कारगिल शहीद की पत्नी बोली- उनकी शहादत पर गर्व है: बेटे ने कहा- मुझे गर्व मैं एक शहीद का बेटा; बच्चों ने देशभक्ति गीतों से जोश भरा – Jhunjhunu News

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कारगिल शहीद की पत्नी बोली- उनकी शहादत पर गर्व है:  बेटे ने कहा- मुझे गर्व मैं एक शहीद का बेटा; बच्चों ने देशभक्ति गीतों से जोश भरा – Jhunjhunu News
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कारगिल शहीद की पत्नी बोली- उनकी शहादत पर गर्व है: बेटे ने कहा- मुझे गर्व मैं एक शहीद का बेटा; बच्चों ने देशभक्ति गीतों से जोश भरा – Jhunjhunu News

सीथल गांव में श्रद्धा और गर्व का माहौल

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जिले के सीथल गांव में आज देशभक्ति और श्रद्धा का भावपूर्ण संगम देखने को मिला। कारगिल युद्ध में शहीद हुए वीर सपूत मनीराम महला की 26वीं पुण्यतिथि पर गांव स्थित शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जिसमें ग्रामीणों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक

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कार्यक्रम की शुरुआत वीर शहीद की प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुई। इस अवसर पर शहीद की पत्नी मनी देवी ने अपने पति को नम आंखों से पुष्प अर्पित कर नमन किया। उनकी इस भावुक श्रद्धांजलि ने वहां मौजूद हर व्यक्ति को भीतर तक झकझोर दिया।

इस मौके पर पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी, जिला परिषद सदस्य अजय कुमार भालोठिया, ग्राम सरपंच, पूर्व सैनिक, ग्रामीण बुजुर्ग, महिलाएं व युवा बड़ी संख्या में मौजूद रहे। सभी ने शहीद मनीराम की प्रतिमा पर पुष्प चढ़ाकर वीर सपूत को नमन किया।

पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी ने अपने उद्बोधन में कहा-

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शहीद किसी एक परिवार या समाज का नहीं होता, वह पूरे देश का गौरव होता है। उनकी कुर्बानी हमें देश के प्रति अपने कर्तव्यों का एहसास कराती है। मनीराम महला जैसे योद्धाओं की गाथाएं आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेंगी।

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शहीद के पुत्र पवन महला ने कहा-

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मेरे पिता गांव के युवाओं के लिए हमेशा प्रेरणा रहे हैं। उनकी शहादत ने मेरे जैसे कई युवाओं को सेना में जाने और देश सेवा करने की राह दिखाई है। मैं खुद को गौरवान्वित महसूस करता हूं कि मैं एक शहीद का बेटा हूं।

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कारगिल युद्ध में पाक सेना को चटाई थी धूल

शहीद मनीराम महला भारतीय सेना की इंटेलिजेंस यूनिट में कार्यरत थे। वर्ष 1999 में जब कारगिल की चोटियों पर भारत ने ऑपरेशन विजय चलाया, तो उन्होंने द्रास सेक्टर में दुश्मनों से बहादुरी से लोहा लिया। 3 जुलाई 1999 को युद्ध के दौरान वे वीरगति को प्राप्त हुए। उनकी शहादत के तीन दिन बाद, 6 जुलाई को उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंचा, तो सीथल से लेकर आसपास के दर्जनों गांवों में शोक की लहर दौड़ गई थी। हजारों लोग उनके अंतिम दर्शन को उमड़ पड़े थे।

पत्नी बोली- उनकी शहादत का फक्र रहेगा

गांव में बने शहीद स्मारक पर हर साल 6 जुलाई को श्रद्धांजलि कार्यक्रम होता है। इस बार भी कार्यक्रम में बच्चों ने देशभक्ति गीत गाए, स्कूल छात्राओं ने “ऐ वतन तेरे लिए” पर प्रस्तुति दी, और स्थानीय युवाओं ने देश सेवा की शपथ ली।

शहीद की पत्नी मनी देवी ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को धन्यवाद देते हुए कहा, “मैंने अपना जीवन साथी खोया है, लेकिन गर्व है कि उन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर किया। मुझे ताउम्र इस बात पर फक्र रहेगा कि मैं एक शहीद की पत्नी हूं।”

श्रद्धांजलि सभा के समापन पर दो मिनट का मौन रखा गया और सैनिक सम्मान के साथ राष्ट्रगान गाया गया। इस दौरान पूर्व सैनिकों ने भी श्रद्धासुमन अर्पित किए और कहा कि देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले योद्धाओं को याद करना हर नागरिक का धर्म होना चाहिए।

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