एंबुलेंस की देरी और ड्राइवर की जिद से गई जान: सड़क हादसे में घायल महिला को समय पर नहीं मिला इलाज, CMHO ने जांच के आदेश दिए – Betul News

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एंबुलेंस की देरी और ड्राइवर की जिद से गई जान:  सड़क हादसे में घायल महिला को समय पर नहीं मिला इलाज, CMHO ने जांच के आदेश दिए – Betul News
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एंबुलेंस की देरी और ड्राइवर की जिद से गई जान: सड़क हादसे में घायल महिला को समय पर नहीं मिला इलाज, CMHO ने जांच के आदेश दिए – Betul News

महिला की अब तक शिनाख्त नहीं हो सकी है।

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बैतूल के कोसमी क्षेत्र के फोरलेन पर शनिवार रात एक महिला को अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। हादसे के बाद 108 एंबुलेंस पहुंचने में करीब 1 घंटा लग गया। जब एंबुलेंस आई तो उसमें सिर्फ ड्राइवर था, मेडिकल स्टाफ नहीं। घायल को उठाने को लेकर ड्राइवर और लोगों के ब

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अस्पताल पहुंचने तक महिला की मौत हो चुकी थी। इस लापरवाही का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। अब CMHO ने जांच के आदेश दिए हैं।

किसी भी सड़क हादसे में गोल्डन आवर (पहले एक घंटे) में घायल को इलाज मिल जाए तो उसकी जान बचने के चांसेस बढ़ जाते हैं।

ड्राइवर ने कहा- मैं अकेला हूं, कैसे उठाऊं? घटना सीमेंट गोडाउन के सामने हुई। वहां काम कर रहे दीपांशु ने 108 और डायल 100 पर कॉल किया। कॉल कनेक्ट होने में वक्त लगा, फिर एक घंटे बाद जननी एक्सप्रेस पहुंची, जिसमें केवल ड्राइवर गोविंद चौहान था।

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ड्राइवर ने कहा- “मैं अकेला हूं, घायल को नहीं उठा सकता।” पब्लिक के बार-बार आग्रह पर भी वह नहीं माना। करीब 30 मिनट बाद दीपांशु, लोकेश और अन्य लोगों ने महिला को एंबुलेंस में लिटाया।

अस्पताल पहुंचते ही महिला की मौत महिला को रात 9:30 बजे जिला अस्पताल लाया गया, लेकिन तब तक उसकी जान जा चुकी थी। अस्पताल चौकी प्रभारी उमाकांत मिश्रा ने इसकी पुष्टि की।

सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दीपांशु ने घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया और सीएम हेल्पलाइन में शिकायत भी दर्ज कराई है। वीडियो में ड्राइवर और पब्लिक के बीच की बहस सुनी जा सकती है।

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CMHO बोले- गंभीर लापरवाही, जांच होगी CMHO डॉ. मनोज हूर माड़े ने बताया कि यह गंभीर मामला है। उन्होंने 108 सेवा के जिला प्रबंधक से जांच रिपोर्ट मांगी है। जो भी दोषी मिलेगा, कार्रवाई की जाएगी।

108 सेवा ने क्या कहा? सेवा के मैनेजर शुभम ने बताया कि सूचना मिलते ही जननी एक्सप्रेस भेजी गई थी, जिसमें सिर्फ ड्राइवर होता है। उन्होंने माना कि ड्राइवर को बहस नहीं करनी चाहिए थी। बहस में 10-15 मिनट बर्बाद हुए।

सवालों के घेरे में एंबुलेंस का प्रोटोकॉल 108 सेवा के नियमों के मुताबिक, गंभीर हादसों में मेडिकल टेक्नीशियन के साथ एंबुलेंस भेजना जरूरी है। लेकिन इस मामले में जननी एक्सप्रेस भेजी गई, जिससे एक कीमती जान चली गई।

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