एससी-एसटी आरक्षण में बंटवारे पर जीतन मांझी की पार्टी का पहला रिएक्शन, संतोष समुन बोले- SC-ST का कोटा बढ़े h3>
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अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति में कोटे में कोटे को मंजूरी के फैसले पर जीतन मांझी की पार्टी हम का पहला रिएक्शन सामने आया है। बिहार की एनडीए सरकार में मंत्री और जीतन मांझी के बेटे संतोष सुमन ने कहा कि कोर्ट का मामला है, इसलिए हम ज्यादा टिप्पणी नहीं करेंगे। हम लोग प्रतिबद्ध हैं कि गरीबों का आरक्षण बढ़े, खासतौर से एससी-एसटी लोगों का। समाज की मुख्य धारा में आए। कोर्ट का फैसला हम लोग देख रहे हैं। पूर फैसला पढ़ने के बाद इस पर विचार विमर्श करेंगे।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और लोजपा (आर) के चिराग पासवान के द्वारा सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के विरोध के सवाल पर आपदा प्रबंधन मंत्री संतोष सुमन ने कहा कि उन्होंने विरोध नहीं किया है, लेकिन ठीक है हमारी सरकार पूरे मामले को देख रही है उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है। मुख्यमंत्री ने पहले ही दलित, महादलित कैटेगरी किया था, वैसा ही कुछ मामला है। निश्चित तौर पर अभी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर ज्यादा कुछ टिप्पणी नहीं की जा सकती।
यह भी पढ़िए- SC ST Reservation Sub Quota: अंबेडकर ने छूआछूत पर आरक्षण दिया, क्रीमी लेयर मंजूर नहीं; सुप्रीम कोर्ट से तेजस्वी ने जताई असहमति
आपको बता दें तेजस्वी ने शीर्ष अदालत के इस फैसले पर कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने संविधान में इन लोगों को आरक्षण दिया। उन्होंने क्रीमी लेयर आर्थिक आधार को देखकर नहीं दिया था। उस समय समाज में छुआछूत, भेदभाव और गैरबराबरी व्याप्त थी। वह आज भी जारी है। दलितों आदिवासियों के प्रति मानसिकता पूरी तरीके से बदली नहीं है। आरक्षण इस गैर बराबरी को हटाने के लिए है।
वहीं चिराग पासवान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर हम टिप्पणी नहीं कर सकते हैं, लेकिन इस बात पर हमारी पार्टी को आपत्ति है। इसलिए हम लोग पुनर्विचार की मांग करते हुए याचिका दाखिल करने जा रहे हैं। दो दिन पहले भी लोजपा (रामविलास) ने बयान जारी कर एससी एसटी आरक्षण में सब कैटगरी बनाने और क्रीमी लेयर लाने का विरोध किया था।
यह भी पढ़िए- एससी एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर नहीं चाहिए, सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका डालेंगे चिराग पासवान
आपको बता दें सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए एससी और एसटी आरक्षण में सब कैटगरी बनाने को मंजूरी दी। राज्यों से इन वर्गों में ओबीसी की तर्ज पर क्रीमी लेयर बनाकर आर्थिक और सामाजिक रूप से संपन्न लोगों को बाहर करने की नीति बनाने के भी निर्देश दिए गए। इसके बाद से इस मामले पर बहस छिड़ी हुई है।
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अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति में कोटे में कोटे को मंजूरी के फैसले पर जीतन मांझी की पार्टी हम का पहला रिएक्शन सामने आया है। बिहार की एनडीए सरकार में मंत्री और जीतन मांझी के बेटे संतोष सुमन ने कहा कि कोर्ट का मामला है, इसलिए हम ज्यादा टिप्पणी नहीं करेंगे। हम लोग प्रतिबद्ध हैं कि गरीबों का आरक्षण बढ़े, खासतौर से एससी-एसटी लोगों का। समाज की मुख्य धारा में आए। कोर्ट का फैसला हम लोग देख रहे हैं। पूर फैसला पढ़ने के बाद इस पर विचार विमर्श करेंगे।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और लोजपा (आर) के चिराग पासवान के द्वारा सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के विरोध के सवाल पर आपदा प्रबंधन मंत्री संतोष सुमन ने कहा कि उन्होंने विरोध नहीं किया है, लेकिन ठीक है हमारी सरकार पूरे मामले को देख रही है उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है। मुख्यमंत्री ने पहले ही दलित, महादलित कैटेगरी किया था, वैसा ही कुछ मामला है। निश्चित तौर पर अभी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर ज्यादा कुछ टिप्पणी नहीं की जा सकती।
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आपको बता दें तेजस्वी ने शीर्ष अदालत के इस फैसले पर कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने संविधान में इन लोगों को आरक्षण दिया। उन्होंने क्रीमी लेयर आर्थिक आधार को देखकर नहीं दिया था। उस समय समाज में छुआछूत, भेदभाव और गैरबराबरी व्याप्त थी। वह आज भी जारी है। दलितों आदिवासियों के प्रति मानसिकता पूरी तरीके से बदली नहीं है। आरक्षण इस गैर बराबरी को हटाने के लिए है।
वहीं चिराग पासवान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर हम टिप्पणी नहीं कर सकते हैं, लेकिन इस बात पर हमारी पार्टी को आपत्ति है। इसलिए हम लोग पुनर्विचार की मांग करते हुए याचिका दाखिल करने जा रहे हैं। दो दिन पहले भी लोजपा (रामविलास) ने बयान जारी कर एससी एसटी आरक्षण में सब कैटगरी बनाने और क्रीमी लेयर लाने का विरोध किया था।
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