एमपी में कौन होगा कांग्रेस का चेहरा? इशारों में प्रियंका गांधी ने इस नाम पर लगा दी मुहर

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एमपी में कौन होगा कांग्रेस का चेहरा? इशारों में प्रियंका गांधी ने इस नाम पर लगा दी मुहर

एमपी में कौन होगा कांग्रेस का चेहरा? इशारों में प्रियंका गांधी ने इस नाम पर लगा दी मुहर

भोपाल: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का चेहरा कौन होगा? कुछ दिनों पहले इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस के कई नेता आमने-सामने थे। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव और पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने कमलनाथ के चेहरे को लेकर सवाल उठाया था। वहीं, नेता प्रतिपक्ष गोविंद ने खुद को दावेदार बताया तो कमलनाथ के करीबी सज्जन सिंह वर्मा ने पलटवार किया। इन सारे सवालों का जवाब 21 जुलाई को ग्वालियर में आयोजिक प्रियंका गांधी की रैली में मिला की किसके चेहरे पर कांग्रेस एमपी के सियासी रण में उतरेंगे। प्रियंका गांधी ने इशारों-इशारों में साफ कर दिया कि एमपी में चेहरा कौन और सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री कौन बनेगा।

केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ ग्वालियर में आयोजित सभा में प्रियंका गांधी ने कमलनाथ के नाम पर मुहर लगा दी। प्रियंका गांधी ने साफ कर दिया की एमपी में कांग्रेस का चेहरा प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ होंगे। दरअसल, दिव्यांगों की पेंशन वृद्धि की मांग करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि कमलनाथ जी जब आपकी सरकार बने तो आप दिव्यांगों की पेंशन बढ़ा देना। यह मेरी आपसे एक छोटी सी मांग है।

क्या कहा प्रियंका गांधी ने?
रैली को संबोधित करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि, जब मैं सभा स्थल के लिए आ रही थी तब मुझे कुछ दिव्यांग मिले। उन्होंने मुझे बताया कि हमारी पेंशन बहुत कम है। कमलनाथ जी मैं आपसे मांग करती हूं कि जब राज्य में आपकी सरकार बने तो आप दिव्यांगों की पेंशन को बढ़ा देना। प्रियंका गांधी की मांग पर कमलनाथ ने भी ट्वीट कर प्रतिक्रिया दी। कमलनाथ ने कहा कि प्रियंका गांधी जी ने मध्यप्रदेश में हमारी सरकार बनने पर दिव्यांग जनों की पेंशन बढ़ाने का आग्रह किया है। मैं प्रियंका गांधी जी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि मध्यप्रदेश में हमारी सरकार बनते ही दिव्यांग जनों की पेंशन बढ़ाने का कार्य सर्व प्राथमिकता से किया जायेगा। वर्ष 2018 में कांग्रेस सरकार ने ही दिव्यांग पेंशन को 300 रुपए से बढ़ाकर 600 रुपए किया था, अब 2023 में पुन: हमारी सरकार इसे बढ़ाने के लिए संकल्पित है।

अरुण यादव मे उठाए थे सवाल
भोपाल की सड़कों में कुछ पोस्टर लगाए गए थे। इस पोस्टर पर कमलनाथ को राज्य का भावी मुख्यमंत्री बताया गया था। इन पोस्टरों को लेकर एमपी कांग्रेस की कलह खुलकर सामने आई थी। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने सवाल उठाते हुए कहा था कि चुनाव के बाद चेहरा तय किया जाएगा। वहीं, पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने भी अरुण यादव के बयान का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस की परंपरा नहीं है कि चुनाव से पहले मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया जाए।
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चुनाव के बाद विधायक दल की बैठक में कांग्रेस के मुख्यमंत्री का चेहरा तय होता है। कांग्रेस में मुख्यमंत्री का चेहरा शीर्ष नेतृत्व और विधायक दल की बैठक में लिया जाता है। अरुण यादव और अजय सिंह के बयान के बाद नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने भी कहा था कि मेरे समर्थक चाहते हैं कि मैं भी मुख्यमंत्री बनूं। हालांकि पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने साफ किया था कि एमपी में कांग्रेस का एक ही चेहरा है कमलनाथ।

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