इस्कॉन वृंदावन की गोल्डन जुबली: 50 वर्ष पूरे होने पर किया गया भगवान का अभिषेक,200 देश के 1 हजार से ज्यादा विदेशी भक्त हुए शामिल – Mathura News h3>
मंदिर के 50 वर्ष पूरा होने पर भगवान का अभिषेक करते मंदिर के पुजारी
दुनिया भर में कृष्ण भक्ति को नई पहचान देने वाले इस्कॉन के संस्थापक श्रील भक्ति वेदांत प्रभुपाद जी ने दुनिया का पहला इस्कॉन का मंदिर वृंदावन में बनाया। 1975 में रामनवमी के दिन बने इस मंदिर के 50 वर्ष पूरे होने पर संस्था से जुड़े पदाधिकारी मंदिर में गो
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मंदिर में हुआ भगवान का अभिषेक
राम नवमी के अवसर पर 50 वर्ष पूरे करने पर मंदिर में भगवान का महाअभिषेक किया गया। मंदिर में विराजमान गौर निताई,कृष्ण बलराम और राधा कृष्ण के स्वरूपों के अलावा श्रील भक्ति वेदांत प्रभुपाद जी की प्रतिमा का अभिषेक किया गया। वैदिक मंत्र और शंख की ध्वनि के बीच मंदिर के पुजारियों ने भगवान का अभिषेक किया।
अभिषेक से पहले पूजन अर्चन किया गया
महामंत्र के जाप से गुंजायमान हुआ मंदिर
इस्कॉन मंदिर परिसर में भगवान का पंचामृत महा अभिषेक चल रहा था तो दूसरी तरफ वहां मौजूद हजारों भक्त हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे,हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे महामंत्र का जाप कर रहे थे। महामंत्र के जाप से पूरा मंदिर गुंजायमान हो रहा था। अभिषेक के दर्शन के लिए मौजूद हर भक्त आनंद में सराबोर नजर आया।
अभिषेक के दर्शन के लिए मौजूद भक्त
अभिषेक के पल को कैमरे में कैद करते नजर आए विदेशी भक्त
गोल्डन जुबली के अवसर पर आयोजित महा अभिषेक के पल को हमेशा याद रखा जाए इसके लिए विदेशों से आए भक्त अपने कैमरे में कैद करते नजर आए।अमेरिका,रसिया,यूक्रेन,ऑस्ट्रेलिया,जकार्ता और न जाने कहां कहां से यह भक्त अपने आराध्य के इस अदभुत पल में शामिल होने के लिए वृंदावन पहुंचे हुए हैं।
गोल्डन जुबली उत्सव में शामिल होने के लिए 200 से ज्यादा देश के भक्त पहुंचे हुए हैं
प्रभुपाद जी ने जगाई थी विदेशों में कृष्ण भक्ति की अलख
पूरी दुनिया में कृष्ण भक्ति और सनातन संस्कृति का प्रचार करने वाले श्रील भक्ति वेदांत प्रभुपाद जी ने भक्ति की एक अलख जगाई थी। 1965 में जब प्रभुपाद ही अमेरिका गए तब उनके पास महज 40 रुपए थे। प्रभुपाद जी के कृष्ण भक्ति की ऐसी अलख थी कि वह पूरी दुनिया 13 बार घूमे और 1975 में भगवान राधा कृष्ण की भूमि वृंदावन में इस्कॉन का पहला मंदिर बनाया।
प्रभुपाद जी ने दुनिया भर में कृष्ण भक्ति का प्रचार किया था
विदेशी भक्तों ने किया सहयोग
1965 में अमेरिका गए प्रभुपाद जी ने एक साल तक वहां की गलियों और पार्क में घूम घूमकर कीर्तन किया और भगवान का स्मरण किया। इसके बाद कुछ भक्त बने और कृष्ण भक्ति को एक मूवमेंट बनाने के लिए 1966 में न्यूयॉर्क में एक संस्था बनाई गई जिसका नाम रखा इंटरनेशनल सोसाइटी फ़ॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस। इस संस्था के तहत विश्व में कृष्ण भक्ति के लिए अभियान चलाना और मंदिर बनाने का संकल्प लिया गया। जिसके बाद 1975 में पहला इस्कॉन ने वृंदावन में मंदिर बनाया।