कानोता बांध पर कब्जा… भराव क्षेत्र में रिसोर्ट-फॉर्म हाउस बढ़े, रात में भरी जा रही मिट्टी, निर्माण भी खूब | Kanota Dam Resort-farm houses increased in filling area soil filled | News 4 Social

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कानोता बांध पर कब्जा… भराव क्षेत्र में रिसोर्ट-फॉर्म हाउस बढ़े, रात में भरी जा रही मिट्टी, निर्माण भी खूब | Kanota Dam Resort-farm houses increased in filling area soil filled | News 4 Social

कानोता बांध पर कब्जा… भराव क्षेत्र में रिसोर्ट-फॉर्म हाउस बढ़े, रात में भरी जा रही मिट्टी, निर्माण भी खूब | Kanota Dam Resort-farm houses increased in filling area soil filled | News 4 Social

डैम का कम हो रहा भराव क्षेत्र, अतिक्रमण करने वाले पसार रहे पैर- मिलीभगत से बन रहीं सड़कें, कार्रवाई के नाम पर नोटिस दे भूल जाते

कानोता बांध के कंठ घोंटे जा रहे हैं। बहाव और भराव क्षेत्र में मिट्टी डालकर ऊंचे टीले बनाए जा रहे हैं। जिम्मेदार कार्रवाई करने की बजाय अतिक्रमणकारियों का साथ दे रहे हैं। तभी तो जेडीए सड़क बनाता है और जल संसाधन विभाग कार्रवाई के नाम पर नोटिस देकर भूल जाता है। वर्षों से मिलीभगत का यही खेल चल रहा है।

राजस्थान पत्रिका की टीम ने बांध के आस-पास क्षेत्र का निरीक्षण किया। यहां 20 से अधिक फॉर्म हाउस और रिसोर्ट मिले। कुछ तो बाकायदा किराए पर संचालित हो रहे हैं। ज्यादातर फॉर्म हाउस और रिसोर्ट रसूख वालों के बताए जाते हैं। ऐसे में जेडीए और जल संसाधन विभाग के अधिकारी भी आंख बंद कर बांध को मरने के लिए छोड़ चुके हैं। पुलिस भी कोई कार्रवाई नहीं करती। यदि ऐसे ही भराव क्षेत्र में मिट्टी डाली जाती रही तो आने वाले दिनों में कानोता बांध भी रामगढ़ बांध की तरह सूख जाएगा।

जेडीए ने बनाईं चमाचम सड़कें
भले ही शहर की कई कॉलोनियों में सड़कें न होने से लोग परेशान हो रहे हों। लेकिन, अधिकतर रिसोर्ट और फॉर्म हाउस तक पहुंचने के लिए सड़कें चमाचम हैं। कुछ जगह तो सड़कों का निर्माण हाल ही हुआ है। जबकि, जामडोली और आस-पास के आबादी वाले क्षेत्र में लोग सड़क के लिए तरस रहे हैं।

सुमेल रोड स्थित दिशा फॉर्म हाउस को जल संसाधन विभाग ने पिछले माह नोटिस जारी किया। इसके बाद 31 अक्टूबर को सहायक अभियंता ने कानोता थाना पुलिस को पत्र लिखा। सहायक अभियंता ने अपने पत्र में लिखा कि शिकायत पर जब टीम मौके पर पहुंची तो जेसीबी-ट्रैक्टर आदि मिट्टी डालते मिले। इन लोगों ने विभाग के प्रतिनिधियों से अभद्रता की और मोबाइल छीनने की भी कोशिश की।

एक ओर सड़क, दूसरी ओर बांध
अधिकतर रिसोर्ट और फॉर्म हाउस के एक ओर सड़क है और दूसरी ओर बांध है। ऐसे में जरूरत के हिसाब से लोग बांध के भराव क्षेत्र में मिट्टी डालकर अपने रिसोर्ट और फॉर्म हाउस का दायरा बढ़ाते जाते हैं। पत्रिका की टीम को एक कतार में बने कुछ रिसोर्ट की ओर मलबे और मिट्टी की ट्रॉली जाती हुईं भी मिलीं।

पिछले कुछ वर्षों में आई तेजीस्थानीय लोगों की मानें तो बांध में मिट्टी डालकर दम घोंटने का काम पिछले पांच से सात वर्षों से तेेज हुआ है। यहां लोग जमीन खरीदते हैं और बांध की ओर बढ़ जाते हैं। इन लोगों का कहना है कि यह सभी की मिलीभगत से ही हो रहा है। जेडीए प्रवर्तन शाखा के अधिकारी नियमित रूप से यहां घूमते हैं, लेकिन किसी भी रिसोर्ट पर अब तक कार्रवाई नहीं की गई।

ऐसे हो रही मनमानी
रिसोर्ट और फॉर्म हाउस संचालक बांध में मिट्टी डालने का ठेका देते हैं। जेडीए की जमीन से मिट्टी खोदी जाती है और उसे बांध में लाकर डाला जाता है।-स्थानीय लोगों की मानें तो ज्यादातर काम रात को होता है। कई जगह तीन से चार फीट के ऊंचे टीले बन गए हैं।

डूब क्षेत्र में बन रहे फॉर्म हाउस
कानोता बांध के डूब क्षेत्र में खेती करने वाले बरसात के दिनों में पानी के लिए जगह को छोड़ देते थे। खातेदारी खुलने के बाद सरकार ने डूब और भराव क्षेत्र के खातेदारों को मुआवजा व दूसरी जगह पर भूमि आवंटन कर दिया था। कई खातेदारों ने मुआवजा और जमीन नहीं ली। उन्होंने अपना मुआवजा सरकार में जमा करा दिया था। अब जमीन का भाव बढऩे पर खातेदारों ने बड़े कारोबारियों को रजिस्ट्री से जमीन का बेचना कर दिया। अब ये कारोबारी बांध के डूब क्षेत्र में फार्म हाउस, होटल बना रहे हैं। इतना ही नहीं, भराव क्षेत्र में मिट्टी डालकर अपनी जमीन दायरा भी बढ़ा रहे हैं।

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