किसानों ने SDM-ADM को तीन घंटे तक बनाया बंधक: ऑफिस के गेट पर बल्लियां लगाकर बंद किया; नेशनल हाईवे जाम करने का ऐलान – Anupgarh News

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किसानों ने SDM-ADM को तीन घंटे तक बनाया बंधक:  ऑफिस के गेट पर बल्लियां लगाकर बंद किया; नेशनल हाईवे जाम करने का ऐलान – Anupgarh News
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किसानों ने SDM-ADM को तीन घंटे तक बनाया बंधक: ऑफिस के गेट पर बल्लियां लगाकर बंद किया; नेशनल हाईवे जाम करने का ऐलान – Anupgarh News

श्रीगंगानगर के घड़साना में किसानों ने ADM अशोक सांगवा- SDM दीपक चंदन को 3 घंटे तक ऑफिस में बंधक बनाए रखा। गेट पर बल्लियां लगाकर बंद कर दिया। 15 फरवरी को नेशनल हाईवे जाम करने की चेतावनी देकर शाम साढ़े 7 बजे किसान लौट गए। इसके बाद अफसर बाहर आ पाए। किसा

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किसान नेता सत्यप्रकाश सियाग ने कहा- सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलने से फसल बर्बाद हो जाएगी। किसानों ने मांगे पूरी नहीं होने पर 13 फरवरी को 620 आरडी पर महापड़ाव डालने का फैसला लिया। 15 फरवरी से चक्का जाम करके नेशनल हाईवे-911 को अलग-अलग जगहों पर जाम किया जाएगा।

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सबसे पहले रामसिंहपुर, अनूपगढ़, रावला, घड़साना, 365 हेड, खाजूवाला, सत्तासर, 465 हेड, लूणकरणसर, श्रीविजयनगर, रावतसर और नौरंगदेसर को जाम किया जाएगा।

पहले देखिए, विवाद से जुड़ी 2 PHOTOS…

घड़साना एसडीएम कार्यालय में एडीएम अशोक सांगवा की अध्यक्षता में किसान प्रतिनिधियों के साथ बैठक हुई। वार्ता विफल रही।

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घड़साना में एसडीएम ऑफिस के गेट पर लकड़ी की बल्लियां लगाकर धरने पर बैठे किसान। मौके पर तैनात पुलिस।

सिलसिलेवार ढंग से पढ़िए पूरा मामला..

किसानों की मांग, प्रशासन की चुप्पी घड़साना में किसानों ने इंदिरा गांधी नहर परियोजना से अतिरिक्त सिंचाई पानी की मांग को लेकर संघर्ष शुरू किया है। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले शुरू हुआ यह महापड़ाव जारी है। किसानों की मुख्य मांग है कि उन्हें नहर परियोजना से अतिरिक्त सिंचाई का पानी मिले।

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पांचवीं बार भी विफल रही बातचीत एसडीएम कार्यालय में एडीएम अशोक सांगवा की अध्यक्षता में अधिकारियों और किसानों के बीच मंगलवार को पांचवें दौर की वार्ता हुई। जब परियोजना चीफ रस्तोगी ने किसानों की मांग पूरी करने में असमर्थता जताई, तो वार्ता विफल हो गई। इससे नाराज किसानों ने एसडीएम कार्यालय के दरवाजे बंद कर दिए।

अधिकारी कैद, भारी पुलिस बल तैनात रहा वर्तमान में इंदिरा गांधी नहर परियोजना के चीफ प्रदीप रस्तोगी, एडीएम अशोक सांगवा और एसडीएम दीपक चंदन कार्यालय में ही मौजूद थे। किसानों ने अफसरों को अंदर ही बंधक बना लिया। स्थिति तब और गंभीर हो गई जब आक्रोशित किसानों ने बैरिकेड्स तोड़कर कार्यालय में घुसने की चेतावनी दे दी। इस धमकी के बाद प्रशासनिक अमला पूरी तरह अलर्ट मोड पर आ गया था।

एसडीएम ऑफिस के बाहर किसान पिछले सात दिन से धरने पर बैठे हैं।

विधायक बोलीं- समस्याओं को जानबूझकर नजरअंदाज कर रहे धरने में विधायक शिमला नायक भी शामिल हुईं। उन्होंने भाजपा सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि अनूपगढ़ क्षेत्र की समस्याओं को जानबूझकर नजरअंदाज किया जा रहा है। उन्होंने संयुक्त किसान मोर्चा के आंदोलन को पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की है।

सिंचाई विभाग से मांग रहे हैं 7800 क्यूसेक पानी किसान नेता सुनील गोदारा ने बताया- खेतों में गेहूं, चना और जौ की फसल पकने की स्थिति में है और समय पर सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलने से फसल खराब होने का खतरा है। सिंचाई विभाग ने अनूपगढ़ शाखा में 1500 क्यूसेक पानी के हिसाब से 5 दिन पानी चलाने का प्रस्ताव रखा है, जिससे कुल 7500 क्यूसेक पानी की खपत होगी।

किसानों का सुझाव है कि इसी पानी को तीन-चार दिन में वितरित किया जाए, जिससे 7800 क्यूसेक पानी का उपयोग होगा। इस व्यवस्था से सिंचाई और पेयजल दोनों की आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी। सूरतगढ़ शाखा के किसानों ने भी अतिरिक्त पानी की मांग की है, जिनकी सिंचाई की बारी पहले ही समाप्त हो चुकी है।

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