कुख्यात अंडरवर्ड शूटर अब बनना चाहता है साधु:दाउद को मारने पहुंचा था पाकिस्तान | The shooter who took Dawood's betel nut now wants to become a saint | News 4 Social h3>
दाउद को उड़ाने पहुंच गया था कराची
मुंबई सीरियल ब्लास्ट को अंजाम देने के बाद अंडरवर्ड डॉन दाउद इब्राहिम अपना कारोबार छोटा शकील को सौंपकर पाकिस्तान भाग गया था। इस पर उसके विरोधी गैंग के मुखिया छोटा राजन, बंटी पांडे, विक्की मल्होत्रा और पुनीत तानाशाह ने दाउद को टपकाने की प्लानिंग कर दी थी। दाउद को उड़ाकर छोटा राजन मुंबई पर राज करना चाहता था। छोटा राजन गिरोह ने दाउद को पाकिस्तान में घुसकर मारने का जिम्मा पीपी को सौंपा था। पीपी एक शार्प शूटर हुआ करता था। पीपी दाउद को मारने कराची भी पहुंच गया था, लेकिन ऐन मौके पर दाउद बच निकला था।
वियतनाम से गिरफ्तार हुआ था पीपी
मुंबई पुलिस की सख्ती के बाद पीपी ने वियतनाम को अपना ठिकाना बना लिया था। साल 2010 में मुंबई क्राइम ब्रांच ने पीपी की एक कॉल ट्रेस कर उसका ठिकाना जान लिया था। उसी दौरान वियतनाम से ही पीपी की अरेस्टिंग हुई थी। कोर्ट ने पीपी को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
मुंबई में कांट्रेक्ट किलिंग से जमाया था सिक्का
दाउद के पाकिस्तान भागने के बाद इधर, छोटा राजन मुंबई पर अपना सिक्का जमाने के लिए गैंग को मजबूत करने में जुटा हुआ था। इसी दरमियान मुंबई के सेंट्रल रेलवे स्टेशन में पीपी की मुलाकात छोटा राजन के करीबी पुनीत तानाशाह और विक्की मल्होत्रा से हुई थी। उनके जरिए ही पीपी छोटा राजन तक पहुंचा था। छोटा राजन गिरोह में शामिल होने के बाद पीपी कांट्रेक्ट किलिंग करने लगा था।
बड़े नेताओं को मारने की लेता था सुपारी
छोटा राजन के संपर्क में आने के बाद पीपी ने कांट्रेक्ट किलिंग का काम शुरू कर दिया था। बड़ी बात ये है कि छोटा राजन गिरोह से पीपी को छोटे-मोटे नहीं, बल्कि बड़े नेताओं और बिजनेसमैन का मारने का ठेका मिलता था। उस दौर में पीपी ने मुंबई में कई नेताओं और बिजनेसमैन की हत्या का कांट्रेक्ट लेकर काम को अंजाम तक भी पहुंचाया। उसकी शॉर्पनेस से प्रभावित होकर ही छोटा राजन ने दाउद को मारने के लिए पीपी को पाकिस्तान भेजा था।
जेल से भी खौफ जमाना चाहता था पीपी पीपी मूल रूप से उत्तराखंड के हल्द्वानी का निवासी है। गिरफ्तारी के बाद उसे देहरादून जेल में रखा गया था। जेल में भी उसने अपना सिक्का खूब जमाया। एक बार उसे पेशी पर ले जाया जा रहा था तो उसने ईयरबड्स लगा रखे थे। फोटो वायरल होने पर पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर राज्यभर में हंगामा हो गया था। आनन-फानन में पीपी को सेंट्रल जेल सितारगंज और फिर अल्मोड़ा जेल में शिफ्ट कर दिया था।
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दाउद को उड़ाने पहुंच गया था कराची
मुंबई सीरियल ब्लास्ट को अंजाम देने के बाद अंडरवर्ड डॉन दाउद इब्राहिम अपना कारोबार छोटा शकील को सौंपकर पाकिस्तान भाग गया था। इस पर उसके विरोधी गैंग के मुखिया छोटा राजन, बंटी पांडे, विक्की मल्होत्रा और पुनीत तानाशाह ने दाउद को टपकाने की प्लानिंग कर दी थी। दाउद को उड़ाकर छोटा राजन मुंबई पर राज करना चाहता था। छोटा राजन गिरोह ने दाउद को पाकिस्तान में घुसकर मारने का जिम्मा पीपी को सौंपा था। पीपी एक शार्प शूटर हुआ करता था। पीपी दाउद को मारने कराची भी पहुंच गया था, लेकिन ऐन मौके पर दाउद बच निकला था।
वियतनाम से गिरफ्तार हुआ था पीपी
मुंबई पुलिस की सख्ती के बाद पीपी ने वियतनाम को अपना ठिकाना बना लिया था। साल 2010 में मुंबई क्राइम ब्रांच ने पीपी की एक कॉल ट्रेस कर उसका ठिकाना जान लिया था। उसी दौरान वियतनाम से ही पीपी की अरेस्टिंग हुई थी। कोर्ट ने पीपी को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
मुंबई में कांट्रेक्ट किलिंग से जमाया था सिक्का
दाउद के पाकिस्तान भागने के बाद इधर, छोटा राजन मुंबई पर अपना सिक्का जमाने के लिए गैंग को मजबूत करने में जुटा हुआ था। इसी दरमियान मुंबई के सेंट्रल रेलवे स्टेशन में पीपी की मुलाकात छोटा राजन के करीबी पुनीत तानाशाह और विक्की मल्होत्रा से हुई थी। उनके जरिए ही पीपी छोटा राजन तक पहुंचा था। छोटा राजन गिरोह में शामिल होने के बाद पीपी कांट्रेक्ट किलिंग करने लगा था।
बड़े नेताओं को मारने की लेता था सुपारी
छोटा राजन के संपर्क में आने के बाद पीपी ने कांट्रेक्ट किलिंग का काम शुरू कर दिया था। बड़ी बात ये है कि छोटा राजन गिरोह से पीपी को छोटे-मोटे नहीं, बल्कि बड़े नेताओं और बिजनेसमैन का मारने का ठेका मिलता था। उस दौर में पीपी ने मुंबई में कई नेताओं और बिजनेसमैन की हत्या का कांट्रेक्ट लेकर काम को अंजाम तक भी पहुंचाया। उसकी शॉर्पनेस से प्रभावित होकर ही छोटा राजन ने दाउद को मारने के लिए पीपी को पाकिस्तान भेजा था।
जेल से भी खौफ जमाना चाहता था पीपी पीपी मूल रूप से उत्तराखंड के हल्द्वानी का निवासी है। गिरफ्तारी के बाद उसे देहरादून जेल में रखा गया था। जेल में भी उसने अपना सिक्का खूब जमाया। एक बार उसे पेशी पर ले जाया जा रहा था तो उसने ईयरबड्स लगा रखे थे। फोटो वायरल होने पर पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर राज्यभर में हंगामा हो गया था। आनन-फानन में पीपी को सेंट्रल जेल सितारगंज और फिर अल्मोड़ा जेल में शिफ्ट कर दिया था।