उत्तर बिहार की कई नदियां खतरे के निशान से पार, गांवों में पसरा पानी, आवागमन से जूझते हजारों लोग

5
उत्तर बिहार की कई नदियां खतरे के निशान से पार, गांवों में पसरा पानी, आवागमन से जूझते हजारों लोग

उत्तर बिहार की कई नदियां खतरे के निशान से पार, गांवों में पसरा पानी, आवागमन से जूझते हजारों लोग

ऐप पर पढ़ें

लगातार होती बारिश से नदियों में पानी का स्तर बढ़ता ही जा रहा है। इससे मंगलवार को कमला और बागमती समेत उत्तर बिहार की कई नदियों का जलस्तर खतरे के लाल निशान को पार कर गया। झंझारपुर में कमला बलान डेढ़ मीटर तो वहीं मधुबनी के जयनगर में कमला खतरे के निशान से 55 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। सीतामढ़ी के कटौझा में बागमती 75 सेंटीमीटर और सुंदरपुर में अधवारा नदी 55 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। पूर्वी व पश्चिम चंपारण, मुजफ्फरपुर, दरभंगा और समस्तीपुर में भी नदियों के जलस्तर में वृद्धि हुई है।


नदियों में पानी बढ़ने से जयनगर के निचले इलाकों में मौसमी फल व सब्जियों के खेत डूब गये हैं। वहीं, सीतामढ़ी के बेलसंड, सुप्पी, बैरगनिया, रुन्नीसैदपुर आदि क्षेत्र में तटबंध के भीतर निचले इलाकों में फैल गया है। मधुबनी के जयनगर में कमला नदी का पानी बढ़ने से बराज निर्माण का काम बाधित हो गया है। झंझारपुर में जल संसाधन विभाग अलर्ट मोड में तटबंधों की निगरानी कर रहा है। मुजफ्फरपुर के औराई में बागमती का जलस्तर बढ़ने से कई गांवों के चौर में पानी फैल गया है। गांवों की मुख्य सड़क पर पानी चढ़ गया है।

जिले के कटरा प्रखंड में भी बागमती का जलस्तर बढ़ रहा है। जिले के पश्चिमी इलाके में गंडक नदी का जलस्तर भी बढ़ रहा है। सीतामढ़ी के सोनबरसा में भारत-नेपाल सीमा पर झीम नदी का पानी सड़क पर बह रहा है। दरभंगा में कमला बलान नदी का जलस्तर बढ़ने से कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड की इटहर पंचायत के सात गांवों में बाढ़ का पानी फैल गया है।

10 हजार की आबादी के सामने आवागमन की समस्या

इससे इन गांवों का प्रखंड मुख्यालय से सड़क संपर्क भंग हो गया है। करीब 10 हजार की आबादी के समक्ष आवागमन की समस्या उत्पन्न हो गयी है। इन गांवों के लोगों को नाव से आवागमन करना पड़ रहा है। दरभंगा के घनश्यामपुर प्रखंड में कमला बलान नदी के दोनों तटबंधों के बीच बसे 10 गांवों के खेतों और सड़कों पर पानी फैलने लगा है। कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड में कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है।

श्चिम चंपारण में गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई है। वहीं, जिले की पहाड़ी नदियां उफान पर हैं। थरुहट के आधा दर्जन गांवों में मनोर व भपसा नदी का पानी घुस गया है। सैकड़ों एकड़ृ में लगी फसल डूब गयी है। नेपाल के देवघाट से 90 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जबकि वाल्मीकिनगर गंडक बराज से 71 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।

बिहार की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Delhi News