आरजेडी में नए-नवेले अभय कुशवाहा पर लालू का बड़ा दांव, क्यों कोइरी वोट पर खेल रहे तेजस्वी यादव?
ऐप पर पढ़ें
बिहार में लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण में कुशवाहा वोटों की गोलबंदी से खुद 3 और महागठबंधन को 6 सीट जिताने वाला राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कोइरी वोट पर खेल रहा है। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने 3 महीने पहले टिकट के लिए नीतीश कुमार की जेडीयू छोड़कर आए नए-नवेले राजद नेता अभय कुशवाहा को लोकसभा में राजद संसदीय दल का नेता बना दिया है। पहले चरण की औरंगाबाद सीट से पहली बार संसद पहुंचे अभय कुशवाहा को तेजस्वी यादव ने औरंगाबाद में मतदान के बाद कोइरी बहुल इलाकों में वोट जुटाने के काम पर लगाया था। काराकाट में रालोमो अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ पवन सिंह के निर्दलीय लड़ने से बक्सर से पटना तक कुशवाहा वोट पलट गया।
लालू और तेजस्वी ने एक ऐसे नेता को लोकसभा में पार्टी संसदीय दल का नेता बनाया है जो मात्र तीन महीने पहले राजनीतिक अवसर तलाशते हुए राजद में आया है। जेडीयू में आरसीपी सिंह कैंप के आदमी रहे अभय कुशवाहा पर आरजेडी ने बड़ा चांस लिया है। नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा के सामने बीजेपी की तरफ से सम्राट चौधरी को बढ़ाने के बाद बिहार में कोइरी वोट फोकस में है। बिहार के जाति आधारित सर्वेक्षण के मुताबिक राज्य में कोइरी 4 परसेंट से ज्यादा हैं।
मीसा को मौका नहीं, अभय कुशवाहा लोकसभा तो फैयाज अहमद राज्यसभा में RJD संसदीय दल के नेता
लोकसभा चुनाव में एनडीए ने 4 जबकि महागठबंधन ने 7 कुशवाहा को लड़ाया। बीजेपी ने एक भी कोइरी को कैंडिडेट नहीं बनाया। चुनाव नतीजों ने संकेत दिया है कि कुशवाहा में राजद को लेकर सोच बदल रही है। लालू और तेजस्वी को इस बार के नतीजों के बाद यह एक ऐसे जाति समूह के तौर पर दिख रहा है जिसे वो थोड़ी तवज्जो देकर और मेहनत करके अपने मूल वोट यादव-मुसलमान के साथ जोड़ सकते हैं। एनडीए कैंप में इसको लेकर बेचैनी है। जेडीयू सांसद देवेश चंद्र ठाकुर का एक सभा में यह कह जाना कि लालू ने 7 कुशवाहा को टिकट दे दिया तो आप स्वार्थी हो गए, उसकी एक झलक है।
मुस्लिम-यादव को मिलाकर MY समीकरण बनाने वाले लालू ने फैयाज अहमद को राज्यसभा में संसदीय दल का नेता बनाकर दूसरे मजबूत आधार वोट बैंक मुसलमान को भी खुश रखने की कोशिश की है। तेजस्वी भी लगातार राजद को ए टू जेड की पार्टी बता रहे हैं। चर्चा है कि बिहार विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव और महागठबंधन बड़ी संख्या में कुशवाहा नेताओं को टिकट दे सकता है। संसदीय दल का नेता बनाकर लालू ने एक झटके में अभय कुशवाहा को उपेंद्र कुशवाहा और सम्राट चौधरी के सामने खड़ा कर दिया है।
बिहार के ‘चितौड़गढ़’ में पहली बार जीता गैर-राजपूत, औरंगाबाद में अभय कुशवाहा ने लालटेन जला दिया
लोकसभा में राजद के चार सांसद पहुंचे हैं जिसमें संसदीय अनुभव के हिसाब से सबसे सीनियर मीसा भारती हैं। मीसा लोकसभा पहुंचने से पहले दो बार राज्यसभा सांसद बन चुकी हैं। दूसरे सीनियर सुरेंद्र प्रसाद यादव हैं जो 1998 में जहानाबाद से लोकसभा जीते थे। सुरेंद्र 1990 से बेलागंज सीट से विधायक चुनाव जीत रहे हैं। 1998 में सांसद बनने पर राजद के महेश यादव उप-चुनाव जीते थे। फिर 2000 के चुनाव से सुरेंद्र लगातार बेलागंज जीत रहे हैं।
Turncoat Results: लवली आनंद, अभय कुशवाहा तो जीत गए; बाकी दलबदलू कैंडिडेट का क्या हुआ?
2020 में सुरेंद्र यादव के हाथों बेलागांज में हारे अभय कुशवाहा तीसरे राजद सांसद हैं जो औरंगाबाद से जीते हैं। अभय कुशवाहा 2015 में टिकारी सीट से जेडीयू विधायक रह चुके हैं। चौथे सांसद सुधाकर सिंह हैं जो 2020 में पहली बार रामगढ़ सीट से विधायक बने। सुधाकर सिंह के पिता जगदानंद सिंह प्रदेश राजद अध्यक्ष हैं और बक्सर से एक बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं।
बिहार की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Delhi News
ऐप पर पढ़ें
बिहार में लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण में कुशवाहा वोटों की गोलबंदी से खुद 3 और महागठबंधन को 6 सीट जिताने वाला राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कोइरी वोट पर खेल रहा है। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने 3 महीने पहले टिकट के लिए नीतीश कुमार की जेडीयू छोड़कर आए नए-नवेले राजद नेता अभय कुशवाहा को लोकसभा में राजद संसदीय दल का नेता बना दिया है। पहले चरण की औरंगाबाद सीट से पहली बार संसद पहुंचे अभय कुशवाहा को तेजस्वी यादव ने औरंगाबाद में मतदान के बाद कोइरी बहुल इलाकों में वोट जुटाने के काम पर लगाया था। काराकाट में रालोमो अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ पवन सिंह के निर्दलीय लड़ने से बक्सर से पटना तक कुशवाहा वोट पलट गया।
लालू और तेजस्वी ने एक ऐसे नेता को लोकसभा में पार्टी संसदीय दल का नेता बनाया है जो मात्र तीन महीने पहले राजनीतिक अवसर तलाशते हुए राजद में आया है। जेडीयू में आरसीपी सिंह कैंप के आदमी रहे अभय कुशवाहा पर आरजेडी ने बड़ा चांस लिया है। नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा के सामने बीजेपी की तरफ से सम्राट चौधरी को बढ़ाने के बाद बिहार में कोइरी वोट फोकस में है। बिहार के जाति आधारित सर्वेक्षण के मुताबिक राज्य में कोइरी 4 परसेंट से ज्यादा हैं।
मीसा को मौका नहीं, अभय कुशवाहा लोकसभा तो फैयाज अहमद राज्यसभा में RJD संसदीय दल के नेता
लोकसभा चुनाव में एनडीए ने 4 जबकि महागठबंधन ने 7 कुशवाहा को लड़ाया। बीजेपी ने एक भी कोइरी को कैंडिडेट नहीं बनाया। चुनाव नतीजों ने संकेत दिया है कि कुशवाहा में राजद को लेकर सोच बदल रही है। लालू और तेजस्वी को इस बार के नतीजों के बाद यह एक ऐसे जाति समूह के तौर पर दिख रहा है जिसे वो थोड़ी तवज्जो देकर और मेहनत करके अपने मूल वोट यादव-मुसलमान के साथ जोड़ सकते हैं। एनडीए कैंप में इसको लेकर बेचैनी है। जेडीयू सांसद देवेश चंद्र ठाकुर का एक सभा में यह कह जाना कि लालू ने 7 कुशवाहा को टिकट दे दिया तो आप स्वार्थी हो गए, उसकी एक झलक है।
मुस्लिम-यादव को मिलाकर MY समीकरण बनाने वाले लालू ने फैयाज अहमद को राज्यसभा में संसदीय दल का नेता बनाकर दूसरे मजबूत आधार वोट बैंक मुसलमान को भी खुश रखने की कोशिश की है। तेजस्वी भी लगातार राजद को ए टू जेड की पार्टी बता रहे हैं। चर्चा है कि बिहार विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव और महागठबंधन बड़ी संख्या में कुशवाहा नेताओं को टिकट दे सकता है। संसदीय दल का नेता बनाकर लालू ने एक झटके में अभय कुशवाहा को उपेंद्र कुशवाहा और सम्राट चौधरी के सामने खड़ा कर दिया है।
बिहार के ‘चितौड़गढ़’ में पहली बार जीता गैर-राजपूत, औरंगाबाद में अभय कुशवाहा ने लालटेन जला दिया
लोकसभा में राजद के चार सांसद पहुंचे हैं जिसमें संसदीय अनुभव के हिसाब से सबसे सीनियर मीसा भारती हैं। मीसा लोकसभा पहुंचने से पहले दो बार राज्यसभा सांसद बन चुकी हैं। दूसरे सीनियर सुरेंद्र प्रसाद यादव हैं जो 1998 में जहानाबाद से लोकसभा जीते थे। सुरेंद्र 1990 से बेलागंज सीट से विधायक चुनाव जीत रहे हैं। 1998 में सांसद बनने पर राजद के महेश यादव उप-चुनाव जीते थे। फिर 2000 के चुनाव से सुरेंद्र लगातार बेलागंज जीत रहे हैं।
Turncoat Results: लवली आनंद, अभय कुशवाहा तो जीत गए; बाकी दलबदलू कैंडिडेट का क्या हुआ?
2020 में सुरेंद्र यादव के हाथों बेलागांज में हारे अभय कुशवाहा तीसरे राजद सांसद हैं जो औरंगाबाद से जीते हैं। अभय कुशवाहा 2015 में टिकारी सीट से जेडीयू विधायक रह चुके हैं। चौथे सांसद सुधाकर सिंह हैं जो 2020 में पहली बार रामगढ़ सीट से विधायक बने। सुधाकर सिंह के पिता जगदानंद सिंह प्रदेश राजद अध्यक्ष हैं और बक्सर से एक बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं।