आर्य समाज और मंदिर ट्रस्ट के बीच विवाद: आर्य समाज प्रधान बोले- जल्द सुलझेगा यह मुद्दा, फिर परचम लहराता दिखेगा – Hanumangarh News

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आर्य समाज और मंदिर ट्रस्ट के बीच विवाद:  आर्य समाज प्रधान बोले- जल्द सुलझेगा यह मुद्दा, फिर परचम लहराता दिखेगा – Hanumangarh News

आर्य समाज और मंदिर ट्रस्ट के बीच विवाद: आर्य समाज प्रधान बोले- जल्द सुलझेगा यह मुद्दा, फिर परचम लहराता दिखेगा – Hanumangarh News

आर्य समाज और आर्य समाज मंदिर ट्रस्ट में चल रहे विवाद के बीच शुक्रवार को आर्य समाज के प्रतिनिधियों ने जंक्शन स्थित एक होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

हनुमानगढ़ टाउन के आर्य समाज और आर्य समाज मंदिर ट्रस्ट में चल रहे विवाद के बीच शुक्रवार को आर्य समाज के प्रतिनिधियों ने जंक्शन स्थित एक होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें आर्य समाज के प्रतिनिधियों ने आर्य समाज मंदिर ट्रस्ट के लोगों पर आर्य समाज कैंपस

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आर्य समाज प्रधान सुरेन्द्र बेनीवाल ने कहा कि आर्य समाज में कहीं मूर्ति पूजा नहीं होती। जहां मूर्ति नहीं होती वह मंदिर नहीं हो सकता। आर्य समाज में यज्ञशाला में हवन होता है। आर्य समाज के नाम से पंजाब नेशनल बैंक में खाता है, जो वर्तमान में चल रहा है। आर्य समाज की दुकानों के किराए सहित अन्य रुपए उसी खाते में जमा होते हैं। अन्य सभी प्रकार का लेनदेन इस खाते के जरिए होता है। आर्य समाज मंदिर का दावा करने वाले लोगों ने 19 जून 2024 को आर्य समाज मंदिर के नाम से यूको बैंक में खाता खुलवाया था। उस यूको बैंक के खाते में इन लोगों की ओर से 23 फरवरी 2025 को महर्षि देवानंद सेवा आश्रम के नाम से एक लाख रुपए की ट्रांजेक्शन की गई है। वह इसलिए की गई है क्योंकि देवस्थान विभाग ने जो ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन किया है, वह गलत है। उसके खाता का संचालन नहीं है। यह सब कागजों में दिखाने के लिए किया गया है। तीन दिन बाद वह पैसा तीन अलग-अलग किश्तों में निकल जाता है। अगर वे आर्य समाज मंदिर के पदाधिकारी थे तो 5 दिसम्बर 2024 को उन्होंने आर्य समाज के खाते से 80 हजार रुपए कैसे निकलवाए। यह सोचने का विषय है।

बेनीवाल के अनुसार प्रदेश के सभी आर्य समाज के संचालन की जिम्मेवारी आर्य प्रतिनिधि सभा राजस्थान जयपुर की है जो 1896 से कॉपरेटिव एक्ट में रजिस्टर्ड है। बलवंत सिंह निडर अगर आर्य समाज मंदिर का प्रधान या पदाधिकारी है तो वह आर्य समाज की रसीद कैसे काट सकता है। बेनीवाल के अनुसार इनका सिर्फ एक मकसद है कि जब इनसे आर्य समाज की कार्यकारिणी छिन गई और नई कार्यकारिणी बन गई तो उन्होंने उस कार्यकारिणी को रिकॉर्ड देने की बजाय नई बात शुरू कर दी कि यह आर्य समाज मंदिर ट्रस्ट है, लेकिन यह आर्य समाज मंदिर ट्रस्ट नहीं बल्कि आर्य समाज है। उनकी नियत केवल आर्य समाज कैंपस बल्कि बाल विकास स्कूल पर भी कब्जा करने की है।

बेनीवाल के अनुसार देवस्थान विभाग में इस ट्रस्ट के खिलाफ धारा 38 में कार्रवाई शुरू हो चुकी है। देवस्थान विभाग के उदयपुर स्थित हेड ऑफिस में संस्था के रजिस्ट्रेशन की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। यह मुद्दा जल्द सुलझेगा और आर्य समाज फिर परचम लहराता दिखेगा।

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