कंजम्पशन रिपोर्ट 2025- मल्टी-ब्रांड स्टोर से खरीदारी 12% बढ़ी: फ्रिज, टीवी, सोफा जैसे कंज्यूमर ड्यूरेबल्स पर खर्च 72% बढ़ा, एक साल पहले 6% ही बढ़ा था h3>
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नई दिल्ली46 मिनट पहले
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खपत बढ़ने में बीते वित्त वर्ष बिहार अव्वल रहा। अब टॉप-5 में।
भारतीय घरों में खर्च की आदतें तेजी से बदल रही हैं। अब लोग रोटी, कपड़ा और मकान से आगे बढ़कर समाज में अपनी हैसियत ऊंची करने और डिस्क्रेशनरी सामान (शौकिया चीजें) पर खर्च बढ़ा रहे हैं। शहरी इलाकों में ये बदलाव ज्यादा तेज है।
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बिजनेस सर्विसेज कंपनी सीएमएस इंफो सिस्टम्स की कंजम्पशन रिपोर्ट 2025 में यह खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष 2024-25 में कंज्यूमर ड्यूरेबल्स पर औसत मासिक खर्च 72% बढ़ गया।
मकानों की ज्यादा खरीदारी और घर सजाने पर खर्च बढ़ना इसकी वजह रही। रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि 2023-24 में कंज्यूमर ड्यूरेबल्स पर खर्च सिर्फ 6% बढ़ा था। 2025 में भी यह ट्रेंड जारी है।
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लोग फ्रिज, वॉशिंग मशीन, टीवी, सोफा जैसे कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और रोजाना इस्तेमाल होने वाले ब्रांडेड सामान (एफएमसीजी) पर पहले से ज्यादा खर्च कर रहे हैं।
मल्टी-ब्रांड स्टोर से शॉपिंग बढ़ी; ई-कॉमर्स सिमट रहा, क्विक कॉमर्स बढ़ रहा
- स्टोर से महंगी शॉपिंग: स्टोर से प्रीमियम प्रोडक्ट्स की खरीदारी बढ़ी। 2024-25 में मल्टी-ब्रांड आउटलेट्स पर खर्च 12% बढ़ा, जबकि 2023-24 में 29% घटा था।
- FMCG में रिकवरी: 31 मार्च को खत्म वित्त वर्ष 2025 में FMCG यानी रोजमर्रा की चीजों पर भारतीयों का खर्च 4% बढ़ा। 2022-23 में ये खर्च 22% घटा था। 2023-24 में लगभग स्थिर रहा था।
- कैश-बेस्ड खपत बढ़ी: बीते वित्त वर्ष उत्तर भारत के 5 राज्य कैश-बेस्ड कंजप्शन पर फोकस कर रहे हैं। बिहार, हिमाचल और छत्तीसगढ़ 3 साल में पहली बार इस लिस्ट में आए हैं।
- नकद निकासी तेज: 2024-25 में हर महीने ATM से निकाली गई औसत राशि में बढ़ोतरी हुई। अक्टूबर 2024 में कैश विड्रॉल 4% जनवरी 2025 में 4%, फरवरी 2025 में 5% और मार्च 2025 में 6% बढ़ी।
- क्विक कॉमर्स बढ़ा: मार्च तक क्विक कॉमर्स 10% बढ़ा, जबकि ई-कॉमर्स में 17% गिरावट आई। वजह, क्विक कॉमर्स 15-30 मिनट में डिलीवरी करते हैं, जबकि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स सामान पहुंचाने में कई दिन लगा देते हैं।
तेज खपत वाले टॉप-5 में छत्तीसगढ़ की एंट्री, कर्नाटक बाहर
2024-25
2023-24
2022-23
बिहार
दिल्ली
दिल्ली
दिल्ली
तमिलनाडु
कर्नाटक
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश
तमिलनाडु
हिमाचल
प. बंगाल
केरल
छत्तीसगढ़
कर्नाटक
असम
कंजप्शन बढ़ाने में बिहार टॉप
खपत बढ़ने में बीते वित्त वर्ष बिहार अव्वल रहा। इससे पहले के दो साल बिहार टॉप-5 में भी नहीं था। बीते वित्त वर्ष कर्नाटक टॉप-5 राज्यों की लिस्ट से बाहर हो गई। दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश की एंट्री हुई।
ATM से निकासी 3% बढ़ी, UPI साइज 8% घटा
2024-25 में एटीएम से नकद निकासी का औसत टिकट साइज 5,658 रुपए रहा। ये 2023-24 से 3% ज्यादा है। इसके उलट 2024 की पहली छमाही में UPI लेनदेन का औसत टिकट साइज 1,478 रुपए रह गया, जो इससे एक साल पहले की तुलना में करीब 8% कम है।
रिजर्व बैंक के मुताबिक, मार्च 2024 तक, 60% उपभोक्ता खर्च नकद हुआ। बीते 10 साल में करेंसी का चलन 157% बढ़ा, एटीएम की संख्या 32% बढ़ी और बैंक ब्रांच में 36% इजाफा हुआ।
2017 से देश में कैश का इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा
देश में कैश का इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा है। सीएमएसी एटीएम कैश डिस्पेंस डेटा के मुताबिक, भारत में 2017 से लगातार कैश निकासी बढ़ रही है। इस मामले में कोविड महामारी के असर से केवल 2021 में गिरावट आई थी।
रिपोर्ट के मुताबिक, UPI और डिजिटल ट्रांजैक्शन भी बढ़ रहे हैं। इसके चलते एटीएम से निकासी बढ़ने की रफ्तार घटी है, लेकिन ग्रोथ बनी हुई। हाल के महीनों में ये ग्रोथ भी बढ़ी है क्योंकि प्रति लेनदेन डिजिटल ट्रांजैक्शन का आकार घटा है।
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नई दिल्ली46 मिनट पहले
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खपत बढ़ने में बीते वित्त वर्ष बिहार अव्वल रहा। अब टॉप-5 में।
भारतीय घरों में खर्च की आदतें तेजी से बदल रही हैं। अब लोग रोटी, कपड़ा और मकान से आगे बढ़कर समाज में अपनी हैसियत ऊंची करने और डिस्क्रेशनरी सामान (शौकिया चीजें) पर खर्च बढ़ा रहे हैं। शहरी इलाकों में ये बदलाव ज्यादा तेज है।
बिजनेस सर्विसेज कंपनी सीएमएस इंफो सिस्टम्स की कंजम्पशन रिपोर्ट 2025 में यह खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष 2024-25 में कंज्यूमर ड्यूरेबल्स पर औसत मासिक खर्च 72% बढ़ गया।
मकानों की ज्यादा खरीदारी और घर सजाने पर खर्च बढ़ना इसकी वजह रही। रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि 2023-24 में कंज्यूमर ड्यूरेबल्स पर खर्च सिर्फ 6% बढ़ा था। 2025 में भी यह ट्रेंड जारी है।
लोग फ्रिज, वॉशिंग मशीन, टीवी, सोफा जैसे कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और रोजाना इस्तेमाल होने वाले ब्रांडेड सामान (एफएमसीजी) पर पहले से ज्यादा खर्च कर रहे हैं।
मल्टी-ब्रांड स्टोर से शॉपिंग बढ़ी; ई-कॉमर्स सिमट रहा, क्विक कॉमर्स बढ़ रहा
- स्टोर से महंगी शॉपिंग: स्टोर से प्रीमियम प्रोडक्ट्स की खरीदारी बढ़ी। 2024-25 में मल्टी-ब्रांड आउटलेट्स पर खर्च 12% बढ़ा, जबकि 2023-24 में 29% घटा था।
- FMCG में रिकवरी: 31 मार्च को खत्म वित्त वर्ष 2025 में FMCG यानी रोजमर्रा की चीजों पर भारतीयों का खर्च 4% बढ़ा। 2022-23 में ये खर्च 22% घटा था। 2023-24 में लगभग स्थिर रहा था।
- कैश-बेस्ड खपत बढ़ी: बीते वित्त वर्ष उत्तर भारत के 5 राज्य कैश-बेस्ड कंजप्शन पर फोकस कर रहे हैं। बिहार, हिमाचल और छत्तीसगढ़ 3 साल में पहली बार इस लिस्ट में आए हैं।
- नकद निकासी तेज: 2024-25 में हर महीने ATM से निकाली गई औसत राशि में बढ़ोतरी हुई। अक्टूबर 2024 में कैश विड्रॉल 4% जनवरी 2025 में 4%, फरवरी 2025 में 5% और मार्च 2025 में 6% बढ़ी।
- क्विक कॉमर्स बढ़ा: मार्च तक क्विक कॉमर्स 10% बढ़ा, जबकि ई-कॉमर्स में 17% गिरावट आई। वजह, क्विक कॉमर्स 15-30 मिनट में डिलीवरी करते हैं, जबकि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स सामान पहुंचाने में कई दिन लगा देते हैं।
तेज खपत वाले टॉप-5 में छत्तीसगढ़ की एंट्री, कर्नाटक बाहर
2024-25 | 2023-24 | 2022-23 |
बिहार | दिल्ली | दिल्ली |
दिल्ली | तमिलनाडु | कर्नाटक |
उत्तर प्रदेश | उत्तर प्रदेश | तमिलनाडु |
हिमाचल | प. बंगाल | केरल |
छत्तीसगढ़ | कर्नाटक | असम |
कंजप्शन बढ़ाने में बिहार टॉप
खपत बढ़ने में बीते वित्त वर्ष बिहार अव्वल रहा। इससे पहले के दो साल बिहार टॉप-5 में भी नहीं था। बीते वित्त वर्ष कर्नाटक टॉप-5 राज्यों की लिस्ट से बाहर हो गई। दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश की एंट्री हुई।
ATM से निकासी 3% बढ़ी, UPI साइज 8% घटा
2024-25 में एटीएम से नकद निकासी का औसत टिकट साइज 5,658 रुपए रहा। ये 2023-24 से 3% ज्यादा है। इसके उलट 2024 की पहली छमाही में UPI लेनदेन का औसत टिकट साइज 1,478 रुपए रह गया, जो इससे एक साल पहले की तुलना में करीब 8% कम है।
रिजर्व बैंक के मुताबिक, मार्च 2024 तक, 60% उपभोक्ता खर्च नकद हुआ। बीते 10 साल में करेंसी का चलन 157% बढ़ा, एटीएम की संख्या 32% बढ़ी और बैंक ब्रांच में 36% इजाफा हुआ।
2017 से देश में कैश का इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा
देश में कैश का इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा है। सीएमएसी एटीएम कैश डिस्पेंस डेटा के मुताबिक, भारत में 2017 से लगातार कैश निकासी बढ़ रही है। इस मामले में कोविड महामारी के असर से केवल 2021 में गिरावट आई थी।
रिपोर्ट के मुताबिक, UPI और डिजिटल ट्रांजैक्शन भी बढ़ रहे हैं। इसके चलते एटीएम से निकासी बढ़ने की रफ्तार घटी है, लेकिन ग्रोथ बनी हुई। हाल के महीनों में ये ग्रोथ भी बढ़ी है क्योंकि प्रति लेनदेन डिजिटल ट्रांजैक्शन का आकार घटा है।
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