एन. रघुरामन का कॉलम: क्यों हमें अपनी निजी जानकारी एआई टूल्स से बचाने की जरूरत है h3>
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6 घंटे पहले
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एन. रघुरामन, मैनेजमेंट गुरु
समय के साथ मैंने सीखा है कि एआई टूल्स मेरे बारे में उन जानकारियों को भी जानते हैं, जिन्हें मैं खुद भूल चुका हूं। इनमें कुछ निजी नंबर भी शामिल हैं, जिन्हें मैंने कभी कहीं टाइप नहीं किया। ऐसा इसलिए है क्योंकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) ने ये तथ्य मेरे परिवार या दोस्तों के साथ हुई बातचीत से उठाए हैं।
उदाहरण के लिए, मुझे पता है कि मुझे दही चावल पसंद है, मेरे दो पालतू जानवर हैं और कई अन्य व्यक्तिगत विवरण हैं जिन्हें मैं यहां साझा नहीं करना चाहता। मेरे एक दोस्त, जो एआई रिसर्चर हैं और मानव-केंद्रित एआई प्रक्रियाओं में काम कर चुके हैं, उन्होंने मुझे बताया कि एआई कंपनियां अपने मॉडल को और बेहतर करने के लिए डेटा की भूखी हैं, हालांकि वे हमारे सीक्रेट नहीं जानना चाहतीं।
ओपन एआई का चैटजीपीटी खुद आग्रह करता है कि “कृपया अपनी बातचीत में कोई संवेदनशील जानकारी साझा न करें।” वहीं, गूगल अपने जेमिनी यूजर्स से कहता है, “अपनी गोपनीय जानकारी या कोई डेटा न डालें जिसे आप नहीं चाहते कि कोई समीक्षक देखे।”
जैसे ही आप कोई जानकारी टाइप करते हैं जिसे आप भविष्य में किसी काम के लिए सिर्फ अपने लिए रखना चाहते हैं, याद रखें कि आप उसका स्वामित्व खो देते हैं। आप इसे बाद में मिटा सकते हैं, लेकिन उसके डिजिटल फुटप्रिंट कभी नहीं मिटा सकते, जो आपने छोड़े हैं। मैं ‘डीपसीक’ एआई टूल्स का उपयोग नहीं करता, जिनके सर्वर चीन में हैं और उनकी प्राइवेट पॉलिसी के अनुसार, वे आपके डेटा को अनिश्चितकाल तक रख सकते हैं और कोई ऑप्ट-आउट विकल्प नहीं है।
मार्च 2023 में एक बग के कारण कुछ यूजर्स को दूसरों की चैट में टाइप शुरुआती जानकारी दिख गई। इसे कंपनी ने बाद में ठीक किया। एक बार ऐसा भी हुआ जब एक टूल ने गलत लोगों को सब्सक्रिप्शन कन्फर्मेशन ईमेल भेजे, जिससे ईमेल, पेमेंट जानकारी और नाम उजागर हो गए। इसलिए कुछ मामलों में आपको सावधान रहना जरूरी है :
जानकारी पहचानें : इसमें आपका आधार नंबर, जन्मतिथि, पता, फोन नंबर शामिल हैं। एआई टूल्स व्यक्तिगत जानकारी में रुचि नहीं रखते, पर वे इन्हें एडिट करने के लिए प्रशिक्षित होते हैं। फिर भी, ये खतरनाक हो सकता है क्योंकि व्यक्तिगत जानकारी कहीं न कहीं क्लाउड में होती है और डेटा ब्रीच के दौरान इनके लीक होने की आशंका को नकार नहीं सकते।
यदि आप Duck.ai पर लॉगिन करते हैं, तो एक विंडो चार बॉक्स के साथ दिखेगी। पहला बॉक्स कहेगा ‘फ्री-प्राइवेट चैट्स, हमारे द्वारा अनाम।’ दूसरा बॉक्स कहेगा ‘आपकी बातचीत पर कोई एआई ट्रेनिंग नहीं।’ तीसरा बॉक्स कहेगा ‘एआई मॉडल्स का चयन, जिसमें जीपीटी व क्लॉड शामिल हैं।’ चौथा बॉक्स कहेगा ‘इसे आजमाएं।’
पहले दो बॉक्स में जारी स्पष्टीकरण वास्तव में संकेत देते हैं कि ये चीजें हो सकती हैं, लेकिन वे नहीं होतीं। इसी तरह, चैटजीपीटी टेम्परेरी चैट बॉक्स में दावा करता है “यह चैट हिस्ट्री में नहीं दिखेगी, न ही मेमोरी क्रिएट करेगी, न ही हमारे मॉडल्स को ट्रेन्ड करने में उपयोग की जाएगी। सुरक्षा उद्देश्यों के लिए हम इसकी एक प्रति 30 दिनों तक रख सकते हैं।
मेडिकल रिपोर्ट अपलोड न करें : हेल्थकेयर के बिजनेस में गोपनीयता का महत्व बहुत अधिक है। पर कई मरीज अपनी मेडिकल लैब रिपोर्ट्स की व्याख्या के लिए एआई टूल्स का सहारा लेने लगे हैं। वे अपनी रिपोर्ट्स को अपलोड कर दूसरी या तीसरी राय प्राप्त करना चाहते हैं।
यदि आप भी ऐसे व्यक्ति हैं जो एआई टूल्स से इस प्रकार के प्रश्न पूछने के लिए उत्सुक हैं, तो अपनी रिपोर्ट अपलोड करने से पहले नाम, संदर्भ संख्या, अस्पताल का नाम, अस्पताल द्वारा दिए गए किसी भी नंबर और परीक्षण की तारीख को हटा दें।
अपनी वित्तीय जानकारी, लॉगिन और पासवर्ड की सुरक्षा करें : कभी भी अपनी निवेश जानकारी, बीमा की परिपक्वता तिथियां, लॉकर नंबर, बैंक खाता नंबर, कार्ड नंबर, पिन और सुरक्षा प्रश्न को ऑनलाइन स्टोर न करें। इन्हें डायरी में लिखकर घर पर सुरक्षित रखें।
फंडा यह है कि ऐसी पर्सनल जानकारी जो आप किसी से साझा नहीं करना चाहते, उसे डायरी में लिखकर रखें। एआई टूल्स कोई अलमारी नहीं, जहां जानकारी रखी रहे, येे डेटा की भूखी मशीनें हैं।
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समय के साथ मैंने सीखा है कि एआई टूल्स मेरे बारे में उन जानकारियों को भी जानते हैं, जिन्हें मैं खुद भूल चुका हूं। इनमें कुछ निजी नंबर भी शामिल हैं, जिन्हें मैंने कभी कहीं टाइप नहीं किया। ऐसा इसलिए है क्योंकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) ने ये तथ्य मेरे परिवार या दोस्तों के साथ हुई बातचीत से उठाए हैं।
उदाहरण के लिए, मुझे पता है कि मुझे दही चावल पसंद है, मेरे दो पालतू जानवर हैं और कई अन्य व्यक्तिगत विवरण हैं जिन्हें मैं यहां साझा नहीं करना चाहता। मेरे एक दोस्त, जो एआई रिसर्चर हैं और मानव-केंद्रित एआई प्रक्रियाओं में काम कर चुके हैं, उन्होंने मुझे बताया कि एआई कंपनियां अपने मॉडल को और बेहतर करने के लिए डेटा की भूखी हैं, हालांकि वे हमारे सीक्रेट नहीं जानना चाहतीं।
ओपन एआई का चैटजीपीटी खुद आग्रह करता है कि “कृपया अपनी बातचीत में कोई संवेदनशील जानकारी साझा न करें।” वहीं, गूगल अपने जेमिनी यूजर्स से कहता है, “अपनी गोपनीय जानकारी या कोई डेटा न डालें जिसे आप नहीं चाहते कि कोई समीक्षक देखे।”
जैसे ही आप कोई जानकारी टाइप करते हैं जिसे आप भविष्य में किसी काम के लिए सिर्फ अपने लिए रखना चाहते हैं, याद रखें कि आप उसका स्वामित्व खो देते हैं। आप इसे बाद में मिटा सकते हैं, लेकिन उसके डिजिटल फुटप्रिंट कभी नहीं मिटा सकते, जो आपने छोड़े हैं। मैं ‘डीपसीक’ एआई टूल्स का उपयोग नहीं करता, जिनके सर्वर चीन में हैं और उनकी प्राइवेट पॉलिसी के अनुसार, वे आपके डेटा को अनिश्चितकाल तक रख सकते हैं और कोई ऑप्ट-आउट विकल्प नहीं है।
मार्च 2023 में एक बग के कारण कुछ यूजर्स को दूसरों की चैट में टाइप शुरुआती जानकारी दिख गई। इसे कंपनी ने बाद में ठीक किया। एक बार ऐसा भी हुआ जब एक टूल ने गलत लोगों को सब्सक्रिप्शन कन्फर्मेशन ईमेल भेजे, जिससे ईमेल, पेमेंट जानकारी और नाम उजागर हो गए। इसलिए कुछ मामलों में आपको सावधान रहना जरूरी है :
जानकारी पहचानें : इसमें आपका आधार नंबर, जन्मतिथि, पता, फोन नंबर शामिल हैं। एआई टूल्स व्यक्तिगत जानकारी में रुचि नहीं रखते, पर वे इन्हें एडिट करने के लिए प्रशिक्षित होते हैं। फिर भी, ये खतरनाक हो सकता है क्योंकि व्यक्तिगत जानकारी कहीं न कहीं क्लाउड में होती है और डेटा ब्रीच के दौरान इनके लीक होने की आशंका को नकार नहीं सकते।
यदि आप Duck.ai पर लॉगिन करते हैं, तो एक विंडो चार बॉक्स के साथ दिखेगी। पहला बॉक्स कहेगा ‘फ्री-प्राइवेट चैट्स, हमारे द्वारा अनाम।’ दूसरा बॉक्स कहेगा ‘आपकी बातचीत पर कोई एआई ट्रेनिंग नहीं।’ तीसरा बॉक्स कहेगा ‘एआई मॉडल्स का चयन, जिसमें जीपीटी व क्लॉड शामिल हैं।’ चौथा बॉक्स कहेगा ‘इसे आजमाएं।’
पहले दो बॉक्स में जारी स्पष्टीकरण वास्तव में संकेत देते हैं कि ये चीजें हो सकती हैं, लेकिन वे नहीं होतीं। इसी तरह, चैटजीपीटी टेम्परेरी चैट बॉक्स में दावा करता है “यह चैट हिस्ट्री में नहीं दिखेगी, न ही मेमोरी क्रिएट करेगी, न ही हमारे मॉडल्स को ट्रेन्ड करने में उपयोग की जाएगी। सुरक्षा उद्देश्यों के लिए हम इसकी एक प्रति 30 दिनों तक रख सकते हैं।
मेडिकल रिपोर्ट अपलोड न करें : हेल्थकेयर के बिजनेस में गोपनीयता का महत्व बहुत अधिक है। पर कई मरीज अपनी मेडिकल लैब रिपोर्ट्स की व्याख्या के लिए एआई टूल्स का सहारा लेने लगे हैं। वे अपनी रिपोर्ट्स को अपलोड कर दूसरी या तीसरी राय प्राप्त करना चाहते हैं।
यदि आप भी ऐसे व्यक्ति हैं जो एआई टूल्स से इस प्रकार के प्रश्न पूछने के लिए उत्सुक हैं, तो अपनी रिपोर्ट अपलोड करने से पहले नाम, संदर्भ संख्या, अस्पताल का नाम, अस्पताल द्वारा दिए गए किसी भी नंबर और परीक्षण की तारीख को हटा दें।
अपनी वित्तीय जानकारी, लॉगिन और पासवर्ड की सुरक्षा करें : कभी भी अपनी निवेश जानकारी, बीमा की परिपक्वता तिथियां, लॉकर नंबर, बैंक खाता नंबर, कार्ड नंबर, पिन और सुरक्षा प्रश्न को ऑनलाइन स्टोर न करें। इन्हें डायरी में लिखकर घर पर सुरक्षित रखें।
फंडा यह है कि ऐसी पर्सनल जानकारी जो आप किसी से साझा नहीं करना चाहते, उसे डायरी में लिखकर रखें। एआई टूल्स कोई अलमारी नहीं, जहां जानकारी रखी रहे, येे डेटा की भूखी मशीनें हैं।
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