कुंभ में आकर्षण का केंद्र बने ‘पान वाले बाबा’: पान को बताया आयुर्वेदिक औषधि, 13 बीमारियों से बचाव का दावा – Prayagraj (Allahabad) News

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कुंभ में आकर्षण का केंद्र बने ‘पान वाले बाबा’:  पान को बताया आयुर्वेदिक औषधि, 13 बीमारियों से बचाव का दावा – Prayagraj (Allahabad) News
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कुंभ में आकर्षण का केंद्र बने ‘पान वाले बाबा’: पान को बताया आयुर्वेदिक औषधि, 13 बीमारियों से बचाव का दावा – Prayagraj (Allahabad) News

महाकुंभ में इस बार एक अनोखे संत की चर्चा हर किसी की जुबान पर है। राजस्थान के अलवर से आए गिरधारी दास महाराज, जिन्हें लोग प्यार से ‘पान वाले बाबा’ कहते हैं, अपनी अनूठी परंपरा से सबका ध्यान खींच रहे हैं।

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बाबा श्रीजानराय राघव मंदिर के महंत बिहारी दास महाराज के शिष्य हैं। वे भक्तों को प्रसाद के रूप में पान का बीड़ा देते हैं। उनका मानना है कि पान में 13 गुणकारी तत्व मौजूद हैं, जो 13 अलग-अलग बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करते हैं। बाबा खुद अपने हाथों से पान का बीड़ा बनाकर भक्तों को खिलाते हैं।

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पान वाले बाबा ने अब तक 50 आश्रम की स्थापना की है।

पान वाले बाबा ने अब तक 50 आश्रम की स्थापना की पान वाले बाबा ने अब तक 50 आश्रम की स्थापना की है। उनके आश्रम में पांच पवित्र वृक्ष लगे हुए हैं। वे आयुर्वेद के महत्व को बताते हुए कहते हैं कि इमली से 32 रोग, आम से 12 बीमारियां दूर होती हैं। महर्षि चरक ने भी अपने ग्रंथों में पान के औषधीय गुणों का विशेष उल्लेख किया है।

घर और गांव में कम से कम 10 औषधीय पौधे लगाने चाहिए आधुनिक चिकित्सा पद्धति को तमोगुणी बताते हुए बाबा सनातन धर्म और आयुर्वेद को अपनाने की सलाह देते हैं। उनका सुझाव है कि हर व्यक्ति को अपने घर और गांव में कम से कम 10 औषधीय पौधे लगाने चाहिए। इससे न केवल पर्यावरण को लाभ होगा, बल्कि लोगों का स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा।

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पान वाले बाबा भक्तों के लिए प्रेरणा।

प्राकृतिक जीवनशैली का संदेश बाबा गिरधारी दास ने बताया- पान और उसमें इस्तेमाल होने वाली सामग्री, जैसे सुपारी, चूना, और कत्था, सभी का औषधीय महत्व है। उन्होंने बनारस और बंगाल के पान की खासियत का भी उल्लेख किया। 74 वर्ष की उम्र में भी बाबा अपने शरीर को स्वस्थ और ऊर्जावान बनाए रखने का श्रेय पान और आयुर्वेदिक जीवनशैली को देते हैं।

भक्तों के लिए प्रेरणा बाबा ने महाकुंभ में आए श्रद्धालुओं को यह संदेश दिया कि वे आयुर्वेद और सनातन संस्कृति को अपनाएं। उन्होंने कहा, “सनातन धर्म को कमजोर करने के लिए नाना प्रकार के राक्षस आए हैं। इनसे बचने के लिए हमें अपने जीवन में प्राकृतिक चिकित्सा और आयुर्वेद को स्थान देना होगा।”

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पान की औषधीय उपयोगिता बाबा के अनुसार, पान की पत्तियां न केवल स्वादिष्ट होती हैं, बल्कि उनमें रोग-निवारण की अद्भुत क्षमता भी होती है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेदिक दृष्टि से पान का सेवन विभिन्न रोगों को दूर करने और शरीर में ऊर्जा बनाए रखने में सहायक होता है।

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