ओवैसी का खौफ या मुसलमान वोट का लोभ, लालू यादव ने मुस्लिम आरक्षण पर बयान क्यों दिया? h3>
लोकसभा चुनाव में पहले से गर्म मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे को तीसरे चरण के मतदान की सुबह राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू यादव ने यह कहकर भड़का दिया कि आरक्षण तो मिलना चाहिए ना मुसलमानों को और अंत में जोड़ दिया पूरा। बाद में लालू ने सफाई दी लेकिन तब तक काम हो चुका था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फौरन बयान को लपका और कहा कि लालू के बयान से साफ है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाला इंडिया गठबंधन धर्म के आधार पर मुसलमानों को आरक्षण देने की योजना में है। मध्य प्रदेश में पीएम मोदी ने बिना लालू का नाम लिए कहा कि चारा खाने वाले एक नेता ने कहा कि मुसलमानों को पूरा आरक्षण मिलना चाहिए। उन्होंने इसका मतलब समझाया कि एससी, एसटी, ओबीसी को जो आरक्षण मिला है, वो ये लोग छीनकर पूरा का पूरा मुसलमानों को देना चाहते हैं। भाजपा के कई नेताओं ने ऐसी ही प्रतिक्रिया से कांग्रेस को घेरा है।
बिहार में तीन दशक से भी ज्यादा समय से राजनीति के केंद्र में चल रहे लालू यादव के बीच चुनाव में मुस्लिम आरक्षण पर कही गई बात को सोच-समझकर दिया गया बयान माना जा सकता है। फायदा महागठबंधन को होगा या भाजपा को, ये नहीं कहा जा सकता लेकिन ये कहा जा सकता है कि लोकसभा चुनाव के बचे चरणों में धार्मिक आधार पर वोटों के ध्रुवीकरण में इसका इस्तेमाल आसानी से होगा। बिहार की 40 में 14 सीटों पर चुनाव हो चुके हैं लेकिन 26 सीटों पर मतदान बाकी है। लालू यादव ने जिस समय सुबह लगभग 10 बजे ये बयान दिया, उस समय अररिया, सुपौल, मधेपुरा, खगड़िया और झंझापुर में वोटिंग हो रही थी। 12 बजे तक पीएम मोदी की तीखी प्रतिक्रिया भी आ गई।
एससी-एसटी से आरक्षण छीन मुस्लिमों को देना चाहते हैं, लालू के बयान पर बोले PM मोदी
लालू के बयान को बिहार में मुसलमानों को आरजेडी और महागठबंधन की तरफ खींचने की एक रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम बिहार में कई सीटों पर लड़ रही है। 2020 के विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी ने सवा परसेंट वोट के साथ तीन जिलों में पांच सीट जीत ली थी। बाद में उसके चार विधायक राजद में शामिल हो गए। ओवैसी की पार्टी ने सीमांचल के पूर्णिया, अररिया और किशनगंज जिले में ये सीटें जीती थीं। ओवैसी उस बार 20 विधानसभा सीट लड़े थे और उनकी पार्टी के प्रदर्शन के कारण राजद के नेताओं को लगता है कि तेजस्वी यादव की सरकार बनते-बनते रह गई। इस बार वो बिहार की 10 लोकसभा सीटों पर लड़ रहे हैं। जाहिर है कि महागठबंधन को ओवैसी की वजह से मुस्लिम वोटों के बंटवारे का डर सता रहा है।
आरक्षण सामाजिक होता है, धर्म के आधार पर नहीं; मुस्लिम रिजर्वेशन पर लालू यादव की सफाई
ओवैसी ने किशनगंज के अलावा पाटलिपुत्र, शिवहर, मुजफ्फरपुर, मधुबनी, वाल्मीकि नगर, महाराजगंज, काराकाट, गोपालगंज और जहानाबाद में चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। किशनगंज में चुनाव हो चुका है। एआईएमआईएम ने शिवहर में राणा रणजीत सिंह, काराकाट में प्रियंका चौधरी, मधुबनी में वकार सिद्दीकी और मुजफ्फरपुर में अंजरुल हसन को कैंडिडेट बनाया है। बाकी नाम का ऐलान बाकी है। सीमांचल की कई सीटों पर ओवैसी ने जब लड़ने से मना कर दिया था तो आरोप लगने लगा था कि इनका महागठबंधन के साथ अल्पसंख्यक वोटों का बंटवारा रोकने की समझदारी बन गई है।
इतना बच्चा पैदा करता है बयान से भड़के लालू की नीतीश से बातचीत बंद; नरम तेजस्वी के इंतजार का क्या होगा?
लेकिन अब असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने उन सीटों पर भी मुस्लिम कैंडिडेट दे दिए हैं जहां आरजेडी से भी मुसलमान लड़ रहा है। मधुबनी में भाजपा के अशोक यादव के खिलाफ राजद के अली अशरफ फातमी और एआईएमआईएम के वकार सिद्दीकी लड़ेंगे। पाटलिपुत्र में रामकृपाल यादव और मीसा भारती के मुकाबले भी ओवैसी की तरफ से मुसलमान उतारने की चर्चा है। सीवान में हीना शहाब निर्दलीय लड़ रही हैं जिन्हें ओवैसी और पप्पू यादव का समर्थन है। यहां आरजेडी ने अवध बिहारी चौधरी को टिकट दिया है।
मुसलमानों को पूरा रिजर्वेशन, लालू के बयान पर तूफान; BJP बोली- RJD के… से संविधान से खतरे में
पसमांदा मुसलमानों में भाजपा की घुसपैठ और नीतीश कुमार की पैठ के बीच लालू का मुस्लिम आरक्षण पर बयान, वोटों का बिखराव रोकने और ओवैसी की पार्टी से नुकसान को कम करने की कोशिश दिख रही है। लालू अपने चाल गिन रहे हैं जबकि शतरंज के दूसरी तरफ बैठी भाजपा बहुसंख्यक वोटरों को एकजुट करने की कोशिश करेगी। तीन चरण के चुनाव में एनडीए लालू के परिवार के भ्रष्टाचार और उनके शासनकाल पर ही बोलता दिखा जबकि महागठबंधन नौकरी के वादों के साथ सरकार से सवाल पूछता रहा।
‘वो हमसे बड़े OBC हैं क्या?’ जब PM मोदी ने चारा खाने वाले नेता कह बोला हमला तो लालू ने किया पलटवार
बिहार में लोकसभा चुनाव के प्रचार में अब तक कोई बड़ा बवाली मुद्दा नहीं मिल रहा था। बचे हुए चार चरणों में लालू के मुस्लिम आरक्षण बयान से वो कमी पूरी होती दिख रही है। पीएम मोदी दो दिन के बिहार दौरे पर 12 मई को पटना में रोड शो करेंगे और अगले दिन 13 मई को मुजफ्फरपुर, छपरा और हाजीपुर में चुनावी रैली करेंगे। पीएम मोदी जब पटना में लालू के दिए बयान पर 1300 किलोमीटर दूर धार में दो घंटे के अंदर हमला बोल देते हैं तो यह सहज समझा जा सकता है कि 13 मई को चौथे चरण के मतदान के दिन वो बिहार की धरती पर तीन-तीन रैलियों में इस मुद्दे को उठाकर किस तरह भाजपा का माहौल बनाएंगे।
बिहार की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Delhi News
लोकसभा चुनाव में पहले से गर्म मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे को तीसरे चरण के मतदान की सुबह राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू यादव ने यह कहकर भड़का दिया कि आरक्षण तो मिलना चाहिए ना मुसलमानों को और अंत में जोड़ दिया पूरा। बाद में लालू ने सफाई दी लेकिन तब तक काम हो चुका था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फौरन बयान को लपका और कहा कि लालू के बयान से साफ है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाला इंडिया गठबंधन धर्म के आधार पर मुसलमानों को आरक्षण देने की योजना में है। मध्य प्रदेश में पीएम मोदी ने बिना लालू का नाम लिए कहा कि चारा खाने वाले एक नेता ने कहा कि मुसलमानों को पूरा आरक्षण मिलना चाहिए। उन्होंने इसका मतलब समझाया कि एससी, एसटी, ओबीसी को जो आरक्षण मिला है, वो ये लोग छीनकर पूरा का पूरा मुसलमानों को देना चाहते हैं। भाजपा के कई नेताओं ने ऐसी ही प्रतिक्रिया से कांग्रेस को घेरा है।
बिहार में तीन दशक से भी ज्यादा समय से राजनीति के केंद्र में चल रहे लालू यादव के बीच चुनाव में मुस्लिम आरक्षण पर कही गई बात को सोच-समझकर दिया गया बयान माना जा सकता है। फायदा महागठबंधन को होगा या भाजपा को, ये नहीं कहा जा सकता लेकिन ये कहा जा सकता है कि लोकसभा चुनाव के बचे चरणों में धार्मिक आधार पर वोटों के ध्रुवीकरण में इसका इस्तेमाल आसानी से होगा। बिहार की 40 में 14 सीटों पर चुनाव हो चुके हैं लेकिन 26 सीटों पर मतदान बाकी है। लालू यादव ने जिस समय सुबह लगभग 10 बजे ये बयान दिया, उस समय अररिया, सुपौल, मधेपुरा, खगड़िया और झंझापुर में वोटिंग हो रही थी। 12 बजे तक पीएम मोदी की तीखी प्रतिक्रिया भी आ गई।
एससी-एसटी से आरक्षण छीन मुस्लिमों को देना चाहते हैं, लालू के बयान पर बोले PM मोदी
लालू के बयान को बिहार में मुसलमानों को आरजेडी और महागठबंधन की तरफ खींचने की एक रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम बिहार में कई सीटों पर लड़ रही है। 2020 के विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी ने सवा परसेंट वोट के साथ तीन जिलों में पांच सीट जीत ली थी। बाद में उसके चार विधायक राजद में शामिल हो गए। ओवैसी की पार्टी ने सीमांचल के पूर्णिया, अररिया और किशनगंज जिले में ये सीटें जीती थीं। ओवैसी उस बार 20 विधानसभा सीट लड़े थे और उनकी पार्टी के प्रदर्शन के कारण राजद के नेताओं को लगता है कि तेजस्वी यादव की सरकार बनते-बनते रह गई। इस बार वो बिहार की 10 लोकसभा सीटों पर लड़ रहे हैं। जाहिर है कि महागठबंधन को ओवैसी की वजह से मुस्लिम वोटों के बंटवारे का डर सता रहा है।
आरक्षण सामाजिक होता है, धर्म के आधार पर नहीं; मुस्लिम रिजर्वेशन पर लालू यादव की सफाई
ओवैसी ने किशनगंज के अलावा पाटलिपुत्र, शिवहर, मुजफ्फरपुर, मधुबनी, वाल्मीकि नगर, महाराजगंज, काराकाट, गोपालगंज और जहानाबाद में चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। किशनगंज में चुनाव हो चुका है। एआईएमआईएम ने शिवहर में राणा रणजीत सिंह, काराकाट में प्रियंका चौधरी, मधुबनी में वकार सिद्दीकी और मुजफ्फरपुर में अंजरुल हसन को कैंडिडेट बनाया है। बाकी नाम का ऐलान बाकी है। सीमांचल की कई सीटों पर ओवैसी ने जब लड़ने से मना कर दिया था तो आरोप लगने लगा था कि इनका महागठबंधन के साथ अल्पसंख्यक वोटों का बंटवारा रोकने की समझदारी बन गई है।
इतना बच्चा पैदा करता है बयान से भड़के लालू की नीतीश से बातचीत बंद; नरम तेजस्वी के इंतजार का क्या होगा?
लेकिन अब असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने उन सीटों पर भी मुस्लिम कैंडिडेट दे दिए हैं जहां आरजेडी से भी मुसलमान लड़ रहा है। मधुबनी में भाजपा के अशोक यादव के खिलाफ राजद के अली अशरफ फातमी और एआईएमआईएम के वकार सिद्दीकी लड़ेंगे। पाटलिपुत्र में रामकृपाल यादव और मीसा भारती के मुकाबले भी ओवैसी की तरफ से मुसलमान उतारने की चर्चा है। सीवान में हीना शहाब निर्दलीय लड़ रही हैं जिन्हें ओवैसी और पप्पू यादव का समर्थन है। यहां आरजेडी ने अवध बिहारी चौधरी को टिकट दिया है।
मुसलमानों को पूरा रिजर्वेशन, लालू के बयान पर तूफान; BJP बोली- RJD के… से संविधान से खतरे में
पसमांदा मुसलमानों में भाजपा की घुसपैठ और नीतीश कुमार की पैठ के बीच लालू का मुस्लिम आरक्षण पर बयान, वोटों का बिखराव रोकने और ओवैसी की पार्टी से नुकसान को कम करने की कोशिश दिख रही है। लालू अपने चाल गिन रहे हैं जबकि शतरंज के दूसरी तरफ बैठी भाजपा बहुसंख्यक वोटरों को एकजुट करने की कोशिश करेगी। तीन चरण के चुनाव में एनडीए लालू के परिवार के भ्रष्टाचार और उनके शासनकाल पर ही बोलता दिखा जबकि महागठबंधन नौकरी के वादों के साथ सरकार से सवाल पूछता रहा।
‘वो हमसे बड़े OBC हैं क्या?’ जब PM मोदी ने चारा खाने वाले नेता कह बोला हमला तो लालू ने किया पलटवार
बिहार में लोकसभा चुनाव के प्रचार में अब तक कोई बड़ा बवाली मुद्दा नहीं मिल रहा था। बचे हुए चार चरणों में लालू के मुस्लिम आरक्षण बयान से वो कमी पूरी होती दिख रही है। पीएम मोदी दो दिन के बिहार दौरे पर 12 मई को पटना में रोड शो करेंगे और अगले दिन 13 मई को मुजफ्फरपुर, छपरा और हाजीपुर में चुनावी रैली करेंगे। पीएम मोदी जब पटना में लालू के दिए बयान पर 1300 किलोमीटर दूर धार में दो घंटे के अंदर हमला बोल देते हैं तो यह सहज समझा जा सकता है कि 13 मई को चौथे चरण के मतदान के दिन वो बिहार की धरती पर तीन-तीन रैलियों में इस मुद्दे को उठाकर किस तरह भाजपा का माहौल बनाएंगे।