एमपी में बढ़ा होमस्टे कल्चर, गांव का जीवन पसंद कर रहे देशी-विदेशी पर्यटक | Homestay culture increased in MP, domestic and foreign tourists are liking village life | News 4 Social h3>
मध्य प्रदेश के शहरी जीवन की भीड़ और हलचल से दूर अब लोग गांवों का रुख करने लगे हैं। लोग अब गांवों का शांत जीवन और शुद्ध हवा में सांस लेने के लिए प्राकृतिक सौंदर्य के बीच समय बिताने निकल रहे हैं। प्रदेश में ऐसे कई स्थान हैं, जहां होम स्टे बनकर तैयार हैं, जहां सुकून के पल बिताने जा सकते हैं। गांव की संस्कृति और जनजीवन को करीब से जानने का मौका मिलेगा और पारंपरिक व्यंजन भी मिलेंगे। तो आप भी होम स्टे का लुत्फ जरूर उठाइए।
patrika.com आपको बता रहा है शहरी जीवन की भागमभाग से दूर होम स्टे, ग्राम स्टे के बारे में…।
मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर मिनी मुंबई के नाम से भी जाना जाता है। यहां की भीड़भाड़ से दूर अब लोग कुछ समय शांतिपूर्ण वातावरण में बिताना चाहते हैं। अब कई धार्मिक स्थलों और गांवों में भी होम स्टे और गांव स्टे बन गए हैं।
प्रदेश के ओरछा, छिंदवाड़ा, उज्जैन, ओंकारेश्वर, चित्रकूट, मैहर, अमरकंटक और देवास होमस्टे के लिए लोकप्रिय हो रहे हैं। इन अलग-अलग स्थानों की भाषा और पारंपरिक भोजन भी अलग- अलग अनुभव देता है। रामबाबू कुशवाह नामक किसान ने तो ओरछा के पास राधापुर गांव में अपने खेत के बीच में अपने घर को ही पर्यटकों के लिए होमस्टे में बदल दिया और अब मेहमानों की मेजबानी से प्रति माह 40,000 रुपए से अधिक कमा रहे हैं।
कुशवाहा कहते हैं कि हम एक पारंपरिक किसान परिवार हैं, लेकिन होमस्टे के कंसेप्ट ने हमारे जीवन को बदल दिया है। बेटा-बहू समेत मेरा पूरा परिवार अब मेहमानों की आवभगत में पूरी तरह लग गया है। हमने अपने होमस्टे में 200 से अधिक मेहमानों की मेजबानी की है और सुविधाओं को बढ़ाने के लिए और कमरे जोड़ने की योजना बना रहे हैं।
कुशवाह बताते हैं कि इसी तरह सैकड़ों ग्रामीणों को भी होमस्टे के माध्यम से आजीविका का एक नया स्रोत मिल गया है। जिससे राज्य पर्यटन विभाग को राज्य में लगभग 10 धार्मिक स्थानों पर कम से कम 100 नए होमस्टे जोड़ने के लिए प्रेरित किया गया है। पर्यटन विभाग की योजना पहले चरण में चित्रकूट-मैहर-अमरकंटक सर्किट और इंदौर-उज्जैन-ओंकारेश्वर-महेश्वर-देवास सर्किट में नए होम स्टे जोड़ने की है।
प्रमुख सचिव पर्यटन शिव शेखर शुक्ला ने अधिक से अधिक संख्या में होम स्टे बनाने की योजना का ऐलान किया है, जिनकी संख्या 2024 तक 500 से अधिक होगी। इसका उद्देश्य यह है कि पर्यटकों को ग्रामीण जीवन का आनंद लेने का अवसर प्रदान करना। पर्यटन विभाग ने होमस्टे मालिकों को आतिथ्य और भोजन की तैयारी में बने रहने के लिए भोपाल के इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट के साथ समझौता किया है। होम स्टे मालिकों को प्रतिवर्ष पांच दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाता है, और संपत्तियों का वार्षिक निरीक्षण भी तीसरे पक्ष द्वारा किया जाता है। मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड के ग्रामीण पर्यटन के निदेशक, मनोज सिंह ने इस सकारात्मक पहल की सराहना की और बताया कि धार्मिक स्थलों पर भी ध्यान दिया जा रहा है।