एन. रघुरामन का कॉलम: दुनिया में नकली उत्पाद क्यों पनप रहे हैं?

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एन. रघुरामन का कॉलम:  दुनिया में नकली उत्पाद क्यों पनप रहे हैं?
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एन. रघुरामन का कॉलम: दुनिया में नकली उत्पाद क्यों पनप रहे हैं?

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  • N. Raghuraman’s Column Why Are Counterfeit Products Flourishing In The World?

6 घंटे पहले

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एन. रघुरामन, मैनेजमेंट गुरु

दशकों पहले बैलार्ड पियर- जहां मुम्बई डॉक स्थित है- की सड़कों पर घूमते समय आप कई पान-विक्रेताओं को इम्पोर्टेड सामान बेचते देख सकते थे। वे कहते थे कि कई जहाजों के क्रू-सदस्य उनके जरिए ये सामान बेचते हैं। उनके यहां मिलने वाले साबुन और शैंपू जैसे सौंदर्य प्रसाधन तो असली थे, लेकिन इलेक्ट्रॉनिक सामान नकली हुआ करते थे।

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मुझे याद है कि एक पान वाले ने कुछ हजार रुपयों में एक कलाई घड़ी बेचनी चाही थी और मेरे एक दोस्त- जो ऐसी ब्रांडेड चीजों से भलीभांति परिचित थे- ने उसे हाथ में लेते ही कह दिया था कि यह तो नकली है। ऐसा इसलिए था क्योंकि वह वजन में बहुत हल्की थी।

उन दिनों ऐसे नकली सामान कम ठोस पदार्थों से बनाए जाते थे, जिससे लोग उन्हें पहचान जाते थे। लेकिन आज चीन से आने वाली घड़ियां ओरिजिनल घड़ियों के जितनी वजन की ही होती हैं। उनके रंग, पैकिंग और यहां तक कि छोटे से छोटे डिजाइन-एलीमेंट्स को भी कॉपी किया जाता है, ताकि वे असली जैसी दिखें।

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इन चीजों की रिवर्स इंजीनियरिंग के लिए पूरे-पूरे कारखाने हैं और नकली चीजों के उत्पादन में ऐसी सटीकता देखना आश्चर्यजनक है। तो सुपर-फेक के युग में आपका स्वागत है! आज सबसे तेज नजर वाले ग्राहकों के लिए भी नकली चीजों को पहचानना मुश्किल हो रहा है।

मुझे यह बात तब याद हो आई, जब मैंने हाल ही में पश्चिम बेंगलुरु में नकली ब्रांडेड उपभोक्ता-उत्पाद बनाने वाली एक यूनिट और उसके गोदामों पर केंद्रीय अपराध शाखा (सीसीबी) के छापे के बारे में सुना। 29 जनवरी को गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स का प्रतिनिधित्व करने वाले एक कर्मचारी श्रीनिवास एस. ने सीसीबी में शिकायत दर्ज कराई थी और उन्हें बताया था कि कैसे वहां पर नकली सामग्रियों का उत्पादन किया जा रहा है।

ऐसे उत्पाद बनाए जा रहे थे, जिनका इस्तेमाल बर्तन, बाथरूम की टाइलें, टॉयलेट्स साफ करने और मच्छरों को मारने के लिए किया जाता है। चूंकि ये उत्पाद कुछ समय के लिए मानव शरीर पर सीधे असर नहीं दिखाते, इसलिए ऐसी धोखाधड़ी करने वाली कंपनियां फलती-फूलती हैं।

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ये केवल छोटी दुकानों को निशाना बनाते हैं और उनके दुकानदारों को ज्यादा मार्जिन देकर नकली उत्पादों को बेचते हैं। चूंकि उपयोगकर्ता ज्यादातर शहरी गरीब या ग्रामीण इलाकों से होते हैं, इसलिए वे इस तथ्य से अनजान होते हैं कि ये नकली उत्पाद हैं और उनके लिए हानिकारक हैं।

उन्होंने करीब 1.8 करोड़ रुपए के नकली उत्पाद जब्त किए, जिनमें मच्छर भगाने वाले उत्पाद, कपड़े धोने वाले पाउडर, बाथरूम क्लीनर और कुछ चायपत्ती के ब्रांड भी शामिल थे। सभी उत्पाद ब्रांडेड कंपनियों की नकल थे।

नकली उत्पाद क्यों फलते-फूलते हैं? आम तौर पर नकली उत्पाद खरीदने वाले उपभोक्ता कीमत के मामले में बहुत सचेत रहते हैं। वे असली उत्पाद खरीदने से ज्यादा उस पैसे को महत्व देते हैं, जो वे बचा सकते हैं। अमेजन ने भी 0.1% ऐसे प्रोडक्ट-पेजेस को पकड़ा है, जो नकली उत्पादों की सूची में हैं। लेकिन 0.1% की यह छोटी-सी संख्या भी 17.6 मिलियन पेजेस (ऑन साइट प्रोडक्ट पेज) में बदल जाती है!

सस्ती गुणवत्ता आज सबसे अच्छी साइटों को भी परेशान कर रही है। जहां उनमें से बहुत सारी या तो विलासिता की वस्तुएं हैं या बाथरूम और बर्तनों में इस्तेमाल की जाने वाली चीजें हैं, लेकिन बहुत-से उत्पाद ऐसे भी हैं, जो लोगों की वेलबीइंग के लिए मायने रखते हैं। याद रखें कि आपको कभी भी बाजार-मूल्य से अविश्वसनीय सस्ती दर पर अच्छे उत्पाद नहीं मिल सकते। किसी भी चीज पर अपनी मेहनत की कमाई खर्च करते समय सावधानी बरतने की जरूरत है।

फंडा यह है कि जब तक हम सस्ते दामों में अच्छे उत्पादों की तलाश बंद नहीं करेंगे और डुप्लिकेट सामग्री के जरिए समाज में अपना प्रभाव दिखाने की कोशिश बंद नहीं करेंगे, तब तक नकली उत्पाद पनपते रहेंगे।

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