कानपुर का पारा 43 डिग्री, सुबह से ही तेज धूप: उमस भरी गर्मी से सड़क पर चलने वाले दिखे बेहाल, टोपी-छाता का लिया सहारा – Kanpur News

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कानपुर का पारा 43 डिग्री, सुबह से ही तेज धूप:  उमस भरी गर्मी से सड़क पर चलने वाले दिखे बेहाल, टोपी-छाता का लिया सहारा – Kanpur News
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कानपुर का पारा 43 डिग्री, सुबह से ही तेज धूप: उमस भरी गर्मी से सड़क पर चलने वाले दिखे बेहाल, टोपी-छाता का लिया सहारा – Kanpur News

कानपुर में सुबह से छाई तेज धूप।

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कानपुर में गर्मी अपना सितम जारी रखें है। दिन पर दिन गर्मी का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। आज यानि गुरुवार की बात करे तो पारा 43 डिग्री तक पहुंच चुका है। सड़क पर निकलने वाले लोग उमस भरी गर्मी से बेहाल नजर आ रहे हैं।

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कोई छाते का सारा ले रहा है तो कोई टोपी लगा कर सड़क पर निकल रहा है। फिलाहल इस तरह की गर्मी आगे भी लोगों को झेलनी पड़ेगी। कानपुर का न्यूनतम तापमान 29 डिग्री दर्ज किया गया है।

शाम को तेज हवा चलने की संभावना

मौसम वैज्ञानिक प्रो. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि अभी ये मौसम 5 दिनों तक तो ऐसा ही रहने वाला है। इसके अलावा शाम के समय हल्के बादलों के साथ तेज हवा चलेगी। इससे लोगों को थोड़ा राहत मिलेगी।

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बंगाल की खाड़ी में चक्रवात की संभावना

बंगाल की खाड़ी में चक्रवात ‘शक्ति’ की संभावना बन रही है। आईएमडी यानी मौसम विभाग ने भी 16 से 22 मई के बीच कम दबाव का क्षेत्र बनने की चेतावनी दी। भारत में भीषण गर्मी के बीच समंदर में हलचल बढ़ गई है। देश में एक और साइक्लोन की दस्तक होने वाली है।

आईएमडी की मानें दक्षिण अंडमान सागर, निकोबार द्वीप समूह, दक्षिण बंगाल की खाड़ी और उत्तरी अंडमान सागर के कुछ हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून ने दस्तक दे दी है। अंडमान सागर के ऊपर एक अपर एयर साइक्लोनिक सर्कुलेशन देखा गया है।

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23 मई तक चक्र‌ात की संभावना

मौसम वैज्ञानिक प्रो. पांडेय ने बताया कि 16 मई से 22 मई के बीच एक कम दबाव का क्षेत्र बन सकता है। अनुमान है कि 23 मई से 28 मई के बीच यह सिस्टम और भी ताकतवर होकर चक्रवात में बदल सकता है। आईएमडी के बयान के मुताबिक, आज यानी 14 मई 2025 को तड़के 3 बजे UTC पर तमिलनाडु के तट से लगे दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में समुद्र तल से 1.5 किलोमीटर ऊपर एक अपर एयर साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है। मौसम विभाग ने यह भी कहा कि 16 और 17 मई को दक्षिण अरब सागर, मालदीव और कोंकण क्षेत्र, बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों और पूरे अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में दक्षिण-पश्चिम मानसून के और आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं। अगर यह साइक्लोन आता है तो ओडिशा से लेकर बंगाल तक असर दिख सकता है।

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