उफ, ये गर्मी! सिर पर गमछा, लंबे-लंबे कदम… जयपुर की ओर चले पायलट h3>
जयपुर: कांग्रेस नेता सचिन पायलट (Sachin Pilot) की जन संघर्ष यात्रा तीसरे दिन शनिवार सुबह दूदू से जयपुर शहर की ओर रवाना हुई। शाम तक पायलट का काफिला नासनौदा तक पहुंच गया। चौथे दिन रविवार को सुबह 7:30 यह काफिला महलां से रवाना होकर सुबह 10:30 बजे दहमीकलां पहुंचेगा। बाद में शाम 4 बजे दहमीकलां से रवाना होकर रात 8 बजे महापुरा में रात्रि विश्राम करेंगे। सोमवार को सचिन पायलट का काफिला जयपुर शहर में पहुंचेगा। भीषण गर्मी के बावजूद हजारों की तादात में समर्थक भी सचिन पायलट (Sachin Pilot Jan Sangharsh Yatra) के साथ पैदल चल रहे हैं।
अपनी ही सरकार के खिलाफ जन आंदोलन कर रहे पायलट
सचिन पायलट अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे हैं। उनका आरोप है कि कांग्रेस को सत्ता में आए हुए साढे़ चार साल का वक्त हो गया लेकिन अब तक जनता से किए गए वादे पूरे नहीं किए गए। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के शासनकाल में हुए भ्रष्टाचार को लेकर सचिन पायलट अपनी ही पार्टी की सरकार के मुखिया अशोक गहलोत के खिलाफ हो गए हैं। राजे के शासनकाल में हजारों करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार हुआ था। विपक्ष में रहने के दौरान कांग्रेस ने जनता से वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद बीजेपी राज में हुए घोटालों की जांच करवाई जाएगी।
सुनवाई नहीं हुई तब जनता के बीच पहुंचा: पायलट
सचिन पायलट का कहना है कि उन्होंने साढे़ तीन साल तक इंतजार किया। फिर मुख्यमंत्री को पत्र लिखे लेकिन सालभर तक कोई जवाब नहीं आए। बाद में अनशन किया और अनशन के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई तो सड़कों पर उतर कर जनता के बीच पहुंचे हैं।
पेपर लीक मामले में गहलोत सरकार पर पायलट का बड़ा हमला
सचिन पायलट का कहना है कि पेपर लीक मामले में उन्होंने सालभर पहले कहा था कि उन अधिकारियों और नेताओं का पता लगाना चाहिए जिन्होंने पेपर माफियाओं को संरक्षण दे रखा है। पायलट के बयान के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बयान जारी किया कि प्रदेश का कोई भी अधिकारी और नेता पेपर लीक प्रकरण में शामिल नहीं है। पिछले दिनों एसओजी ने राजस्थान लोकसेवा आयोग के सदस्य बाबूलाल कटारा को गिरफ्तार किया। कटारा ने द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के सामान्य ज्ञान का पेपर 1 करोड़ रुपए में बेचा था। कटारा की गिरफ्तारी के बाद पायलट ने कहा कि अब तक कटारा के घर पर बुलडोजर क्यों नहीं चलाया गया।
RPSC सदस्यों की चयन प्रक्रिया पर भी पायलट ने उठाए सवाल
सचिन पायलट ने आरपीएससी सदस्यों की चयन प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि पेपर लीक करने वाले बाबूलाल कटारा को आरपीएससी का सदस्य किसकी सिफारिश पर बनाया गया। ऐसे लोगों का चयन इतनी महत्वपूर्ण एजेंसी में होना ही नहीं चाहिए। आरपीएससी एक ऐसी संस्था है जो प्रदेश में जिम्मेदार अफसरों की भर्ती करती है। ऐसी संस्था में सदस्यों के चलन के लिए सख्त प्रावधान बनने चाहिए ताकि युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ा ना और राजस्थान को योग्य और इमानदार अफसर मिल सके। (रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर)
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अपनी ही सरकार के खिलाफ जन आंदोलन कर रहे पायलट
सचिन पायलट अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे हैं। उनका आरोप है कि कांग्रेस को सत्ता में आए हुए साढे़ चार साल का वक्त हो गया लेकिन अब तक जनता से किए गए वादे पूरे नहीं किए गए। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के शासनकाल में हुए भ्रष्टाचार को लेकर सचिन पायलट अपनी ही पार्टी की सरकार के मुखिया अशोक गहलोत के खिलाफ हो गए हैं। राजे के शासनकाल में हजारों करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार हुआ था। विपक्ष में रहने के दौरान कांग्रेस ने जनता से वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद बीजेपी राज में हुए घोटालों की जांच करवाई जाएगी।
सुनवाई नहीं हुई तब जनता के बीच पहुंचा: पायलट
सचिन पायलट का कहना है कि उन्होंने साढे़ तीन साल तक इंतजार किया। फिर मुख्यमंत्री को पत्र लिखे लेकिन सालभर तक कोई जवाब नहीं आए। बाद में अनशन किया और अनशन के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई तो सड़कों पर उतर कर जनता के बीच पहुंचे हैं।
पेपर लीक मामले में गहलोत सरकार पर पायलट का बड़ा हमला
सचिन पायलट का कहना है कि पेपर लीक मामले में उन्होंने सालभर पहले कहा था कि उन अधिकारियों और नेताओं का पता लगाना चाहिए जिन्होंने पेपर माफियाओं को संरक्षण दे रखा है। पायलट के बयान के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बयान जारी किया कि प्रदेश का कोई भी अधिकारी और नेता पेपर लीक प्रकरण में शामिल नहीं है। पिछले दिनों एसओजी ने राजस्थान लोकसेवा आयोग के सदस्य बाबूलाल कटारा को गिरफ्तार किया। कटारा ने द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के सामान्य ज्ञान का पेपर 1 करोड़ रुपए में बेचा था। कटारा की गिरफ्तारी के बाद पायलट ने कहा कि अब तक कटारा के घर पर बुलडोजर क्यों नहीं चलाया गया।
RPSC सदस्यों की चयन प्रक्रिया पर भी पायलट ने उठाए सवाल
सचिन पायलट ने आरपीएससी सदस्यों की चयन प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि पेपर लीक करने वाले बाबूलाल कटारा को आरपीएससी का सदस्य किसकी सिफारिश पर बनाया गया। ऐसे लोगों का चयन इतनी महत्वपूर्ण एजेंसी में होना ही नहीं चाहिए। आरपीएससी एक ऐसी संस्था है जो प्रदेश में जिम्मेदार अफसरों की भर्ती करती है। ऐसी संस्था में सदस्यों के चलन के लिए सख्त प्रावधान बनने चाहिए ताकि युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ा ना और राजस्थान को योग्य और इमानदार अफसर मिल सके। (रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर)