कानपुर विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस सांस्कृतिक कार्यक्रमों की छटा: 8 पूर्व छात्रों को किया गया सम्मानित, स्मारिका मेगजीन का हुआ विमोचन – Kanpur News

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कानपुर विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस सांस्कृतिक कार्यक्रमों की छटा:  8 पूर्व छात्रों को किया गया सम्मानित, स्मारिका मेगजीन का हुआ विमोचन – Kanpur News
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कानपुर विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस सांस्कृतिक कार्यक्रमों की छटा: 8 पूर्व छात्रों को किया गया सम्मानित, स्मारिका मेगजीन का हुआ विमोचन – Kanpur News

छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (CSJMU), कानपुर के 60वें स्थापना दिवस के अवसर पर रविवार को शैक्षणिक, तकनीकी, सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों का अनूठा संगम देखने को मिला। विश्वविद्यालय के रानी लक्ष्मीबाई प्रेक्षागृह में विवि की स्मारिका मैगजीन क

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इसमें एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) पर आधारित पैनल चर्चा और सांस्कृतिक संध्या में छात्रों ने कथक नृत्य और गीत संगीत से मन मोहा। इस समारोह ने विश्वविद्यालय की समृद्ध विरासत, आधुनिक प्रौद्योगिकी, कला और सामाजिक सरोकारों को एक साथ उजागर किया।

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सांस्कृतिक कार्यक्रमों की हुई प्रस्तुति।

पूर्व छात्रों और वर्तमान छात्रों दी प्रस्तुति इस समारोह में एक जीवंत सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों द्वारा शानदार प्रस्तुतियां दी गई। शुभ्रा बर्तरिया ने “आज फिर जीने की तमन्ना है” गाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। सौरभ अग्निहोत्री ने “आं मिलो सजना” और “याद पिया की आए” का एक मधुर मिश्रण प्रस्तुत किया।अमित तिवारी ने “काजरा मोहब्बत वाला” और “जिहाल-ए-मिस्किन” गाकर सभी का दिल जीत लिया।वृषाली द्विवेदी ने “ये दिल तुम बिन कहीं”, “बड़े अच्छे लगते हैं” और “सलोना सा साजन” गाकर भावनाओं का संचार किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक।

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‘टीम रंग’ का प्रदर्शन किया गया राजीव सक्सेना ने “मेरे नैन सावन भादो” गाकर सभी को रोमांचित किया। कार्यक्रम में ‘टीम तरंग’ के सदस्यों: कृष्ण, सचेंद्र, सत्विक, गुंजन, और शशांक द्वारा एक छोटा सूफी प्रदर्शन भी किया गया, जो सूफी संगीत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाता है। इसके साथ ही, कृष्ण, सात्विक और गुंजन ने एक वाद्य संगीत प्रदर्शन किया। मुस्कान ने “घूमर”, “ठरकी चोकरो” और “नगाड़ संग ढोल बजे” का एक जीवंत लोक नृत्य प्रस्तुत किया।

खुद को विवि का पूर्व छात्र कहने में होता है गर्व कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सतीश महाना ने कहा कि कुलपति ने विश्वविद्यालय की प्रगति कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि खुद को कानपुर यूनिवर्सिटी का छात्र कहने में गर्व की अनुभूति होती है। मंच पर जिनके साथ बैठता हूं उसकी साख से मेरी साख में भी वृद्धि हो जाती है।

कुलपति विनय कुमार ने हार नहीं मानूंगा काव्य पंक्तियों से अपने कर्तव्य परायणता का परिचय दिया। पूर्व छात्रों में डॉ. अवध दुबे, विजय कुमार पांडेय, डॉ. इंद्रमोहन रोहतगी, मुख्तारूल अमीन, राजेंद्र कुमार जालान, विजय कुमार पांडेय, अतुल कपूर, संजीव कुमार, डॉ. उमेश पालीवाल ने अपने विचार व्यक्त किए।

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