ओलंपिक में इतने मेडल जीतना मजाक नहीं…पीवी सिंधू ने साफ-साफ लफ्जों में बताया अपना पेरिस वाला टारगेट

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ओलंपिक में इतने मेडल जीतना मजाक नहीं…पीवी सिंधू ने साफ-साफ लफ्जों में बताया अपना पेरिस वाला टारगेट


ओलंपिक में इतने मेडल जीतना मजाक नहीं…पीवी सिंधू ने साफ-साफ लफ्जों में बताया अपना पेरिस वाला टारगेट

शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू ने कहा कि वह पेरिस में तीसरा व्यक्तिगत ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगी जिसके लिए वह अतीत के अनुभव से फायदा उठाना चाहेंगी। सिंधू की निगाहें आगामी ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने पर लगी हैं जिससे वह इतिहास रच सकती हैं क्योंकि उन्होंने 2016 रियो ओलंपिक में रजत और 2020 टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था।

‘जियो सिनेमा’ के ‘द ड्रीमर्स’ पर बातचीत के दौरान सिंधू ने पेरिस में इतिहास रचने पर ध्यान लगाने के बारे में बात की। हालांकि इस भारतीय स्टार के लिए यह काफी मुश्किल होगा। सिंधू ने कहा, ”पेरिस में तीसरा पदक जीतने के बारे में सोचने की बात निश्चित रूप से मुझे प्रेरित करती है और मैं स्वर्ण पदक जीतने के लिए अथक प्रयास करूंगी। मेरे लिए ओलंपिक ऐसे खेल हैं जिसमें मैं अपना 200 प्रतिशत देती हूं।”

उन्होंने कहा, ”यह यात्रा 2016 में और 2020 में शानदार रही है जिसमें काफी अथक प्रयास रहे और ऐसे पल रहे जिन्हें भुलाया नहीं जा सकता।” सिंधू ने कहा, ”पेरिस 2024 के लिए तैयारी नई शुरूआत है और कुछ भी हो, मुझे अपना शत प्रतिशत देना होगा।” विश्व रैंकिंग की शीर्ष खिलाड़ियों में शामिल सिंधू ने कहा, ”ओलंपिक में पिछले प्रदर्शन का काफी अनुभव मेरे पास है जिससे मैं पेरिस 2024 में मदद लूंगी लेकिन मैं पदकों के बारे में सोच सोचकर अतिआत्मविश्वासी नहीं होना चाहती।”

उन्होंने कहा, ”मुझे उम्मीद है कि मैं देश की उम्मीदों को पूरा कर सकती हूं और तीसरा पदक जीत सकती हूं क्योंकि लगातार तीन पदक जीतना हंसी-मजाक का खेल नहीं है। मेरी सोच स्वर्ण पदक जीतने पर लगी है जिससे मेरा मनोबल बढ़ा हुआ है।” सिंधू ने 26 जुलाई से 11 अगस्त तक चलने वाले ओलंपिक की तैयारियों के बारे में लंबी बातचीत की। उन्होंने कहा, ”मेरे तैयारियां कड़ी मेहनत करने पर लगी हैं। ओलंपिक में काफी कड़ी प्रतिस्पर्धा होती है और सभी खिलाड़ी अपने शिखर पर होते हैं। दुनिया की शीर्ष 10 से 15 खिलाड़ियों का स्तर समान ही होता है जिसमें आन से यंग, अकाने यामागुची, कैरोलिना मारिन और ताई जु यिंग शामिल हैं।”

सिंधू ने कहा, ”ओलंपिक में कोई भी अंक आराम से नहीं मिलता जिससे हर अंक के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा होती है। ओलंपिक में कुछ भी हो सकता है, एक छोटी सी गलती सबकुछ बदल सकती है।” विश्व रैंकिंग में 13वें स्थान पर काबिज सिंधू ने कहा कि वह बहुत भाग्यशाली हैं कि उन्हें मेंटोर के तौर पर भारतीय बैडमिंटन के महान खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण की मदद मिल रही है जो 1980 के आल इंग्लैंड चैम्पियन हैं। उन्होंने कहा, ”इस बार हमारी नयी टीम है जिसमें प्रकाश पादुकोण सर मेरे मेंटोर हैं और ऑगस ड्वी सेंटोसो नये कोच हैं। हम सभी चीज ‘परफेक्ट’ करने का अभ्यास कर रहे हैं। मैं भाग्यशाली हूं कि प्रकाश सर मेरे मेंटोर हैं और मेरी यात्रा का हिस्सा हैं। मुझे उम्मीद है कि उनका सहयोग मुझे यह पदक दिलाने में मदद करेगा।”



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