आसमान की बुलंदियां छूने को तैयार बिटिया, 500 में आया 476 नंबर, इंजीनियर बनने का सपना पापा करेंगे पूरा
चाचा के पास रहकर अंकिता ने की पढ़ाई
अंकिता रोहतास जिले के दरिहट गांव की निवासी है। उसके चाचा रूकेंद्र कुमार एसएनएस हाई स्कूल, नवीनगर में टीचर हैं। अपने चाचा के स्कूल से ही अंकिता ने नौवीं और दसवीं की पढ़ाई की है। अंकिता के पिता बिक्रम कुमार रोहतास जिले के अकोढ़ीगोला प्रखंड में राजकीय मध्य विद्यालय, मथुरापुर में प्रधानाध्यापक हैं। जबकि मां रेणु कुमारी ग्रेजुएट हैं और गृहिणी हैं। अंकिता तीन भाई-बहनों में सबसे छोटी है। हाल ही में बिहार बोर्ड के इंटर साइंस की परीक्षा में बड़ी बहन अंशु ने 86.2 प्रतिशत अंक लाया था। अंकिता का बड़ा भाई अंकित कुमार शुभम गणित विषय से इंटर विज्ञान का 11वीं का सीबीएसई बोर्ड के स्कूल का छात्र है। उसने सीबीएसई के 10वीं बोर्ड परीक्षा में 93 प्रतिशत अंक लाया था। अंकिता को पढ़ाई करने में उसकी बड़ी बहन और भाई ने सहयोग किया।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने की चाहत
अंकिता का सपना है कि वो सॉफ्टवेयर इंजीनियर बने। इसी कारण वो मैट्रिक परीक्षा का रिजल्ट आने से पहले ही राजस्थान के कोटा में एडमिशन लेने अपने माता-पिता के साथ गई हुई है। कोटा में ही न्यूज के माध्यम से माता-पिता को जानकारी मिली कि उनकी बेटी अंकिता बिहार मैट्रिक की परीक्षा में राज्यभर में 10वें स्थान पर आई है। उनके जानने वाले और परिजनों ने अंकिता को फोन कर शुभकामना दी। माता-पिता ने वहीं मिठाई खरीदी और अपनी बेटी का मुंह मीठा कराया। अपनी बेटी की सफलता से माता-पिता बेहद खुश हैं। पिता का कहना है कि बेटी ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने का जो सपना देखा है, उसी सपने को पूरा कराने कोटा आए हैं। उन्होंने कहा कि बेटी की चाह ही उनकी चाहत है। छोटी बेटी से काफी उम्मीद है और वो जेइई की परीक्षा में सफल होकर जरूर सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनेगी।
अंकिता ने बताया कि मैथ्स से इंटर साइंस की पढ़ाई कोचिंग करते हुए करूंगी। सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनकर ही दम लूंगी। अंकिता अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता, चाचा, बड़ी बहन, भाई और शिक्षक अजय सर, राजेंद्र राम और रूकेंद्र कुमार (चाचा) को देते हुए कहा कि सबने मुझे अच्छे से गाइड किया है। सबके गाइडेंस ने ही उसे सफलता के इस मुकाम पर पहुंचाया है। आगे भी वो अपने इरादे को परवान चढ़ाएंगी और सफलता का झंडा बुलंद करेगी।
रिपोर्ट- आकाश कुमार