कटनी में सायरन बजते ही बमबारी: अलर्ट के बाद घायलों को अस्पताल ले गए जवान, साधुराम स्कूल में मॉक ड्रिल – Katni News h3>
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कटनी में मॉक ड्रिल शुरू हो गई है।
मध्यप्रदेश के पांच शहरों में बुधवार को मॉक ड्रिल की जा रही है। कटनी में भी मॉकड्रिल शुरू हो गई है। रिहर्सल साधुराम स्कूल से शुरू किया गया है। यहां पहले सायरन बजते ही जवान अलर्ट हो गए। यहां पहले बमबारी हुई।आपातकाल की स्थिति की तरह बिल्डिंग में पुलिस ब
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इस दौरान कलेक्टर दिलीप कुमार यादव, एसपी अभिजीत रंजन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष डेहरिया, सीएसपी ख्याति मिश्रा नगर नगम आयुक्त नीलेश दुबे, एसडीएम प्रदीप मिश्रा सहित बड़ी संख्या में पुलिस दल यहां तैनात रहा।
कटनी के साधुराम स्कूल में बम फेंका गया।
कलेक्टर दिलीप कुमार यादव ने कहा कि जिले में ड्रिल हुई है। शाम को कंट्रोल रूम पर कॉल आया। इसके बाद अलर्ट कर दिया गया। इसके बाद टीम को रेस्क्यू के लिए भेजा गया। घायलों को सुरक्षित निकालकर अस्पताल भिजवाया गया। यह जागरूकता फैलाने के लिए ड्रिल है। रात को ब्लैकआउट भी है। रात में लाइट को बंद रखें।
एसपी अभिजीत रंजन ने बताया कि आकस्मिक परिस्थिति में टीम द्वारा किए जाते हैं, उसका अभ्यास है। इसका उद्देश्य लोगों को भी जागरूकता करना है।
दरअसल, गृह मंत्रालय से 7 मई के दिन सिविल डिफेंस की तैयारियों का मूल्यांकन और आपसी समन्वय को बेहतर बनाए रखने के लिए है. ये नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल आयोजित किया जा रहा है। इसमें जिला अधिकारी, सिविल डिफेंस वार्डन, होम गार्ड, एनसीसी, एनएसएस, एनवाईकेएस कुछ कॉलेज और स्कूल छात्रों शामिल हैं।
मॉक ड्रिल के दौरान घायल को अस्पताल ले जाया गया।
अफसर बोले– तैयारियों में सुधार करने का अवसर
कलेक्टर ने बताया कि मॉक ड्रिल से आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए तैयारियों का मूल्यांकन और सुधार करने का अवसर मिलता है। शाम 4:00 से लेकर 8:00 तक मॉक ड्रिल कर नागरिकों की सतर्कता एवं सुरक्षा के लिए जागरूक किया जाएगा। साथ ही, शाम 7:30 बजे जिले में ब्लैकआउट करके आपातकालीन स्थिति से निपटने की तैयारियां भी की जा रही हैं।
बता दें कि यह मॉक ड्रिल 54 साल बाद किया जाएगा। इससे पहले, 1971 में इस तरह का मॉक ड्रिल हुआ था। हालांकि उस वक्त कटनी जबलपुर जिले का हिस्सा था।
गृह मंत्रालय ने दिए निर्देश
गृह मंत्रालय ने निर्देश के अनुसार मॉक ड्रिल के दौरान अधिकारी बताएंगे कि यदि हमला होता है, तो सायरन बजने, ब्लैकआउट के उपाय, जरूरी स्थानों पर छिपाने की व्यवस्था (कैमोफ्लाज) और निकासी (एवैक्यूएशन) योजनाएं कैसे होंगी, इसका अभ्यास किया जाए।