कांग्रेस सांसद से करोड़ों मिले, भ्रष्टाचार पर चुप क्यों? अमित शाह ने इंडिया गठबंधन पर बोला हमला

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कांग्रेस सांसद से करोड़ों मिले, भ्रष्टाचार पर चुप क्यों? अमित शाह ने इंडिया गठबंधन पर बोला हमला

कांग्रेस सांसद से करोड़ों मिले, भ्रष्टाचार पर चुप क्यों? अमित शाह ने इंडिया गठबंधन पर बोला हमला

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केंद्रीय गृहमंत्री व बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने झारखंड के कांग्रेस सांसद धीरज साहू के यहां करोडों नकदी मिलने पर विपक्षी गठबंधन पर प्रहार किया है। रविवार को पटना में हुई पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में शामिल होने के लिए एक दिवसीय दौरे पर बिहार आए गृहमंत्री ने कहा कि इस मसले पर इंडी गठबंधन की चुप्पी आश्चर्यजनक है। गरीब राज्य झारखंड में इस तरह का भ्रष्टाचार आंख खोलने वाला है। भाजपा इस मसले को जन-जन तक पहुंचाएगी कि विपक्षी नेता किस तरह भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं।

अमित शाह कहा कि सांसद प्रकरण से यह साफ हो गया कि विपक्ष जान-बूझकर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग की बात कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ विपक्ष सुनियोजित तरीके से केंद्रीय एजेंसियों का विपक्षी नेताओं के खिलाफ इस्तेमाल का मामला उठा रहा है। इतने भ्रष्टाचार के बावजूद अगर एजेंसियां कार्रवाई नहीं करेंगी तो उनकी कार्यक्षमता पर ही सवाल उठेंगे। 

भ्रष्टाचार पर आगे भी कार्रवाई होगी 

उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को लेकर मोदी सरकार गंभीर है और आगे भी इस दिशा में कार्रवाई होगी। सच्चाई है कि आजादी से लेकर अब तक इतनी भारी मात्रा में नकदी एक सांसद के यहां बरामदगी नहीं हुई है। कांग्रेस की चुप्पी तो समझ में आती है क्योंकि उसकी फितरत ही भ्रष्टाचार है। लेकिन जदयू, राजद, तृणमुल कांग्रेस, डीएमके, सपा जैसी पार्टियां चुप क्यों है। इन दलों को भय है कि उनके बोलने से कहीं उनका भ्रष्टाचार न उजागर हो जाए। 

रिपोर्ट पर उठ रहे सवाल

बिहार में हुए जाति आधारित सर्वे पर उन्होंने कहा कि इसमें कई त्रुटियां उजागर हुई हैं। रिपोर्ट पर सवाल उठ रहे हैं। मुसलमान और कुछ खास जातियों को सर्वे रिपोर्ट में तवज्जो दी गई है। कुछ छोटी व पिछड़ी जातियों के साथ अन्याय करने का सवाल उठ रहा है। इसका तुरंत समाधान करने की जरूरत है। अमित शाह ने कहा कि बिहार की जाति आधारित गणना का भाजपा ने समर्थन किया। जब सर्वे करने का निर्णय हुआ था तो उस समय भाजपा सरकार में थी। जाति आधारित गणना रिपोर्ट के आधार पर जो आरक्षण बढ़ाने का कानून बना, उसका भी भाजपा ने समर्थन किया। राज्यपाल ने हस्ताक्षर किए। लेकिन यह हकीकत है कि सर्वे रिपोर्ट पर सवाल उठ रहे हैं। विशेष तौर पर पिछड़ी जातियों का प्रतिनिधिमंडल बीजेपी नेताओं, जेडीयू और आरजेडी के नेताओं से भी मिला है। अपने राजनीतिक फायदे के लिए किसी जाति के साथ अन्याय ठीक नहीं है।  

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