किसी के पिता राजमिस्त्री, कोई टोला सेवक, तो किसी के ड्राइवर, आर्थिक तंगी को पीछे छोड़ इन बिहार बोर्ड मैट्रिक टॉपर्स ने लिखी सफलता की इबारत

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किसी के पिता राजमिस्त्री, कोई टोला सेवक, तो किसी के ड्राइवर, आर्थिक तंगी को पीछे छोड़ इन बिहार बोर्ड मैट्रिक टॉपर्स ने लिखी सफलता की इबारत

किसी के पिता राजमिस्त्री, कोई टोला सेवक, तो किसी के ड्राइवर, आर्थिक तंगी को पीछे छोड़ इन बिहार बोर्ड मैट्रिक टॉपर्स ने लिखी सफलता की इबारत

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सूबे में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। ना ही आर्थिक तंगी उनकी राह रोक पा रही। बिहार बोर्ड के मैट्रिक रिजल्ट में सफलता प्राप्त करनेवाले ज्यादतर छात्र-छात्राएं निम्न मध्यम वर्गीय परिवार से ही ताल्लुक रखते हैं। किसी के पिता टैक्सी चलाते हैं तो कोई मामूली ग्रिल की दुकान खोलकर अपना व्यवसाय कर रहे हैं। यही नहीं टोला सेवक की बेटी ने भी अपनी मेहनत के बल पर टॉपरों में अपना स्थान बनाया है।

सारण के एकमा प्रखंड की रसूलपुर पंचायत के धनाडीह गांव की बेटी पलक कुमारी को राज्य में तीसरा स्थान मिला है। उसके पिता कोलकाता में टैक्सी ड्राइवर हैं। तीसरा स्थान लाने वाली वैशाली की साजिया के पिता शिक्षक हैं, वहीं औरंगाबाद जिले के बारुण की सेजल कुमारी को पांचवां स्थान प्राप्त हुआ है। इसके पिता सुरेन्द्र चौधरी टोला सेवक हैं, जबकि मां प्रमिला देवी गृहिणी हैं। जहानाबाद के मखदुमपुर प्रखंड के कलुआचक गांव के अजीत कुमार ने चौथी रैंक हासिल की है। आमतौर पर कलुआ चक गांव को एक पिछड़ा गांव माना जाता है, जहां पढ़ाई लिखाई का माहौल नहीं है। अजीत कुमार के पिता विनय कुमार एक छोटे किसान हैं। सीवान के जोहैर अहमद को छठी रैंक मिली है। जोहैर के पिता कतर में किराना ऑपरेटर हैं। रोहतास के सूर्यपुरा के सौरभ को 454 अंक मिले हैं। सौरभ गरीब परिवार से है। उसके पिता दिल्ली के निजी कंपनी में काम करते हैं।

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राजमिस्त्री का बेटा जिला टॉपर व बिहार में चौथे स्थान पर मैट्रिक में पटना के टॉपर राहुल कुमार के पिता उपेंद्र पासवान राजमिस्त्री हैं। राहुल ने 485 अंक प्राप्त कर बिहार में चौथे स्थान हासिल किया है। राहुल का सपना आईएएस बनने का है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह सिविल सर्विसेज का तैयारी करना चाहता है। राहुल ने बताया कि उसके पिताजी के मित्र शत्रुघ्न प्रसाद सरकारी शिक्षक है।

पटना की सेकेंड टॉपर रिमझिम कुमारी को मिठाई खिलाते परिवार के लोग।

 

रिमझिम के पिता की है ग्रिल की दुकान

पटना जिले की सेकेंड टॉपर रिमझिम कुमारी इंजीनियर बनना चाहती है। उसने 479 अंक हासिल की है। वह दयानंद कन्या विद्यालय मीठापुर से 10वीं की पढ़ाई पूरी की। उसके पिता का 70 फीट में ग्रिल बनाने का कारोबार है। मां पुष्पा देवी गृहिणी हैं। रिमझिम आईआईटी में जाना चाहती है। इसी तरह संत जोसेफ कॉन्वेंट हायर सेकेंड्री की दानिया फातिमा ने जिला में पांचवा स्थान प्राप्त की। दानिया का सपना डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करना है। उनके पिता मो. इंसाफ की दवा की दुकान है और मां गृहिणी हैं।

चौथे टॉपर आशुतोष का सपना है इंजीनियर बनना

मैट्रिक की परीक्षा में पटना जिला में चौथा स्थान हासिल करने वाले जगन्नाथन हाईस्कूल बाढ़ बाजार के छात्र आशुतोष कुमार ने कड़ी मेहनत और सेल्फ स्टडी से यह मुकाम हासिल किया है। आशुतोष के पिता मुकेश कुमार सिंह बाढ़ सिविल कोर्ट में अधिवक्ता हैं। आशुतोष का कहना है कि माता-पिता की प्रेरणा से मिली इस सफलता से वह काफी खुश हैं। वहीं पंडारक प्रखंड के बिहारीबीघा हाई स्कूल के छात्र सरबजीत कुमार ने भी 476 अंक हासिल कर पूरे जिले में चौथा स्थान हासिल किया है। मंझलाबीघा गांव निवासी सरबजीत के पिता मुकेश कुमार बढ़ई का काम करते हैं। सरबजीत ने बताया कि प्रतिदिन उसने ऑनलाइन और सेल्फ स्टडी के जरिए तैयारी की थी। उसका सपना बीपीएससी अधिकारी बनना है।

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