कस्तूरबा विद्यालयों में धूमधाम से मना कस्तूरबा दिवस
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सीतामढ़ी। हिन्दुस्तान प्रतिनिधि
कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में गुरुवार को कस्तूरबा दिवस मनाया गया। इस अवसर पर कस्तूरबा विद्यालयों में आयोजित समारोह में शिक्षक-कर्मियों व छात्राओं ने कस्तूरबा गांधी के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके जीवनी की चर्चा की। साथ ही समारोह में कस्तूरबा विद्यालयों से आठवीं की परीक्षा पास करने वाली छात्राओं को विदाई दी गई तथा नये नामांकित छात्राओं का अभिनंदन किया गया। इस क्रम में डुमरा प्रखंड के बरियारपुर मिडिल स्कूल स्थित टाइप-1 कस्तूरबा विद्यालय में कस्तूरबा दिवस दिवस सह आठवीं कक्षा उतीर्ण बलिकाओं का विदाई समारोह आयोजित की गई। प्रधानाध्यापक डॉ. उमेश महतो कस्तूरबा गांधी के जीवनी की चर्चा की। साथ ही आठवीं पास करने वाली सभी बालिकाओं को कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय टाइप 4 में नामांकन के लिए प्रेरित किया। उन्होंने आठवी उतीर्ण बलिकाओं को नवीं कक्षा का किताब (एक सेट), बैग, पानी बोतल, कॉपी, कलम देकर प्रोत्साहित किया। साथ ही बलिकाओं को मेडल व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। मौके पर मिडिल स्कूल बरियारपुर के शिक्षक रामेश्वर महतो, विजय कुमार, विनय कुमार, सत्येंद्र कुमार व कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की शिक्षिका पुष्पा कुमारी, लक्ष्मी कुमारी झा, लेखापाल मोहम्मद तबरेज, साधन सेवी अल्का कुमारी, सहायिका रूपा कुमारी, प्रकाश कुमार आदि थे। उधर बीईपी के जिला जेंडर को-ऑडिनेटर त्रिभुवन कुमार के नेतृत्व में कस्तूरबा विद्यालय रुन्नीसैदपुर में कस्तूरबा दिवस सह विदाई व अभिनंदन समारोह आयोजित की गई। मौके पर वक्ताओं ने कहा कि कस्तूरबा का जन्म 11 अप्रैल 1869 को गुजरात के काठियावाड़ के पोरबंदर नगर में हुआ था। महात्मा गांधी से वर्ष 1882 में उनका विवाह हुआ था। पहली बार वह 1896 में महात्मा गांधी के साथ दक्षिण अफ्रीका गई थीं। बापू ने स्वाधीनता के लिए आंदोलन शुरू किया तो कस्तूरबा ने उनका पूरा साथ दिया। कस्तूरबा गांधी अपने शादी से पहले कोई स्कूली शिक्षा प्राप्त नहीं की थी। महात्मा गांधी ने उन्हें प्रारंभिक शिक्षा देने का बीड़ा उठाया। तब कस्तूरबा गांधी को शिक्षा के महत्व का एहशास हुआ। मौके पर छात्राओं के अलावा हेडमास्टर व वार्डेन समेत सभी शिक्षक आदि थे। इसी तरह अन्य कई कस्तूरबा विद्यालयों में समारोह आयोजित कर कस्तूरबा दिवस मनाया गया।
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कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में गुरुवार को कस्तूरबा दिवस मनाया गया। इस अवसर पर कस्तूरबा विद्यालयों में आयोजित समारोह में शिक्षक-कर्मियों व छात्राओं ने कस्तूरबा गांधी के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके जीवनी की चर्चा की। साथ ही समारोह में कस्तूरबा विद्यालयों से आठवीं की परीक्षा पास करने वाली छात्राओं को विदाई दी गई तथा नये नामांकित छात्राओं का अभिनंदन किया गया। इस क्रम में डुमरा प्रखंड के बरियारपुर मिडिल स्कूल स्थित टाइप-1 कस्तूरबा विद्यालय में कस्तूरबा दिवस दिवस सह आठवीं कक्षा उतीर्ण बलिकाओं का विदाई समारोह आयोजित की गई। प्रधानाध्यापक डॉ. उमेश महतो कस्तूरबा गांधी के जीवनी की चर्चा की। साथ ही आठवीं पास करने वाली सभी बालिकाओं को कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय टाइप 4 में नामांकन के लिए प्रेरित किया। उन्होंने आठवी उतीर्ण बलिकाओं को नवीं कक्षा का किताब (एक सेट), बैग, पानी बोतल, कॉपी, कलम देकर प्रोत्साहित किया। साथ ही बलिकाओं को मेडल व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। मौके पर मिडिल स्कूल बरियारपुर के शिक्षक रामेश्वर महतो, विजय कुमार, विनय कुमार, सत्येंद्र कुमार व कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की शिक्षिका पुष्पा कुमारी, लक्ष्मी कुमारी झा, लेखापाल मोहम्मद तबरेज, साधन सेवी अल्का कुमारी, सहायिका रूपा कुमारी, प्रकाश कुमार आदि थे। उधर बीईपी के जिला जेंडर को-ऑडिनेटर त्रिभुवन कुमार के नेतृत्व में कस्तूरबा विद्यालय रुन्नीसैदपुर में कस्तूरबा दिवस सह विदाई व अभिनंदन समारोह आयोजित की गई। मौके पर वक्ताओं ने कहा कि कस्तूरबा का जन्म 11 अप्रैल 1869 को गुजरात के काठियावाड़ के पोरबंदर नगर में हुआ था। महात्मा गांधी से वर्ष 1882 में उनका विवाह हुआ था। पहली बार वह 1896 में महात्मा गांधी के साथ दक्षिण अफ्रीका गई थीं। बापू ने स्वाधीनता के लिए आंदोलन शुरू किया तो कस्तूरबा ने उनका पूरा साथ दिया। कस्तूरबा गांधी अपने शादी से पहले कोई स्कूली शिक्षा प्राप्त नहीं की थी। महात्मा गांधी ने उन्हें प्रारंभिक शिक्षा देने का बीड़ा उठाया। तब कस्तूरबा गांधी को शिक्षा के महत्व का एहशास हुआ। मौके पर छात्राओं के अलावा हेडमास्टर व वार्डेन समेत सभी शिक्षक आदि थे। इसी तरह अन्य कई कस्तूरबा विद्यालयों में समारोह आयोजित कर कस्तूरबा दिवस मनाया गया।
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