कक्षा एक से 12वीं तक के सभी बच्चों का नए सिरे से डाटा होगा अपलोड
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विशेष:
-सत्र 2024-25 को लेकर निर्देश, बिना आधार नहीं होगी पोर्टल पर इंट्री
-डाटा अपलोड करने के लिए मिला एक से 15 अप्रैल तक का समय
-बच्चे के दोहरे नामांकन व फर्जी नामांकन रोकने को लेकर नई प्रक्रिया
-70 फीसदी से अधिक बच्चों का नहीं है आधार संख्या
मुजफ्फरपुर। प्रमुख संवाददाता
बिना आधार नंबर के बच्चों का डाटा ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर अपलोड नहीं होगा। कक्षा एक से 12वीं तक के 9 लाख से अधिक बच्चों की इंट्री नए सिरे से शिक्षा विभाग के इस पोर्टल पर होगी। सत्र 2024-25 को लेकर यह निर्देश दिया गया है।
जिला समेत सूबे में सरकारी से लेकर निजी स्कूलों में अध्ययनरत सभी बच्चों का नाम-पता समेत सभी डाटा की इंट्री ई शिक्षा कोष पोर्टल पर करनी है। विभाग के अपर मुख्य सचिव ने सभी बच्चों की फ्रेश इंट्री करने का आदेश दिया है। इसके लिए एक से 15 अप्रैल तक का समय दिया गया है। डीपीओ सर्व शिक्षा अभियान मनोज कुमार ने कहा कि इस बार बच्चों का आधार संख्या अनिवार्य किया गया है। बिना आधार संख्या के बच्चों की प्रवृष्टि पोर्टल पर नहीं की जा सकती है। ऐसे में सरकारी स्कूलों में नामांकित सभी बच्चों के स्कूल स्तर पर आधार बनवाने की व्यवस्था की गई। 70 फीसदी से अधिक बच्चों का आधार संख्या नहीं है।
कक्षा एक के बाद के सभी कक्षा के लिए पूर्व के स्कूल का डिटेल भी अनिवार्य :
डीपीओ ने कहा कि सभी प्रखंड के बीईओ को विभाग की ओर से डाटा कैप्चर फॉर्मेट उपलब्ध कराया गया है। इसी में बच्चों की इंट्री करनी है और इसे अपलोड करना है। इसमें छात्रों की अलग-अलग जानकारी के साथ ही अभिभावकों के बारे में पूरी जानकारी के साथ पूर्व के स्कूल का डिटेल देना अनिवार्य है। इसमें पूर्ववर्ती स्कूल में छात्र की उपस्थिति की जानकारी भी देनी है। कक्षा एक के लिए यह अनिवार्य नहीं है। इसके बाद की सभी कक्षा के लिए इसे अनिवार्य किया गया है। 9वीं, 10वीं से छात्रों के बैंक डिटेल भी देना है।
पिछली बार भी 20 हजार से अधिक मिले थे डुप्लीकेट विद्यार्थी :
आधार की अनिवार्यता स्कूलों में दोहरे नामांकन, फर्जी नामांकन को रोकने को लेकर की गई है। पिछले साल भी जिले में 20 हजार से अधिक डुप्लीकेट विद्यार्थी मिले थे। इन विद्यार्थियों का नाम दो-दो स्कूलों में मिला था। ऐसे में इस सत्र से बिना आधार संख्या के किसी भी छात्र की इंट्री नहीं होगी। डीपीओ ने कहा कि आधार बनाने को लेकर सभी प्रखंड में 64 शिक्षक कर्मी की प्रतिनियुक्ति की गई है जिन्हें बच्चों के आधार बनवाने की जवाबदेही दी गई है।
यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।
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-सत्र 2024-25 को लेकर निर्देश, बिना आधार नहीं होगी पोर्टल पर इंट्री
-डाटा अपलोड करने के लिए मिला एक से 15 अप्रैल तक का समय
-बच्चे के दोहरे नामांकन व फर्जी नामांकन रोकने को लेकर नई प्रक्रिया
-70 फीसदी से अधिक बच्चों का नहीं है आधार संख्या
मुजफ्फरपुर। प्रमुख संवाददाता
बिना आधार नंबर के बच्चों का डाटा ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर अपलोड नहीं होगा। कक्षा एक से 12वीं तक के 9 लाख से अधिक बच्चों की इंट्री नए सिरे से शिक्षा विभाग के इस पोर्टल पर होगी। सत्र 2024-25 को लेकर यह निर्देश दिया गया है।
जिला समेत सूबे में सरकारी से लेकर निजी स्कूलों में अध्ययनरत सभी बच्चों का नाम-पता समेत सभी डाटा की इंट्री ई शिक्षा कोष पोर्टल पर करनी है। विभाग के अपर मुख्य सचिव ने सभी बच्चों की फ्रेश इंट्री करने का आदेश दिया है। इसके लिए एक से 15 अप्रैल तक का समय दिया गया है। डीपीओ सर्व शिक्षा अभियान मनोज कुमार ने कहा कि इस बार बच्चों का आधार संख्या अनिवार्य किया गया है। बिना आधार संख्या के बच्चों की प्रवृष्टि पोर्टल पर नहीं की जा सकती है। ऐसे में सरकारी स्कूलों में नामांकित सभी बच्चों के स्कूल स्तर पर आधार बनवाने की व्यवस्था की गई। 70 फीसदी से अधिक बच्चों का आधार संख्या नहीं है।
कक्षा एक के बाद के सभी कक्षा के लिए पूर्व के स्कूल का डिटेल भी अनिवार्य :
डीपीओ ने कहा कि सभी प्रखंड के बीईओ को विभाग की ओर से डाटा कैप्चर फॉर्मेट उपलब्ध कराया गया है। इसी में बच्चों की इंट्री करनी है और इसे अपलोड करना है। इसमें छात्रों की अलग-अलग जानकारी के साथ ही अभिभावकों के बारे में पूरी जानकारी के साथ पूर्व के स्कूल का डिटेल देना अनिवार्य है। इसमें पूर्ववर्ती स्कूल में छात्र की उपस्थिति की जानकारी भी देनी है। कक्षा एक के लिए यह अनिवार्य नहीं है। इसके बाद की सभी कक्षा के लिए इसे अनिवार्य किया गया है। 9वीं, 10वीं से छात्रों के बैंक डिटेल भी देना है।
पिछली बार भी 20 हजार से अधिक मिले थे डुप्लीकेट विद्यार्थी :
आधार की अनिवार्यता स्कूलों में दोहरे नामांकन, फर्जी नामांकन को रोकने को लेकर की गई है। पिछले साल भी जिले में 20 हजार से अधिक डुप्लीकेट विद्यार्थी मिले थे। इन विद्यार्थियों का नाम दो-दो स्कूलों में मिला था। ऐसे में इस सत्र से बिना आधार संख्या के किसी भी छात्र की इंट्री नहीं होगी। डीपीओ ने कहा कि आधार बनाने को लेकर सभी प्रखंड में 64 शिक्षक कर्मी की प्रतिनियुक्ति की गई है जिन्हें बच्चों के आधार बनवाने की जवाबदेही दी गई है।
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