कांग्रेस कार्यकर्ताओं से सहयोग मांगना सुखजिन्दर सिंह को पड़ा भारी, सचिन पायलट कार्यकर्ताओं ने जानिए कैसे सुनाई खरी-खरी

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कांग्रेस कार्यकर्ताओं से सहयोग मांगना सुखजिन्दर सिंह को पड़ा भारी, सचिन पायलट कार्यकर्ताओं ने जानिए कैसे सुनाई खरी-खरी

कांग्रेस कार्यकर्ताओं से सहयोग मांगना सुखजिन्दर सिंह को पड़ा भारी, सचिन पायलट कार्यकर्ताओं ने जानिए कैसे सुनाई खरी-खरी


जयपुर : राहुल गांधी की सांसद सदस्यता भंग करने के विरोध में पूरी कांग्रेस देशभर में विरोध प्रदर्शन कर रही है। राजस्थान में भी सभी संभागों में सम्मेलन किए जा रहे हैं जिनमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश प्रभारी सुखजिन्दर सिंह रंधावा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा शामिल होकर केन्द्र की सत्ता में बैठी बीजेपी को कोस रहे हैं। कांग्रेस के सम्मेलनों में भीड़ कम उमड़ने पर प्रदेश प्रभारी सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने प्रदेश कांग्रेस कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे ऐसे विकट हालात में राहुल गांधी का समर्थन करें। सोशल मीडिया पर रंधावा को कांग्रेस कार्यकर्ताओं से समर्थन मांगना भारी पड़ गया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अपनी ही पार्टी के प्रभारी को सोशल मीडिया पर खरी खरी सुना दी। पार्टी के पदाधिकारियों पर चमचागिरी सहित कई गंभीर आरोप लगाए। इनमें कई सचिन पायलट समर्थक कार्यकर्ता भी शामिल हैं।

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पहले पढें कैसे समर्थन मांगा सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने

कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने मंगलवार 28 मार्च की रात 8 बजकर 5 मिनट पर एक ट्वीट किया। रंधावा ने लिखा कि ‘मुझे कार्यकर्ताओं का साथ चाहिए। कांग्रेस ने हमें बहुत कुछ दिया है अब हमारी बारी है। ईडी, सीबीआई से हम नहीं डरेंगे। जेल भी जाना पड़ा तो जाएंगे लेकिन भाजपा सरकार को करारा जवाब देंगे और देशहित में आवाज उठाते रहेंगे।’ रंधावा ने आगे लिखा कि ‘एक एक व्यक्ति के पीछे पूरी फौज को खड़ा होना पड़ेगा। इंदिरा जी और राजीव जी ने देश के लिए कुर्बानियां दी थीं। हमें भी कुर्बानियां देनी होंगी और पूरी मेहनत के साथ काम कर राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनानी होगी। सभी सदस्यगण को सुचित किया जाता है कि मोदी सरकार की तानाशाही के खिलाफ और लोकतंत्र को बचाने के लिए संकल्प सत्याग्रह में अपना योगदान डालें’

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कार्यकर्ताओं ने कमेंट करके रंधावा को यूं दिए जवाब

ट्वीटर यूजर सुरेश नेहड़ी लिखते हैं कि ‘कांग्रेस को कार्यकर्ताओं की कहां जरूरत है, राजस्थान में तो अकेला जादूगर ही अपनी जादूगरी दिखा देगा। अब कहां गया तुम्हारा जादूगर।’ दयाराम गुर्जर ने लिखा है कि ‘जहां जहां बागियों ने कांग्रेस प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव लड़ा, उन सभी को हाल ही में उन्हीं के चहेतों को पद दिए गए। कार्यकर्ता ठगा गया हर बार की तरह।’ संदीप सांगवान लिखते हैं कि ‘राजस्थान में कांग्रेस को क्या दिया गया। बोर्डों में जगह विधायकों तो दी गई ताकि जादूगर की सरकार 5 साल बच सके। बच गए वो। मुखिया के चमचों में बांटे गए फिर भी एक आध बच गए तो बीजेपी और आरएसएस वालों को दे दिए। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को मिला ही क्या… बाबा जी का ठुल्लू…’

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बीजेपी के एंजेंटों को दे दी राजनैतिक नियुक्तियां

सोशल मीडिया यूजर पवन सोनी लिखते हैं कि ‘कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर बीजेपी के ऐजेंटों को राजनैतिक नियुक्तियां दे दी है तो उन पर बात करें। अब कांग्रेस कार्यकर्ता याद आ रहे हैं। बागी होकर चुनाव लड़ कर कांग्रेस को हराने वालों को पार्टी में पद दिए जा रहे हैं। गहलोत और डोटासरा की मनमानी ने सत्यानाश कर दिया पार्टी का।’ गोपाल लाल ने लिखा कि ‘राजनैतिक नियुक्तियां अधिकारियों और मंत्रियों के बेटों को दे दी गई। आज जब सड़क पर संघर्ष करने की बारी आई तो आपको कांग्रेस कार्यकर्ताओं की जरूरत महसूस हुई है। लाठियां खाएं कार्यकर्ता और मलाई खाएं अधिकारी।’

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कांग्रेस में कार्यकर्ताओं की कोई कीमत नहीं

एक यूजर एमएस गुप्ता ने सुखजिन्दर सिंह रंधावा को रिप्लाई करते हुए कमेंट किया कि ‘कांग्रेस और विशेषकर राजस्थान कांग्रेस में कार्यकर्ताओं और समर्थकों की कोई कीमत नही है। उल्टा उन्हीं को ठग लिया जाता है। सिर्फ राजकुमारों और राजकुमारियों की पार्टी बन गई है कांग्रेस। कुछ शीर्ष नेताओं ने कांग्रेस को बंधक बना लिया है।’ चैन सिंह लिरौटी लिखते हैं कि ‘प्रभारी जी कांग्रेस का कार्यकर्ता तो हमेशा समर्पित ही रहा है। क्या आपको भरोसा है कि राजस्थान में आपके मंत्री और विधायक ऐसा कर पाएंगे। श्रीमान जी हमें तो नहीं लगता।’

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पायलट समर्थकों ने यूं कसे तंज

ट्वीटर यूजर बिजेन्द्र सिंह लिखते हैं कि ‘सचिन पायलट जी को मुख्यधारा में लाओ, फिर देखा साहब भीड़ कैसे नहीं होती।’ बूंदी के मनीष प्रतिहार लिखते हैं कि ‘पायलट साहब को कमान संभालो, मेरे गांव का एक वोट दूसरी पार्टी को नहीं जाएगा। वरना गहलोत साहब के नाम पर तो वोट नहीं मिलेगा।’ दयाराम गुर्जर लिखते हैं कि ‘बिन पायलट सब सून’। सोशल मीडिया यूजर निहारिका कुमारी लिखती हैं कि ‘कार्यकर्ता सचिन पायलट के पास हैं क्योंकि कार्यकर्ता का हक मारकर बैठा है 3 बार सीएम बन गए। फिर कौनसी नौबत आ गई।’ राजू चौधरी ने कमेंट किया कि ‘पायलट साहब के बिना कार्यकर्ता दिखाई नहीं देंगे। यह आप नोट कर लेना आदरणीय प्रभारी जी। पिछले चार साल में कार्यकर्ता बड़े नेताओं से भी ज्यादा समझदार हो गए हैं। आप रो रो कर बुलाएंगे, तो भी कार्यकर्ता नहीं आएंगे।’ राम नरेश गुर्जर लिखते हैं कि ‘रंधावा जी, सत्ता सुख तो आप भोगों और धरने करे कार्यकर्ता। पायलट साहब की लड़ाई ही कार्यकर्ताओं की लड़ रहे हैं, पर उनकी सुने कौन। गहलोत जी बोलते हैं कि मैं जादूगर हूं, तो अब उनकी जादूगरी से करवा लो धरने प्रदर्शन।’ दिनेश कसाना ने ‘सुखजिन्दर सिंह रंधावा से पूछा कि कौनसे कार्यकर्ताओं का साथ चाहिए आपको।’ रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़

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