कुतुब मीनार केसः दक्षिण दिल्ली का ‘मालिक’ बन रहे शख्स से वसूला जाएगा टाइम बर्बाद करने का खर्च! h3>
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया का प्रतिनिधित्व करने वाले डॉ. सुभाष सी. गुप्ता ने दलील दी कि सिंह ने आजादी के बाद से अभी तक किसी भी कोर्ट के सामने स्वामित्व का यह मुद्दा नहीं उठाया और लिमिटेशन पीरियड (प्रिसिंपल ऑफ डिले) के तहत उनका यह दावा समाप्त हो गया है। एएसआई ने कोर्ट से कहा कि आवेदन का कोई आधार नहीं है। यह एक पब्लिसिटी स्टंट था और उनसे सारा खर्च लिया जाना चाहिए क्योंकि इससे कोर्ट का समय बर्बाद हुआ है।
कुंवर महेंद्र धवज प्रसाद सिंह कोर्ट में मौजूद थे और उन्होंने जज को अपना पक्ष समझाने की कोशिश भी की। उन्होंने कोर्ट को बताया कि उन्होंने सरकार के खिलाफ उनकी प्रॉपर्टी कब्जाने को लेकर केस दायर किया हुआ है जो फिलहाल पेंडिंग है। उन्होंने कोर्ट से यह भी कहा कि वह इस मामले में सिर्फ सुनवाई चाहते हैं, वह किसी तरह की राहत नहीं मांग रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘मैं 78 साल का हूँ और पिछले 60 साल से सरकार से लड़ रहा हूँ। कम से कम मेरी जमीन मुझे वापस दे दी जाए। दिल्ली में 1,700 अवैध कॉलोनियां हैं। ये सब कहां से आईं? यह सब अतिक्रमण है। इस पर सरकार चुप बनी रही है। करोड़ों लोगों ने मेरी जमीन पर कब्जा कर रखा है। एक आम इंसान के लिए कोर्ट राहत की उम्मीद करना संभव नहीं है।’ उन्होंने यह भी कहा कि मैंने अपने भाग्य का फैसला करने के लिए राष्ट्रपति से गुहार लगाई है और उनसे मुआवजे दिलाने की गुजारिश की है।