कहां हैं सिंगर हेमलता? रिश्ते में लगती हैं योगिता बाली की भाभी, 54 साल से कर रहीं इंडस्ट्री पर राज
हिंदी सिनेमा की एक्ट्रेस और मिथुन चक्रवर्ती की वाइफ योगिता बाली से तो आप बखूबी वाकिफ हैं। लेकिन क्या आप उनकी भाभी को जानते हैं? चलिए आपको हिंट देते हैं। ‘अंखियों के झरोखे से, मैंने देखा जो सांवरे, तुम दूर नजर आए, बड़ी दूर नजर आए…’ और ‘कौन दिसा में लेके चला रे बटोहिया’ ये गीत तो आपने सुना ही होगा। इसी गाने को खूबसूरत आवाज से अमर करने वाली हेमलता ही मिथुन चक्रवर्ती की रिश्तेदार हैं और योगिता बाली इनकी ननद हैं। जी हां, योगिता बाली के भाई योगेश बाली की वाइफ की ही बात कर रहे हैं हम। लता भट्ट से हेमलता बनीं पार्श्वगायिका ने कई भाषाओं में 5000 से भी ज्यादा गाने गाए। इस इंडस्ट्री को उन्होंने 54 साल से भी ज्यादा दिए हैं। आइए नवभारत टाइम्स की फिल्मी फ्राइडे सीरीज में आपको योगिता बाली की भाभी हेमलता से मिलवाते हैं।
हेमलता का असली नाम
हेमलता का असली नाम लता भट्ट था, जिनका जन्म मारवाड़ी ब्रह्माण फैमिली में हुआ। उनका बचपन कलकत्ता में बीता। 68 साल की हेमलता के पति योगेश बाली हैं।
रामायण के गाने में भी दी आवाज
‘नदिया के पार’ से लेकर टीवी पर ‘रामायण’ तक हेमलता ने अपने करियर में खूब गाने गाए। सिर्फ इंडस्ट्री के लिए ही नहीं बल्कि सरकार से लेकर सामाजिक गीतों के लिए भी उन्होंने अपनी आवाज दी।
हेमलता की तुलना लता दीदी से होने लगी थी
साल 1966 में हेमलता ने अपने करियर की शुरुआत की। आज वह 54 साल इस इंडस्ट्री में बिता चुकी हैं। उन्होंने अपने करियर में कई बड़े संगीतकारों के साथ काम किया। हेमलता की तुलना लता मंगेशकर से भी हुआ करती थी। जिस समय लता मंगेशकर का दबदबा हुआ करता था, इसके बावजूद वह खास छाप छोड़ने में कामयाब हुई थीं।
सिंगर हेमलता के गाने
हेमलता ने ‘ओ बेकरार दिल ठहर’, ‘होली आई होली मस्तानों की टोली’, ‘उमरिया कैसे छुपाएगी’, ‘ इजाजत हो तो हाल-ए दिल सुनाइए’, ‘मर गई रे’, ‘गणपति बप्पा मोरय्या’, ‘काले काले काजल की तरह’ से लेकर ‘तारे कितने नील गगन’ पर और ‘मान सारी उम्र’ जैसे गानों को अपनी खूबसूरत आवाज से सजाया है।
आजकल क्या कर रही हैं हेमलता
साल 2015 में हेमलता ने भारत सरकार के अभियान ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ के गीत ‘मां मुझे आने दे’ के लिए भी आवाज दी थी। नवभारत टाइम्स के साथ बातचीत में उन्होंने बताया था कि वह 36 भाषाओं में पांच हजार से ज्यादा गीत गा चुकी हैं और आज भी गा रही हैं। वह अब भी गीत संगीत से पूरी तरह जुड़ी हुई है।
पिता की सीख ने बदली हेमलता की सोच
नवभारत टाइम्स के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में हेमलता ने कहा था कि वह करियर की शुरुआत में लता मंगेश्कर को फॉलो करती हैं। उनके दिल-दिमाग और रोम रोम में वह बस चुकी थीं। मगर उनके पिता ने उन्हें समझाया कि सीखना और कॉपी करना दो अलग बातें हैं। तुम लता दीदी को कॉपी मत करो बल्कि उनसे सीखो।
लता मंगेशकर संग विवाद पर हेमलता की दो टूक
लता मंगेश्कर के साथ एक बार उनका विवाद भी खूब सुर्खियों में रहा था। हेमलता ने बताया था कि मीडिया में उनके और लता दीदी को लेकर तरह तरह की बातें छपती जरूर थी लेकिन वह इसपर कुछ नहीं कहना चाहती। लेकिन ये सच है कि वह मुझे लेकर कॉन्शस थीं और यही चीज मुझे कॉन्फिडेंस देती थीं।
हेमलता का असली नाम
हेमलता का असली नाम लता भट्ट था, जिनका जन्म मारवाड़ी ब्रह्माण फैमिली में हुआ। उनका बचपन कलकत्ता में बीता। 68 साल की हेमलता के पति योगेश बाली हैं।
रामायण के गाने में भी दी आवाज
‘नदिया के पार’ से लेकर टीवी पर ‘रामायण’ तक हेमलता ने अपने करियर में खूब गाने गाए। सिर्फ इंडस्ट्री के लिए ही नहीं बल्कि सरकार से लेकर सामाजिक गीतों के लिए भी उन्होंने अपनी आवाज दी।
हेमलता की तुलना लता दीदी से होने लगी थी
साल 1966 में हेमलता ने अपने करियर की शुरुआत की। आज वह 54 साल इस इंडस्ट्री में बिता चुकी हैं। उन्होंने अपने करियर में कई बड़े संगीतकारों के साथ काम किया। हेमलता की तुलना लता मंगेशकर से भी हुआ करती थी। जिस समय लता मंगेशकर का दबदबा हुआ करता था, इसके बावजूद वह खास छाप छोड़ने में कामयाब हुई थीं।
सिंगर हेमलता के गाने
हेमलता ने ‘ओ बेकरार दिल ठहर’, ‘होली आई होली मस्तानों की टोली’, ‘उमरिया कैसे छुपाएगी’, ‘ इजाजत हो तो हाल-ए दिल सुनाइए’, ‘मर गई रे’, ‘गणपति बप्पा मोरय्या’, ‘काले काले काजल की तरह’ से लेकर ‘तारे कितने नील गगन’ पर और ‘मान सारी उम्र’ जैसे गानों को अपनी खूबसूरत आवाज से सजाया है।
आजकल क्या कर रही हैं हेमलता
साल 2015 में हेमलता ने भारत सरकार के अभियान ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ के गीत ‘मां मुझे आने दे’ के लिए भी आवाज दी थी। नवभारत टाइम्स के साथ बातचीत में उन्होंने बताया था कि वह 36 भाषाओं में पांच हजार से ज्यादा गीत गा चुकी हैं और आज भी गा रही हैं। वह अब भी गीत संगीत से पूरी तरह जुड़ी हुई है।
पिता की सीख ने बदली हेमलता की सोच
नवभारत टाइम्स के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में हेमलता ने कहा था कि वह करियर की शुरुआत में लता मंगेश्कर को फॉलो करती हैं। उनके दिल-दिमाग और रोम रोम में वह बस चुकी थीं। मगर उनके पिता ने उन्हें समझाया कि सीखना और कॉपी करना दो अलग बातें हैं। तुम लता दीदी को कॉपी मत करो बल्कि उनसे सीखो।
लता मंगेशकर संग विवाद पर हेमलता की दो टूक
लता मंगेश्कर के साथ एक बार उनका विवाद भी खूब सुर्खियों में रहा था। हेमलता ने बताया था कि मीडिया में उनके और लता दीदी को लेकर तरह तरह की बातें छपती जरूर थी लेकिन वह इसपर कुछ नहीं कहना चाहती। लेकिन ये सच है कि वह मुझे लेकर कॉन्शस थीं और यही चीज मुझे कॉन्फिडेंस देती थीं।