्स से वसूला जाएगा टाइम बर्बाद करने का खर्च!

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कुतुब मीनार केसः दक्षिण दिल्ली का ‘मालिक’ बन रहे शख्स से वसूला जाएगा टाइम बर्बाद करने का खर्च!

कुतुब मीनार केसः दक्षिण दिल्ली का ‘मालिक’ बन रहे शख्स से वसूला जाएगा टाइम बर्बाद करने का खर्च!

नई दिल्लीः आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया (ASI) ने दिल्ली की कोर्ट से कहा है कि वह दक्षिणी दिल्ली पर कानूनी दावा करने वाले व्यक्ति से सार खर्च लिया जाए। ASI ने अपनी दलील में कहा कि यह एक पब्लिसिटी स्टंट था और ऐसा करने उसने कोर्ट का समय बर्बाद किया है। बता दें कि एएसआई ने कुव्वत-उल-इस्लाम में 27 हिंदू और जैन मंदिरों की बहाली की मांग वाली याचिका की सुनवाई के दौरान यह दलील दी। अर्जी पर सुनवाई करने वाले अतिरिक्त जिला न्यायाधीश दिनेश कुमार 17 सितंबर को फैसला सुनाएंगे।

कुंवर महेंद्र धवज प्रसाद सिंह ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए शाही परिवार से वंशज होने का दावा किया था और कहा था कि दक्षिण दिल्ली के अंदर आने वाले इस इलाके के कानूनी अधिकार उनके पास हैं। सिंह कुतुब मीनार मामले में सुनवाई चाहते हैं और उन्होंने अपने आवदेन में दावा किया कि वह बेसवान (उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के जाट) परिवार के कर्ता हैं।

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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया का प्रतिनिधित्व करने वाले डॉ. सुभाष सी. गुप्ता ने दलील दी कि सिंह ने आजादी के बाद से अभी तक किसी भी कोर्ट के सामने स्वामित्व का यह मुद्दा नहीं उठाया और लिमिटेशन पीरियड (प्रिसिंपल ऑफ डिले) के तहत उनका यह दावा समाप्त हो गया है। एएसआई ने कोर्ट से कहा कि आवेदन का कोई आधार नहीं है। यह एक पब्लिसिटी स्टंट था और उनसे सारा खर्च लिया जाना चाहिए क्योंकि इससे कोर्ट का समय बर्बाद हुआ है।

कुंवर महेंद्र धवज प्रसाद सिंह कोर्ट में मौजूद थे और उन्होंने जज को अपना पक्ष समझाने की कोशिश भी की। उन्होंने कोर्ट को बताया कि उन्होंने सरकार के खिलाफ उनकी प्रॉपर्टी कब्जाने को लेकर केस दायर किया हुआ है जो फिलहाल पेंडिंग है। उन्होंने कोर्ट से यह भी कहा कि वह इस मामले में सिर्फ सुनवाई चाहते हैं, वह किसी तरह की राहत नहीं मांग रहे हैं।

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उन्होंने कहा, ‘मैं 78 साल का हूँ और पिछले 60 साल से सरकार से लड़ रहा हूँ। कम से कम मेरी जमीन मुझे वापस दे दी जाए। दिल्ली में 1,700 अवैध कॉलोनियां हैं। ये सब कहां से आईं? यह सब अतिक्रमण है। इस पर सरकार चुप बनी रही है। करोड़ों लोगों ने मेरी जमीन पर कब्जा कर रखा है। एक आम इंसान के लिए कोर्ट राहत की उम्मीद करना संभव नहीं है।’ उन्होंने यह भी कहा कि मैंने अपने भाग्य का फैसला करने के लिए राष्ट्रपति से गुहार लगाई है और उनसे मुआवजे दिलाने की गुजारिश की है।

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