एनसीआर में धधक रहे ईंट-भट्टे… उगल रहे जहरीला धुआं, पर्यावरण को नुकसान | NCR Ministry of Forest and Climate Change Poisonous Smoke Environmental Damage NGT Pollution | News 4 Social h3>
उद्योगों के साथ-साथ ईंट-भट्टों की संख्या 200 है, जो राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) के नियमों की अवहेलना कर रहे हैं। एनजीटी ने राज्य प्रदूषण मंडल को ईंट-भट्टों पर सख्ती दिखाने को कहा है। साथ ही ईंट-भट्टे से धुआं निकालने के लिए जिग-जैग तकनीक वाली चिमनी अपनाने के निर्देश दिए हैं। राजस्थान पत्रिका ने पहले भी खबर प्रकाशित की है।
50 से अधिक गांवों में 124 ईंट-भट्टे संचालित:
वैर, भुसावर, नदबई, नगर, कुम्हेर उपखंड क्षेत्र के 50 से अधिक गांवों में करीब 124 ईंट-भट्टे संचालित हैं। भुसावर उपखंड क्षेत्र के गांव बाछरैन, महाराजपुरा व अलीपुर एवं वैर क्षेत्र के गांव हलैना, सरसैना व इरनियां में ईंट-भट्टों की चिमनियों से धुआं निकल रहा है। प्रदूषण से बचाने के लिए आए दिन सुप्रीम कोर्ट दिल्ली सरकार सहित एनसीआर क्षेत्र में आने वाले राज्य व जिलों को नोटिस जारी करता है, लेकिन जिम्मेदार उनकी पालना नहीं करवा रहे हैं।
ईंट-भट्टों से लोगों को हो रही परेशानी
ईंट-भट्टों से निकलने वाला धुआं आस-पास रहने वाले लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। इनसे निकलने वाली जहरीला धुआं लोगों को मौत के मुंह में धकेल रहा है। ईंट-भट्टों से प्रतिदिन कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड आदि गैसें निकल रही हैं।
ब्रेन, किडनी व हृदय को खतरा
वातारण में फैल रहा प्रदूषण अब लोगों के स्वास्थ्य पर असर डाल रहा है। लोगों का सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। प्रदूषण के कारण ब्रेन, किड़नी व हृदय का खतरा होने के साथ-साथ मधुमेह की समस्या भी बढ़ रही है। प्रदूषण से आंखों और त्वचा से संबंधित शिकायतें बढ़ रही हैं।
ये हैं नियम
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने ईंट-भट्टा संचालन के नए नियम लागू किए। इसके तहत आबादी, स्कूल, अस्पताल, कोर्ट एवं सरकारी कार्यालय आदि सार्वजनिक स्थल के 800 मीटर की परिधि में ईंट-भट्टे नहीं खोले जा सकते हैं। इसकी दूरी नदी से 500 मीटर होनी चाहिए।
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एक्शन में एडिशनल सीपी …कहा-अगले सात दिन तक लगातार कार्रवाई की जाए… दो घंटे बाद फिर लगा बसों का जमावड़ा
एमआइए क्षेत्र में सड़कों के किनारे कचरे को उठवाया जा रहा है। जिन उद्योग की ओर से खुले में कचरा डाला जा रहा है, उनको नोटिस भेजा जा रहा है। साफ-सफाई पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
-परेश सक्सेना, यूनिट हेड रीको कार्यालय, अलवर
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उद्योगों के साथ-साथ ईंट-भट्टों की संख्या 200 है, जो राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) के नियमों की अवहेलना कर रहे हैं। एनजीटी ने राज्य प्रदूषण मंडल को ईंट-भट्टों पर सख्ती दिखाने को कहा है। साथ ही ईंट-भट्टे से धुआं निकालने के लिए जिग-जैग तकनीक वाली चिमनी अपनाने के निर्देश दिए हैं। राजस्थान पत्रिका ने पहले भी खबर प्रकाशित की है।
50 से अधिक गांवों में 124 ईंट-भट्टे संचालित:
वैर, भुसावर, नदबई, नगर, कुम्हेर उपखंड क्षेत्र के 50 से अधिक गांवों में करीब 124 ईंट-भट्टे संचालित हैं। भुसावर उपखंड क्षेत्र के गांव बाछरैन, महाराजपुरा व अलीपुर एवं वैर क्षेत्र के गांव हलैना, सरसैना व इरनियां में ईंट-भट्टों की चिमनियों से धुआं निकल रहा है। प्रदूषण से बचाने के लिए आए दिन सुप्रीम कोर्ट दिल्ली सरकार सहित एनसीआर क्षेत्र में आने वाले राज्य व जिलों को नोटिस जारी करता है, लेकिन जिम्मेदार उनकी पालना नहीं करवा रहे हैं।
ईंट-भट्टों से लोगों को हो रही परेशानी
ईंट-भट्टों से निकलने वाला धुआं आस-पास रहने वाले लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। इनसे निकलने वाली जहरीला धुआं लोगों को मौत के मुंह में धकेल रहा है। ईंट-भट्टों से प्रतिदिन कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड आदि गैसें निकल रही हैं।
ब्रेन, किडनी व हृदय को खतरा
वातारण में फैल रहा प्रदूषण अब लोगों के स्वास्थ्य पर असर डाल रहा है। लोगों का सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। प्रदूषण के कारण ब्रेन, किड़नी व हृदय का खतरा होने के साथ-साथ मधुमेह की समस्या भी बढ़ रही है। प्रदूषण से आंखों और त्वचा से संबंधित शिकायतें बढ़ रही हैं।
ये हैं नियम
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने ईंट-भट्टा संचालन के नए नियम लागू किए। इसके तहत आबादी, स्कूल, अस्पताल, कोर्ट एवं सरकारी कार्यालय आदि सार्वजनिक स्थल के 800 मीटर की परिधि में ईंट-भट्टे नहीं खोले जा सकते हैं। इसकी दूरी नदी से 500 मीटर होनी चाहिए।
एक्शन में एडिशनल सीपी …कहा-अगले सात दिन तक लगातार कार्रवाई की जाए… दो घंटे बाद फिर लगा बसों का जमावड़ा
एमआइए क्षेत्र में सड़कों के किनारे कचरे को उठवाया जा रहा है। जिन उद्योग की ओर से खुले में कचरा डाला जा रहा है, उनको नोटिस भेजा जा रहा है। साफ-सफाई पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
-परेश सक्सेना, यूनिट हेड रीको कार्यालय, अलवर