आरजेडी और कांग्रेस में सीटों पर तकरार, निखिल कुमार बोले- पार्टी आदेश दे, औरंगाबाद से लड़ूंगा चुनाव h3>
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बिहार महागठबंधन में बिना सीट बंटवारे के आरजेडी द्वारा प्रत्याशियों को सिंबल बांटे जाने पर विवाद छिड़ गया है। आरजेडी और कांग्रेस के बीच तनातनी देखी जा रही है। खास तौर पर औरंगाबाद सीट पर कांग्रेस नेता निखिल कुमार आरडजेडी के खिलाफ खुलकर आ गए हैं। उन्होंने यह तक कह दिया है कि पार्टी आदेश दे, वह औरंगाबाद से चुनाव लड़ने को तैयार हैं। केरल के पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार ने लालू प्रसाद यादव की पार्टी पर गठबंधन धर्म का पालन नहीं करने का आरोप लगाया है।
औरंगाबाद सीट से आरजेडी द्वारा उम्मीदवार दिए जाने से औरंगाबाद जिला कांग्रेस में नाराजगी है। औरंगाबाद के कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता शनिवार को पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार के पटना स्थित आवास पर जुटे। इन लोगों ने बैठक कर निखिल कुमार को प्रत्याशी बनने के लिए जोर दिया। निखिल कुमार के समर्थक औरंगाबाद लोकसभा चुनाव में उन्हें प्रत्याशी बनाने के लिए अड़े हुए हैं।
पत्रकारों से बातचीत में निखिल कुमार ने कहा कि पार्टी का आदेश होगा तो वे चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि औरंगाबाद सीट पर चुनाव लड़ने के लिए पार्टी आलाकमान से हरी झंडी मिलेगी। निखिल कुमार ने आरजेडी द्वारा अभय कुशवाहा को औरंगाबाद से टिकट दिए जाने पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि आरजेडी ने गठबंधन धर्म का पालन किए बिना एकतरफा उम्मीदवार की घोषणा कर दी। यह बिल्कुल गलत है।
औरंगाबाद जिला कांग्रेस अध्यक्ष रमेश कुमार सिंह ने कहा कि यह कांग्रेस की सीट रही है। यहां कांग्रेस का मजबूत दावा है। आरजेडी ने यहां एकतरफा अपना उम्मीदवार उतार दिया। गठबंधन में ऐसा नहीं होना चाहिए। हम लोगों ने औरंगाबाद से हमारे नेता निखिल कुमार को प्रत्याशी बनाए जाने के मामले पर बैठक की है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता निखिल कुमार औरंगाबाद से 2004 से 2009 तक सांसद रहे। 2009 और 2014 में भी उन्होंने यहां से चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने पार्टी से टिकट मांगा था, मगर महागठबंधन के सीट बंटवारे में औरंगाबाद हम के खाते में चली गई थी। इस कारण वह चुनाव नहीं लड़ पाए।
2024 के चुनाव में निखिल कुमार को उम्मीद थी कि औरंगाबाद सीट कांग्रेस के खाते में ही आएगी और उन्होंने यहां से चुनाव लड़ने की तैयारी भी कर ली थी। मगर आरजेडी ने बिना सीट बंटवारे के पूर्व विधायक अभय कुशवाहा को यहां से टिकट दे दिया। पूर्व आईपीएस अधिकारी निखिल कुमार केरल और नागालैंड के राज्यपाल रह चुके हैं।
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बिहार महागठबंधन में बिना सीट बंटवारे के आरजेडी द्वारा प्रत्याशियों को सिंबल बांटे जाने पर विवाद छिड़ गया है। आरजेडी और कांग्रेस के बीच तनातनी देखी जा रही है। खास तौर पर औरंगाबाद सीट पर कांग्रेस नेता निखिल कुमार आरडजेडी के खिलाफ खुलकर आ गए हैं। उन्होंने यह तक कह दिया है कि पार्टी आदेश दे, वह औरंगाबाद से चुनाव लड़ने को तैयार हैं। केरल के पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार ने लालू प्रसाद यादव की पार्टी पर गठबंधन धर्म का पालन नहीं करने का आरोप लगाया है।
औरंगाबाद सीट से आरजेडी द्वारा उम्मीदवार दिए जाने से औरंगाबाद जिला कांग्रेस में नाराजगी है। औरंगाबाद के कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता शनिवार को पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार के पटना स्थित आवास पर जुटे। इन लोगों ने बैठक कर निखिल कुमार को प्रत्याशी बनने के लिए जोर दिया। निखिल कुमार के समर्थक औरंगाबाद लोकसभा चुनाव में उन्हें प्रत्याशी बनाने के लिए अड़े हुए हैं।
पत्रकारों से बातचीत में निखिल कुमार ने कहा कि पार्टी का आदेश होगा तो वे चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि औरंगाबाद सीट पर चुनाव लड़ने के लिए पार्टी आलाकमान से हरी झंडी मिलेगी। निखिल कुमार ने आरजेडी द्वारा अभय कुशवाहा को औरंगाबाद से टिकट दिए जाने पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि आरजेडी ने गठबंधन धर्म का पालन किए बिना एकतरफा उम्मीदवार की घोषणा कर दी। यह बिल्कुल गलत है।
औरंगाबाद जिला कांग्रेस अध्यक्ष रमेश कुमार सिंह ने कहा कि यह कांग्रेस की सीट रही है। यहां कांग्रेस का मजबूत दावा है। आरजेडी ने यहां एकतरफा अपना उम्मीदवार उतार दिया। गठबंधन में ऐसा नहीं होना चाहिए। हम लोगों ने औरंगाबाद से हमारे नेता निखिल कुमार को प्रत्याशी बनाए जाने के मामले पर बैठक की है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता निखिल कुमार औरंगाबाद से 2004 से 2009 तक सांसद रहे। 2009 और 2014 में भी उन्होंने यहां से चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने पार्टी से टिकट मांगा था, मगर महागठबंधन के सीट बंटवारे में औरंगाबाद हम के खाते में चली गई थी। इस कारण वह चुनाव नहीं लड़ पाए।
2024 के चुनाव में निखिल कुमार को उम्मीद थी कि औरंगाबाद सीट कांग्रेस के खाते में ही आएगी और उन्होंने यहां से चुनाव लड़ने की तैयारी भी कर ली थी। मगर आरजेडी ने बिना सीट बंटवारे के पूर्व विधायक अभय कुशवाहा को यहां से टिकट दे दिया। पूर्व आईपीएस अधिकारी निखिल कुमार केरल और नागालैंड के राज्यपाल रह चुके हैं।