ई-केवाईसी व कागज के बहाने राशन रोजगार व शिक्षा पर किया जा रहा वार – Barwani News h3>
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कागज केवाईसी की मार बंद करो… बंद करो, राशन, रोजगार, शिक्षा, पेंशन पर वार बंद करो…बंद करो, स्वास्थ्य शिक्षा व रोजगार लेकर रहेगा मजदूर किसान… जैसे नारे लगाकर आदिवासियों ने अपने हक की मांग की। मंगलवार को जागृत आदिवासी दलित संगठन के बैनर तले आदिवासियों ने नारे लगाकर विरोध प्रदर्शन किया। 4 घंटे तक आमसभा कर सरकार की व्यवस्थाओं को गलत बताया।
मंगलवार दोपहर 1 बजे पाटी नाका से जागृत आदिवासी दलित संगठन के बैनर तले रैली प्रारंभ हुई। झंड़ाचौक पर आमसभा हुई। इसमें संगठन के पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने अपनी बात रखी। नासरी बाई निंगवाल ने बताया रोजगार, राशन आदि योजनाओं के लिए केंद्र सरकार द्वारा केवाईसी व कागज की मांग की जा रही है। कागज में कमी हो तो हमारा रोजगार, राशन, पेंशन सब हमसे छीना जा रहा है। कागज बनवाने व केवाईसी कराने पूरे समाज को पंचायत, तहसील से लेकर ऑनलाइन दुकानों व दलालों के पास दौड़ाया जा रहा है। हरसिंग जमरे ने बताया आज तक सभी लोग के आधार तक नहीं बन पाए लेकिन उससे पहले सरकार ने योजनाओं के लिए केवाईसी अनिवार्य कर दिया।
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आदिवासी छात्र संगठन के हमजिया रावत ने बताया अब आधार बनवाने या अपडेट कराने या बच्चों की स्कूल भर्ती के लिए जन्म प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है। जो गांव में कभी बने ही नहीं हैं। जन्म प्रमाण पत्र के लिए 5 प्रकार के दस्तावेज के साथ तहसील तक दौड़ना पड़ता है। लोक सेवा केंद्र के शुल्क के अलावा मप्र शासन 100 रुपए जुर्माना भी ले रही है। जो बंद किया जाना चाहिए। सांसद प्रत्याशी पोरलाल खरते, विधायक राजन मंडलोई ने अपनी बात रखी। माधुरी बेन सहित बड़ी संख्या में आदिवासी शामिल थे।
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नहीं पहुंचे सांसद, दो विधायकों ने दिया आश्वासन आदिवासियों पर लंबे समय से हो रही कागजी मार के खिलाफ पीएम नरेंद्र मोदी सहित सांसद गजेंद्रसिंह पटेल, सांसद सुमेरसिंह सोलंकी व जिले के चारों विधायक को बुलाया था। दोनों सांसदों ने आने का आश्वासन दिया था लेकिन दोनों नहीं पहुंचे। जिससे आदिवासियों में आक्रोश दिखा। उन्होंने कहा केंद्र तक हमारी आवाज वही पहुंचा सकते थे। यह उनकी जिम्मेदारी है कि वह हमारी समस्या को दिल्ली में उठाकर निराकरण कराएं। विधायक बाला बच्चन, विधायक राजन मंडलोई ने समस्या सुनकर मंच से कहा कि वे आदिवासियों की मांग को भोपाल ही नहीं बल्कि दिल्ली तक ले जाएंगे।
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कागज केवाईसी की मार बंद करो… बंद करो, राशन, रोजगार, शिक्षा, पेंशन पर वार बंद करो…बंद करो, स्वास्थ्य शिक्षा व रोजगार लेकर रहेगा मजदूर किसान… जैसे नारे लगाकर आदिवासियों ने अपने हक की मांग की। मंगलवार को जागृत आदिवासी दलित संगठन के बैनर तले आदिवासियों ने नारे लगाकर विरोध प्रदर्शन किया। 4 घंटे तक आमसभा कर सरकार की व्यवस्थाओं को गलत बताया।
मंगलवार दोपहर 1 बजे पाटी नाका से जागृत आदिवासी दलित संगठन के बैनर तले रैली प्रारंभ हुई। झंड़ाचौक पर आमसभा हुई। इसमें संगठन के पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने अपनी बात रखी। नासरी बाई निंगवाल ने बताया रोजगार, राशन आदि योजनाओं के लिए केंद्र सरकार द्वारा केवाईसी व कागज की मांग की जा रही है। कागज में कमी हो तो हमारा रोजगार, राशन, पेंशन सब हमसे छीना जा रहा है। कागज बनवाने व केवाईसी कराने पूरे समाज को पंचायत, तहसील से लेकर ऑनलाइन दुकानों व दलालों के पास दौड़ाया जा रहा है। हरसिंग जमरे ने बताया आज तक सभी लोग के आधार तक नहीं बन पाए लेकिन उससे पहले सरकार ने योजनाओं के लिए केवाईसी अनिवार्य कर दिया।
आदिवासी छात्र संगठन के हमजिया रावत ने बताया अब आधार बनवाने या अपडेट कराने या बच्चों की स्कूल भर्ती के लिए जन्म प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है। जो गांव में कभी बने ही नहीं हैं। जन्म प्रमाण पत्र के लिए 5 प्रकार के दस्तावेज के साथ तहसील तक दौड़ना पड़ता है। लोक सेवा केंद्र के शुल्क के अलावा मप्र शासन 100 रुपए जुर्माना भी ले रही है। जो बंद किया जाना चाहिए। सांसद प्रत्याशी पोरलाल खरते, विधायक राजन मंडलोई ने अपनी बात रखी। माधुरी बेन सहित बड़ी संख्या में आदिवासी शामिल थे।
नहीं पहुंचे सांसद, दो विधायकों ने दिया आश्वासन आदिवासियों पर लंबे समय से हो रही कागजी मार के खिलाफ पीएम नरेंद्र मोदी सहित सांसद गजेंद्रसिंह पटेल, सांसद सुमेरसिंह सोलंकी व जिले के चारों विधायक को बुलाया था। दोनों सांसदों ने आने का आश्वासन दिया था लेकिन दोनों नहीं पहुंचे। जिससे आदिवासियों में आक्रोश दिखा। उन्होंने कहा केंद्र तक हमारी आवाज वही पहुंचा सकते थे। यह उनकी जिम्मेदारी है कि वह हमारी समस्या को दिल्ली में उठाकर निराकरण कराएं। विधायक बाला बच्चन, विधायक राजन मंडलोई ने समस्या सुनकर मंच से कहा कि वे आदिवासियों की मांग को भोपाल ही नहीं बल्कि दिल्ली तक ले जाएंगे।