‘इंदिरा तेरी याद आई’ एमपी में कांग्रेस चलाएगी कैम्पेन: पटवारी बोले: पीएम के संबोधन से पहले ट्रंप ने जो कहा उसे देश समझे – Bhopal News h3>
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद भारत-पाक के बीच चल रहे तनाव को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हस्तक्षेप को लेकर कांग्रेस मोदी सरकार पर सवाल उठा रही है। सीजफायर के ऐलान के बाद सोमवार रात को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन के पहले अमेरिकी
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भोपाल में पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा-
ये स्पष्ट हो गया है कि ट्रम्प ने पूरे पाकिस्तान और भारत की युद्ध की परिस्थितियों को कंट्रोल किया, जो प्रधानमंत्री का देश के नाम संदेश आया उसके पहले ट्रंप ने जिस तरह की भाषा बोली कि मुझसे व्यापार करना है तो युद्ध पर विराम लगाना होगा मेरी बात माननी होगी।
पटवारी ने कहा- सवाल ये है कि युद्ध व्यापार के लिए तो हुआ नहीं था। आत्मसम्मान और भारत के नागरिकों की सुरक्षा के लिए हुआ। देश को देखना समझना है कि क्या ये सारी परिस्थितियां भारत के अनुकूल हुई हैं?
पटवारी ने कहा- हमने ही दुनिया को वसुधैव कुटुंबकम और प्राणियों में सद्भावना की बात की है। कांग्रेस पार्टी की मूल रीति नीति, विचार, संस्कार, मोहब्बत और भाईचारे के रहे हैं, लेकिन देश के प्रधानमंत्री ने पिछले 10-15 साल में जो भाषण दिए कि पाकिस्तान को लव लैटर लिखना बंद करना चाहिए। उसी की भाषा में उसको जवाब देना चाहिए। ये 2014 के चुनाव के पहले उनके वक्तव्य हैं। 22 सैनिकों की शहादत और 26 भारतीय नागरिकों की हत्या हुई। उससे बड़ा घात ये है कि धर्म पूछकर हत्या हुई। मैं समझता हूं ये भारत के आंतरिक व्यवहार को बिगाड़ने का एक कुचक्र और बहुत बड़ा षड्यंत्र था। भारतवर्ष की जो सभ्यता परंपरा से वो बच पाया। यही भारत की ताकत है।
क्या परिस्थितियां हमारे अनुकूल हैं ये देश समझे पटवारी ने कहा- ये स्पष्ट हो गया है कि ट्रंप ने पूरे पाकिस्तान और भारत की युद्ध की परिस्थितियों को कंट्रोल किया। देश को देखना समझना है कि क्या ये सारी परिस्थितियां भारत के अनुकूल हुई हैं? 22 दिन युद्ध में पूरा देश उहापोह में रहा। उससे मेरे देश को क्या मिला?
पटवारी ने कहा- जिस देश की कोई हैसियत नहीं थी। न तो सामरिक ताकत, न सैन्य ताकत और न ही आर्थिक हैसियत थी। पाकिस्तान दुनिया के रहमोकरम पर जिंदा है। जिस तरह 22 दिन का घटनाक्रम चला वो पूरे देश के लोगों को सोचने के लिए मजबूर करेगा। मैं मानता हूं प्रधानमंत्री का पद महत्वपूर्ण और सम्मानित होता है। हर देशभक्त नागरिक को देश का प्रधानमंत्री किसी भी पार्टी और विचार का हो उनका सम्मान सबको करना चाहिए। मैं मानता हूं कि जिस तरह से 22 सैनिकों की शहादत जो भारत सरकार ने स्वीकार की है। 28 सिविलियंस की जो हत्या हुई है उनको अब सिर्फ श्रद्धांजलि देने के अलावा हमारे पास कुछ नहीं है।
मप्र सरकार पर भी बोला हमला
पटवारी बोले-मप्र सरकार नहीं सर्कस, सारे मंत्री जम्हूरे हैं पटवारी ने मप्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा- मुख्यमंत्री का नैतिक दायित्व समाप्त हो चुका है। मुख्यमंत्री कोई ऐसा काम नहीं करते जिससे वो मुख्यमंत्री जैसा दिखें। सीएम रोज ऐसा काम करते हैं जिससे वो अखबार में छप जाएं। आपकी अर्थव्यवस्था दिन पर दिन बदतर होती जा रही है। कर्ज सिर चढ़कर बोल रहा है। अर्थव्यवस्था सुधारने सीएम ने प्रयास नहीं किए।
बहनों की राशि 12सौ से 15सौ रुपए करने सीएम ने प्रयास नहीं किया पटवारी ने कहा- कभी मुख्यमंत्री ने विचार किया कि हम अर्थव्यवस्था सुधारें। सीएम ने ऐसा कोई प्रयास किया कि मैं केन्द्र से व्यवस्था बनाऊं और किसानों से किया वादा पूरा करूं? बहनों को तीन हजार रुपए देने थे। भाषणों में कहते हैं कि मेरा वचन पत्र रामायण और गीता जैसा पवित्र है, लेकिन एक बार भी ये प्रयास नहीं किया कि मैं बहनों की राशि 1250 से 1500 कर दूं। कभी इन मुख्यमंत्री ने युवाओं के लिए रोजगार बढ़ाने के लिए प्रयास किया ?
इन्वेस्टर्स मीट पर 20 हजार करोड़ खर्च किए, आउटपुट क्या है पटवारी ने कहा- कभी हमारे मुख्यमंत्री ने ये प्रयास किया कि कानून व्यवस्था कैसे सुधारें? हमारी बहनों के गायब होने और उनके साथ बलात्कार में हमारा प्रदेश नंबर वन है। इसको रोकने के लिए मुख्यमंत्री ने कभी प्रयास किया कि एसपी-कलेक्टरों से बात की जाए और क्या किया जाए कि बहनों की सुरक्षा सुनिश्चित हो। ये सरकार सर्कस है और इसके सारे मंत्री जम्हूरे हैं।